ETV Bharat / state

बेऊर जेल में ही होगी कुख्यात नक्सली अजय कानू के मामलों की सुनवाई, जिला एवं सत्र न्यायाधीश छेदी राम करेंगे सुनवाई - AJAY KANU - AJAY KANU

NOTORIOUS NAXAL AJAY KANU: कुख्यात नक्सली अजय कानू उर्फ रवि जी के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई पटना के बेऊर जेल में ही होगी. इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छेदी राम इन मामलों की सुनवाई करेंगे, पढ़िये पूरी खबर

बेऊर जेल में ही होगी अजय कानू के मामलों की सुनवाई
बेऊर जेल में ही होगी अजय कानू के मामलों की सुनवाई (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 24, 2024, 6:08 PM IST

पटनाः 2005 में जहानाबाद जेल ब्रेक से चर्चा में आए कुख्यात नक्सली अजय कानू के लंबित मामलों की सुनवाई अब बेऊर जेल के अंदर ही होगी. जानकारी के मुताबिक अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छेदी राम अजय कानू से संबंधित लंबित मामलों की सुनवाई करेंगे. इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव गुफरान अहमद के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है.

अजय कानू के मामले में भी पहले भी ऐसा होता रहा हैः ऐसा तो कम ही होता है कि जज जेल में जाकर सुनवाई करें . लेकिन अजय कानू के मामले में पहले से ऐसा होता रहा है. जेल में स्पेशल कोर्ट में ही पुलिस पर गोली चलाने के मामले में अजय कानू को 2018 में सात साल की सजा हुई थी.अब एक बार फिर से अजय कानू के मामलों की सुनवाई जज साहब जेल में ही करेंगे.

फिलहाल जमानत पर है अजय कानूः अजय कानू पर जहानाबाद, अरवल, नवादा और पटना के ग्रामीण इलाकों के थाने में करीब दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं.फिलहाल अजय कानू जमानत पर है, लेकिन जमानत की शर्त्तों के मुताबिक अजय कानू को हर सप्ताह सुनवाई के लिए हाजिरी देनी पड़ती है.

अधिसूचना जारीःसामान्य प्रशासन विभाग ने जो अधिसूचना जारी की है उसके मुताबिक महानिबंधक उच्च न्यायालय पटना के पत्रांक की अनुशंसा के आलोक में कैदी अजय कुमार उर्फ अजय कानू उर्फ रवि जी के विरुद्ध लंबित सत्र वादों का विचारण आदर्श केंद्रीय कारा पटना के अंदर छेदी राम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पटना करेंगे.

जहानाबाद जेल ब्रेककांड ने बटोरी थी सुर्खियां: अजय कुमार उर्फ रवि के नाम से मशहूर अजय कानू जहानाबाद जिले के जोन्ह गांव का रहने वाला है. नक्सली गतिविधियों के आरोप में अजय कानू को 2002 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और फिर अजय को जहानाबाद जेल में रखा गया था. नक्सलियों ने 2005 में जहानाबाद जेल पर हमला कर अपने कई नक्सली साथियों के साथ साथ अजय कानू को छुड़ा लिया था और लेकर फरार हो गये थे. ये घटना जहानाबाद जेल ब्रेक के नाम से मशहूर है.

2007 में फिर हुई गिरफ्तारीः हालांकि दो साल बाद यानी 2007 में पुलिस ने अजय कानू को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया. अजय कानू को लंबे समय तक बेऊर जेल में रखा गया लेकिन संदिग्ध गतिविधियों के कारण 2021 में उसे भागलपुर जेल भेज दिया गया था.अजय कानू के बारे में ये कहा जाता है कि अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए ही वो नक्सली बना था.

पत्नी को लड़वाना चाहता था लोकसभा चुनावः 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अजय कानू एक बार उस समय चर्चा में आया जब उसने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की कोशिश की. दरअसल अजय कानू अपनी पत्नी के लिए लोकसभा टिकट की मांग करना चाहता था. हालांकि अजय की लालू से मुलाकात नहीं हो पाई थी. तब अजय ने वीडियो जारी कर कहा था कि 35 सालों से शोषितों के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन आरजेडी की तरफ से टिकट नहीं दिया गया. अब एक बार फिर से सुनवाई को लेकर अजय कानू चर्चा में है.

