रायपुर: साल 2024 की पौष पूर्णिमा 2024 का पर्व 25 जनवरी दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. छत्तीसगढ़ में इस दिन को छेरछेरा पुन्नी और शाकंभरी जयंती के रूप में भी मनाई जाती है. आज के दिन स्नान दान का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन राशियों के अनुसार रत्न अथवा शुभ वस्तुएं खरीदना लाभकारी माना जाता है.
पौष पूर्णिमा का महत्व: पौष पूर्णिमा 2024 का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. 25 जनवरी को कर्क राशि का चंद्रमा प्रातः 8:38 तक पुनर्वसु नक्षत्र उसके बाद पुष्य नक्षत्र का विशेष संयोग रहेगा. गुरु पुष्य योग के कारण इस दिन स्नान दान का भी बड़ा महत्व है. इस दिन राशि रत्न अथवा शुभ वस्तुओं का क्रय करना लाभकारी रहता है. मन मस्तिष्क और जल तत्व को प्रभावित करने वाले चंद्रमा स्वयं की राशि कर्क राशि में पूर्णिमा के दिन विद्यमान रहना अत्यंत प्रभावशाली हैं.
पौष पूर्णिमा के दिन व्रत का महत्व: पौष पूर्णिमा के दिन व्रत करने वालों को प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर देवताओं का पूजन और पितरों का तर्पण करना चाहिए. सफेद चंदन, चावल, सफेद फूल, धूप, सफेद वस्त्र धारण कर चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए. किसी भी पवित्र नदी या तीर्थ में पौष पूर्णिमा के दुर्लभ योग पर डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करना चाहिए. जो व्यक्ति पौष पूर्णिमा से स्नान शुरू कर पूरे माघ बीतने के बाद माघी पूर्णिमा को संपन्न करते हैं. उन्हें इस दिन स्नान के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा आराधना करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
मानसिक परेशानी से मिलेगी राहत: पौष पूर्णिमा के दिन कर्क राशि का चंद्रमा और पूर्णिमा को पुष्य नक्षत्र का संचरण होने से यह दिन बेहद खास हो जाता है. इस दिन जिनके ऊपर चंद्रमा की महादशा चल रही हो अथवा जिन्हें मानसिक उलझनें अधिक रहती हैं, उन्हें राहत मिल सकती है. उन्हें 9 ग्राम मोती दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी बनाकर प्राण प्रतिष्ठा करवा कर इसे धारण करनी चाहिए. इससे उन्हें विशेष लाभ मिलता है. हाथ में अंगूठी धारण करने के साथ ही गले में अर्द्धचंद्राकार रूप मे लॉकेट में भी पहन सकते हैं.