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श्री कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर बोले - शुभकाल में हो रही रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Inauguration Of Ram Mandir: कालकाजी के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवुध ने कहा हैं कि अयोध्‍या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा का मुहूर्त शुभ है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 20, 2024, 12:43 PM IST

श्री कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर

नई दिल्ली: अयोध्‍या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा उत्‍सव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. 22 जनवरी को यह कार्यक्रम होगा. हालांकि मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा से जुड़े पूजा कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरु हो चुका है, लेकिन मुख्‍य प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को मंदिर के गर्भग्रह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा. समारोह के शुभ मुहूर्त को लेकर उत्तराखंड के ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवाल उठाया है. उनका कहना हैं कि अधूरे निर्माण के दौरान मंदिर में भगवान का प्राण प्रतिष्ठा नहीं होना चाहिए. वहीं श्री कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर ने मुहूर्त को शुभ बताया है.

कालकाजी के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवुध ने कहा हैं कि, 22 जनवरी 2024, पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश को चुना गया है. यह शुभ मुहूर्त है, इसपर सवाल खड़ा करना उचित नहीं होगा. जिस मुहूर्त में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री के द्वारा किया जा रहा है वह शास्त्र के अनुसार सही है.

गौरतलब है कि,अर्धनिर्मित मंदिर में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा और पुरानी मूर्ति को लेकर शंकराचार्य ने नई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा और पुरानी मूर्ति को लेकर ज्योतिर्मठ शंकराचार्य ने कुछ सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि नई मूर्ति आ गई है तो उस मूर्ति का क्या होगा जिसे इतने वर्षों से पूजा जा रहा था. साथ ही वह कार्यक्रम में शामिल होने से उन्होंने मना कर दिया है. हालाँकि, उन्होंने जो प्रश्न पूछे हैं उस पर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पहले ही स्पष्ट कर चुका है.

श्री कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर

नई दिल्ली: अयोध्‍या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा उत्‍सव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. 22 जनवरी को यह कार्यक्रम होगा. हालांकि मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा से जुड़े पूजा कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरु हो चुका है, लेकिन मुख्‍य प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को मंदिर के गर्भग्रह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा. समारोह के शुभ मुहूर्त को लेकर उत्तराखंड के ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवाल उठाया है. उनका कहना हैं कि अधूरे निर्माण के दौरान मंदिर में भगवान का प्राण प्रतिष्ठा नहीं होना चाहिए. वहीं श्री कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर ने मुहूर्त को शुभ बताया है.

कालकाजी के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवुध ने कहा हैं कि, 22 जनवरी 2024, पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश को चुना गया है. यह शुभ मुहूर्त है, इसपर सवाल खड़ा करना उचित नहीं होगा. जिस मुहूर्त में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री के द्वारा किया जा रहा है वह शास्त्र के अनुसार सही है.

गौरतलब है कि,अर्धनिर्मित मंदिर में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा और पुरानी मूर्ति को लेकर शंकराचार्य ने नई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा और पुरानी मूर्ति को लेकर ज्योतिर्मठ शंकराचार्य ने कुछ सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि नई मूर्ति आ गई है तो उस मूर्ति का क्या होगा जिसे इतने वर्षों से पूजा जा रहा था. साथ ही वह कार्यक्रम में शामिल होने से उन्होंने मना कर दिया है. हालाँकि, उन्होंने जो प्रश्न पूछे हैं उस पर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पहले ही स्पष्ट कर चुका है.

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