ये भी पढ़ेंःबिहार का सबसे बड़ा जेल ब्रेक कांड, क्या हुआ था 13 नवंबर 2005 की रात? आखिर जहानाबाद जेल पर हमले की क्या थी कहानी?

पटनाः 2005 में जहानाबाद जेल ब्रेक से चर्चा में आए कुख्यात नक्सली अजय कानू के लंबित मामलों की सुनवाई अब बेऊर जेल के अंदर ही होगी. जानकारी के मुताबिक अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छेदी राम अजय कानू से संबंधित लंबित मामलों की सुनवाई करेंगे. इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव गुफरान अहमद के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है.

अजय कानू के मामले में भी पहले भी ऐसा होता रहा हैः ऐसा तो कम ही होता है कि जज जेल में जाकर सुनवाई करें . लेकिन अजय कानू के मामले में पहले से ऐसा होता रहा है. जेल में स्पेशल कोर्ट में ही पुलिस पर गोली चलाने के मामले में अजय कानू को 2018 में सात साल की सजा हुई थी.अब एक बार फिर से अजय कानू के मामलों की सुनवाई जज साहब जेल में ही करेंगे.

फिलहाल जमानत पर है अजय कानूः अजय कानू पर जहानाबाद, अरवल, नवादा और पटना के ग्रामीण इलाकों के थाने में करीब दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं.फिलहाल अजय कानू जमानत पर है, लेकिन जमानत की शर्त्तों के मुताबिक अजय कानू को हर सप्ताह सुनवाई के लिए हाजिरी देनी पड़ती है.

अधिसूचना जारीःसामान्य प्रशासन विभाग ने जो अधिसूचना जारी की है उसके मुताबिक महानिबंधक उच्च न्यायालय पटना के पत्रांक की अनुशंसा के आलोक में कैदी अजय कुमार उर्फ अजय कानू उर्फ रवि जी के विरुद्ध लंबित सत्र वादों का विचारण आदर्श केंद्रीय कारा पटना के अंदर छेदी राम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पटना करेंगे.

जहानाबाद जेल ब्रेककांड ने बटोरी थी सुर्खियां: अजय कुमार उर्फ रवि के नाम से मशहूर अजय कानू जहानाबाद जिले के जोन्ह गांव का रहने वाला है. नक्सली गतिविधियों के आरोप में अजय कानू को 2002 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और फिर अजय को जहानाबाद जेल में रखा गया था. नक्सलियों ने 2005 में जहानाबाद जेल पर हमला कर अपने कई नक्सली साथियों के साथ साथ अजय कानू को छुड़ा लिया था और लेकर फरार हो गये थे. ये घटना जहानाबाद जेल ब्रेक के नाम से मशहूर है.

2007 में फिर हुई गिरफ्तारीः हालांकि दो साल बाद यानी 2007 में पुलिस ने अजय कानू को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया. अजय कानू को लंबे समय तक बेऊर जेल में रखा गया लेकिन संदिग्ध गतिविधियों के कारण 2021 में उसे भागलपुर जेल भेज दिया गया था.अजय कानू के बारे में ये कहा जाता है कि अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए ही वो नक्सली बना था.

पत्नी को लड़वाना चाहता था लोकसभा चुनावः 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अजय कानू एक बार उस समय चर्चा में आया जब उसने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की कोशिश की. दरअसल अजय कानू अपनी पत्नी के लिए लोकसभा टिकट की मांग करना चाहता था. हालांकि अजय की लालू से मुलाकात नहीं हो पाई थी. तब अजय ने वीडियो जारी कर कहा था कि 35 सालों से शोषितों के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन आरजेडी की तरफ से टिकट नहीं दिया गया. अब एक बार फिर से सुनवाई को लेकर अजय कानू चर्चा में है.

ये भी पढ़ेंःबिहार का सबसे बड़ा जेल ब्रेक कांड, क्या हुआ था 13 नवंबर 2005 की रात? आखिर जहानाबाद जेल पर हमले की क्या थी कहानी?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.