रायपुर: बलरामपुर में पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत पर छत्तीसगढ़ में सियासी भूचाल जारी है. रविवार को कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साय सरकार पर कई सवालिया निशान उठाए. कांग्रेस की तरफ से पीसीसी चीफ दीपक बैज ने मोर्चा संभाला और सरकार पर कई सवाल दागे हैं. कांग्रेस ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का आरोप लगाया है. दीपक बैज ने कहा कि "पूरा प्रदेश जल रहा है और राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार है."
गृह मंत्री विजय शर्मा को बर्खास्त करने की मांग: कांग्रेस ने प्रदेश में इस तरह की घटनाओं को लेकर सीएम विष्णुदेव साय का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा को भी बर्खास्त करने की मांग की गई है. रायपुर में कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन में पत्रकार वार्ता कर दीपक बैज ने राज्य सरकार पर हमला किया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने बलरामपुर में युवक की मौत को लेकर आंदोलन का ऐलान किया है.
नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. इस तरह की घटनाओं को लेकर गृह मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए. आज पूरा प्रदेश जल रहा है. पहले बलौदाबाजार, फिर कवर्धा ,फिर सूरजपुर और अब बलरामपुर जल रहा है. आखिरी घटनाएं कब रुकेगी, इसे कौन रोकेगा इन घटनाओं के घटना के लिए कौन जिम्मेदार है यह सबसे बड़ा सवाल है.27 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों में पुतला दहन हम कर रहे हैं, 28 अक्टूबर को सभी जिला कांग्रेस कमेटी में पत्रकारवार्ता ली जाएगी. 3 नवंबर को प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया जायेगा: दीपक बैज, पीसीसी चीफ
पुलिस कस्टडी में हुई युवक की मौत: कांग्रेस पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि बलरामपुर पुलिस की कस्टडी में युवक की मौत हुई है. जबकि पुलिस का दावा है कि गुरुचरण की मौत बाथरुम में फांसी लगाने से हुई है. तथ्य यह बताते हैं कि गुरुचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है. मृतक जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी. गुरुचरण मंडल को उसके पिता के साथ उसकी पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था. दीपक बैज ने आरोप लगाया कि इनके साथ मार पिटाई की गई.
दीपक बैज ने पुलिस प्रशासन पर लगाए आरोप: दीपक बैज ने कहा कि" मृतक के परिजनों ने बताया कि पुलिस ने 4 दिनों से गुरुचरण और उसके पिता को थाने बुलाया. 4 दिनों से उसे थाने में हिरासत में रखा था. गुरुचरण के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा जिससे उसके बेटे की मौत हो गई." इस दौरान दीपक बैज ने आरोप लगाया कि "पुलिस किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में नहीं रख सकती. इस केस में उसे चार दिनों तक हिरासत में क्यों रखा गया. 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया. मृतक के पास तौलिया कहां से आया. मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे, पुलिस जलाना क्यों चाहती थी, हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया."
उच्च न्यायालय के जज से कराई जाए जांच: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने इस केस में हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की है. इसके साथ ही जो पुलिसकर्मी इस केस में शामिल हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी दीपक बैज ने की है. मृतक के शव का डॉक्टरों के दल से पोस्टमार्टम कराया जाए. इसके साथ ही मृतक के परिवार को एक करोड़ की मुआवजा राशि दी जाए.