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सरकार के साथ स्टेट कैडर को लेकर नहीं बन पाई पटवारी कानूनगो की सहमति, बंद रहेंगी ऑनलाइन सेवाएं - Patwari and Kanungo Shimla meeting

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 6:07 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 6:42 PM IST

Patwari and Kanungo meeting with Govt: शिमला में सरकार के साथ पटवारी और कानूनगो संघ की बैठक में स्टेट कैडर को लेकर सहमति नहीं बन पाई. ऐसे में संघ स्टेट कैडर के विरोध में अपना प्रदर्शन जारी रखेगा.

Patwari and Kanungo meeting
स्टेट कैडर को लेकर नहीं बन पाई पटवारी कानूनगो की सहमति (ETV Bharat)
जगत सिंह नेगी, राजस्व मंत्री (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों को लेकर अब लोगों की दिक्कतें और बढ़ने वाली हैं. शिमला में सोमवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के बीच दो घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता विफल हो गई है. ऐसे में अब पटवारियों और कानूनगो महासंघ ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.

वहीं, अगर इस दौरान पटवारियों और कानूनगो के खिलाफ सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई की जाती है तो महासंघ ने उसी वक्त अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम दिया है.

सरकार ने भी पटवारियों और कानूनगो का जिला से स्टेट कैडर में बदले जाने के फैसले को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है. यह जानकारी खुद राजस्व मंत्री ने दी है. मंत्री ने कहा "संघ ने बैठक में स्टेट कैडर को लेकर असहमति जाहिर की है. सरकार ने जनहित को लेकर स्टेट कैडर का फैसला लिया है जबकि पटवारी और कानूनगो संघ स्टेट कैडर को लेकर कोई तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाया है. ऐसे में सरकार संघ के ना मानने पर नियमों के तहत कार्रवाई करेगी."

राजस्व मंत्री ने कहा "सरकार पर पटवारी और कानूनगो संघ तानाशाही का आरोप लगा रहा है जबकि पटवारी और कानूनगो के प्रमोशन व सिनियोरिटी पर इसका असर नहीं पड़ेगा. संघ बेवजह के तर्क दे रहा जिन्हें माना नहीं जा सकता." जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा "अगर किन्नौर के किसी राजस्व कर्मचारी की बदली ऊना के लिए हो जाती है तो संघ का कहना है कि संबंधित कर्मचारी वहां के रीति-रिवाज से अनजान होगा. इस तरह के तर्कों को नहीं माना जा सकता."

महासंघ ने सरकार के सामने रखी ये मांग

प्रदेश राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ आयोजित हुई बैठक में महासंघ की कार्यकारिणी ने पटवारी एवं कानूनगो का जिला से स्टेट कैडर या राज्य में तबादला नीति के निर्णय पर अपना विरोध प्रकट किया है. पटवारी एवं कानूनगो महासंघ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा "अभी तक पटवारी एवं कानूनगो ने किसी प्रकार की हड़ताल नहीं की है. उन कार्यों को छोड़ा है, जो पटवारी एवं कानूनगो अपने निजी संसाधनों का उपयोग करते हुए ऑनलाइन माध्यम से कर रहे थे. इसी तरह से अतिरिक्त कार्यभार की चाबियां अधिकारियों को सौंपी गई हैं." महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा "राजस्व मंत्री ने मांगों को मानने से इंकार कर दिया है. ऐसे में अभी ऑनलाइन सेवाएं नहीं दी जाएंगी."

15 जुलाई से हिमाचल में बंद हैं ऑनलाइन सेवाएं

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बीती 15 जुलाई से पटवारी और कानूनगो ऑनलाइन सेवाएं नहीं दे रहे. इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है. सरकार ने इसको लेकर सोमवार को हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ से बातचीत की. इस बैठक की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने की.

ये भी पढ़ें: युवाओं के लिए वन निगम में इतने पदों पर निकलने वाली है भर्ती, सीएम सुक्खू ने की घोषणा

जगत सिंह नेगी, राजस्व मंत्री (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों को लेकर अब लोगों की दिक्कतें और बढ़ने वाली हैं. शिमला में सोमवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के बीच दो घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता विफल हो गई है. ऐसे में अब पटवारियों और कानूनगो महासंघ ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.

वहीं, अगर इस दौरान पटवारियों और कानूनगो के खिलाफ सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई की जाती है तो महासंघ ने उसी वक्त अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम दिया है.

सरकार ने भी पटवारियों और कानूनगो का जिला से स्टेट कैडर में बदले जाने के फैसले को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है. यह जानकारी खुद राजस्व मंत्री ने दी है. मंत्री ने कहा "संघ ने बैठक में स्टेट कैडर को लेकर असहमति जाहिर की है. सरकार ने जनहित को लेकर स्टेट कैडर का फैसला लिया है जबकि पटवारी और कानूनगो संघ स्टेट कैडर को लेकर कोई तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाया है. ऐसे में सरकार संघ के ना मानने पर नियमों के तहत कार्रवाई करेगी."

राजस्व मंत्री ने कहा "सरकार पर पटवारी और कानूनगो संघ तानाशाही का आरोप लगा रहा है जबकि पटवारी और कानूनगो के प्रमोशन व सिनियोरिटी पर इसका असर नहीं पड़ेगा. संघ बेवजह के तर्क दे रहा जिन्हें माना नहीं जा सकता." जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा "अगर किन्नौर के किसी राजस्व कर्मचारी की बदली ऊना के लिए हो जाती है तो संघ का कहना है कि संबंधित कर्मचारी वहां के रीति-रिवाज से अनजान होगा. इस तरह के तर्कों को नहीं माना जा सकता."

महासंघ ने सरकार के सामने रखी ये मांग

प्रदेश राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ आयोजित हुई बैठक में महासंघ की कार्यकारिणी ने पटवारी एवं कानूनगो का जिला से स्टेट कैडर या राज्य में तबादला नीति के निर्णय पर अपना विरोध प्रकट किया है. पटवारी एवं कानूनगो महासंघ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा "अभी तक पटवारी एवं कानूनगो ने किसी प्रकार की हड़ताल नहीं की है. उन कार्यों को छोड़ा है, जो पटवारी एवं कानूनगो अपने निजी संसाधनों का उपयोग करते हुए ऑनलाइन माध्यम से कर रहे थे. इसी तरह से अतिरिक्त कार्यभार की चाबियां अधिकारियों को सौंपी गई हैं." महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा "राजस्व मंत्री ने मांगों को मानने से इंकार कर दिया है. ऐसे में अभी ऑनलाइन सेवाएं नहीं दी जाएंगी."

15 जुलाई से हिमाचल में बंद हैं ऑनलाइन सेवाएं

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बीती 15 जुलाई से पटवारी और कानूनगो ऑनलाइन सेवाएं नहीं दे रहे. इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है. सरकार ने इसको लेकर सोमवार को हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ से बातचीत की. इस बैठक की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने की.

ये भी पढ़ें: युवाओं के लिए वन निगम में इतने पदों पर निकलने वाली है भर्ती, सीएम सुक्खू ने की घोषणा

Last Updated : Jul 29, 2024, 6:42 PM IST
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