शिमला: हिमाचल में पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर का दर्जा देने पर सुक्खू सरकार और महासंघ आमने सामने है. जिला कैडर से स्टेट कैडर में डाले जाने से पटवारी और कानूनगो सरकार से नाराज चल रहे हैं. जिसके बाद 15 जुलाई से पटवारियों और कानूनगो ने लोगों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट बनाने की सेवाएं देनी बंद कर दी है. यही नहीं राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप से एग्जिट कर दिया है. ऐसे में प्रदेश भर में जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.
सरकार का आदेश
जिसको देखते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने बुधवार को सभी डीसी को लेटर जारी किया था. जिसमें पटवारियों और कानूनगो को दो दिनों में ऑनलाइन सेवाएं शुरू करने की चेतावनी दी है. इसके बाद भी अगर आदेशों की पालना नहीं होती है तो ऐसे सभी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने का अल्टीमेटम दिया गया है. जिसके लिए डीसी को अपने जिलों में उनके नियंत्रण में पटवारियों और कानूनगो को तुरंत प्रभाव से ऑनलाइन काम फिर से शुरू करने के लिए कड़े निर्देश जारी करने को कहा गया है, ताकि प्रदेश भर में लोगों को घर द्वार पर सरकार की सुविधाओं का लाभ मिल सके. सरकार की तरफ से लेटर जारी होने के बाद हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व से मिलने पहुंचा और सरकार को दो दिन में वार्ता के लिए बुलाने का अल्टीमेटम दिया है. इस दौरान महासंघ के महासचिव चंद्र मोहन ने ईटीवी भारत से बात की.
वार्ता को नहीं बुलाया तो सख्त होगा अगला कदम
पटवारी और कानूनगो स्टेट कैडर को लेकर अब सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ महासचिव चंद्र मोहन ने कहा है कि बुधवार को सरकार ने लेटर निकाला है. इसी दिन वर्चुअल प्रांत स्तरीय बैठक हुई है. जिसमें महासंघ ने सरकार के लेटर का जवाब देने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने लेटर जारी कर हमें दो दिनों में ऑनलाइन सेवाएं शुरू करने और व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने का अल्टीमेटम दिया है. हम भी सरकार को दो दिन का समय देते हैं कि महासंघ को वार्ता के लिए बुलाए. इसके बाद भी अगर सरकार वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तो हमारा अगला कदम सख्त होगा.
स्टेट कैडर किसी सूरत में मंजूर नहीं
महासंघ किसी भी सूरत में स्टेट कैडर को मंजूर करने के मूड में नहीं है. इसके लिए चाहे सरकार के खिलाफ कोई भी कड़ा कदम क्यों न उठाना पड़े. चंद्र मोहन ने कहा है सरकार स्टेट कैडर का कोई एक फायदा गिना दें, हम सरकार स्टेट कैडर के पांच नुकसान बता देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार हमें वार्ता के लिए बुलाए, लेकिन स्टेट कैडर हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होगा.
मजबूरी में लिया फैसला
चंद्र मोहन ने कहा कि प्रदेश भर में पटवारी और कानूनगो सुविधाओं के अभाव में बहुत दिक्कतों में अपना काम कर रहे हैं. हमने बहुत विवशता में आकर ये फैसला लिया है, क्योंकि इसके लिए सरकार ने हमें मजबूर किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री हमारी दिक्कतों को सुने और मसले का हल करे. उन्होंने कहा कि महासंघ का पक्ष साफ है कि समस्या का समाधान न होने तक ऑनलाइन सेवाएं बंद रहेंगी. जनता को परेशान करना हमारा मकसद नहीं है. हमने सिर्फ ऑनलाइन कार्य बंद किया है. आपदा का काम दिन और रात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जनता की परेशानी को हम समझते हैं, लेकिन सरकार से भी आग्रह है कि पटवारखानों और कानूनगो कार्यालय में स्थाई नेट देने के साथ कंप्यूटर विद प्रिंटर सुविधा दें.