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चर्चा की बजाय हंगामे और बहिष्कार पर जोर, तेजस्वी के बिना दिशाहीन विपक्ष विधानसभा में दिख रहा कमजोर - BIHAR VIDHAN SABHA

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 25, 2024, 7:37 PM IST

OPPOSITION WITHOUT TEJASHWI: 5 दिनों के लिए बुलाए गये बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में विपक्ष ने सदन में किसी चर्चा में भाग लेने की बजाय कार्यवाही के बहिष्कार और हंगामे के एजेंडे पर काम करता दिख रहा है. सरकार को सदन में घेरने की जगह बहिष्कार की नीति से लग रहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बिना विपक्ष दिशाहीन हो गया और किसी मुद्दे पर अपनी बात नहीं रख पा रहा है, पढ़िये पूरी खबर,

तेजस्वी के बिना सदन में कमजोर पड़ा विपक्ष
तेजस्वी के बिना सदन में कमजोर पड़ा विपक्ष (ETV BHARAT)
चर्चा की बजाय विपक्ष का हंगामे पर जोर (ETV BHARAT)

पटनाः बिहार विधानसभा के 5 दिवसीय मॉनसून सत्र के 4 दिन बीत चुके हैं और इन 4 दिनों में सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून पास करा लिया तो सदन ने अनुपूरक बजट भी पास कर दिया, लेकिन 4 दिनों की कार्यवाही के दौरान विपक्ष किसी मुद्दे पर चर्चा और सरकार को घेरने की बजाय बहिष्कार और हंगामे में व्यस्त रहा है. विपक्ष ने 4 दिनों के दौरान जैसा सदन में व्यवहार किया है उससे साफ है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की गैरमौजूदगी में विपक्ष सरकार को घेरने में नाकाम रहा है.

नारेबाजी और हंगामे को विपक्ष ने बनाया एजेंडाः बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के चार दिनों में एक दिन भी प्रश्नकाल सही ढंग से नहीं चला है.सदन की कार्यवाही शुरू होते हैं विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगते हैं . हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रहती है. विपक्ष न तो जनता के सवाल को सही ढंग से रख पा रहा है और न ही सरकार की ओर से लाए गये अहम विधेयकों पर अपनी बात रख पा रहा है.

चर्चा की बजाय बहिष्कार पर जोरः सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए महत्वपूर्ण विधेयक विधानसभा और विधान परिषद् से पास करा लिया है. विधानसभा में जब ये अहम विधेयक पेश हुआ तो विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया. विपक्ष की अनुपस्थिति में ही विधेयक पास हो गया. माना जा रहा है कि यदि तेजस्वी यादव सदन में रहते तो संभवतः महत्वपूर्ण विधेयक पर वो अपनी बात रखते.

तेजस्वी के बिना विपक्ष की धार कुंद
तेजस्वी के बिना विपक्ष की धार कुंद (ETV BHARAT)

दिशाहीन नजर आ रहा है विपक्षः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब तक मॉनसून सत्र की कार्यवाही में भाग नहीं लिया है और उनकी गैरमौजूदगी में पूरा विपक्ष नेतृत्व विहीन दिखाई दे रहा है.यहां तक कि विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर भी विपक्ष सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी को घेरने में नाकाम रहा है, जबकि सत्ता पक्ष केंद्र से मिले विशेष पैकेज को भुना रहा है.

"जनता के सवाल प्रश्नकाल में लाए जाते हैं. उसके माध्यम से विपक्ष सरकार को घेर सकता है, लेकिन विपक्ष को जनता से कोई लेना-देना नहीं है, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मॉनसून सत्र में भाग लेने की जगह पर्यटन कर रहे हैं."- तारकिशोर प्रसाद, बीजेपी विधायक

सदन में सरकार को घेरने में नाकाम
सदन में सरकार को घेरने में नाकाम (ETV BHARAT)

'समय-समय पर दिखता है गुंडा-तत्त्व': जेडीयू के विधायक विनय चौधरी ने भी तेजस्वी की अनुपस्थिति पर तंज कसा और कहा कि तेजस्वी यादव लंदन-अमेरिका घूम रहे हैं और यहां विपक्ष को सदन से कोई लेना-देना नहीं है. इनमें जो गुंडा तत्व है समय-समय पर दिखने लगता है. इसलिए ही विधानसभा में कभी टेबल उलटने लगते हैं तो कभी हो-हल्ला करते हैं.

"इस तरह से चलता है ? ये लोग पहले जो गुंडा थे ओरिजिनल वो गुंडागर्दी अंदर में अभी भी है. वो कभी-कभी निकल जाता है, जिसके कारण ये लोग तमाशा खड़ा करते हैं. तेजस्वी गंभीर नहीं हैं तो लंदन कभी घूमेंगे कभी अमेरिका घूमेंगे. वो बिहार की मिट्टी में रह सकते हैं बेचारे ? वो दया के पात्र हैं, उसके अतिरिक्त वो कुछ नहीं हैं."- विनय चौधरी, जेडीयू विधायक

अहम विधेयकों पर भी चर्चा से दूर रहा विपक्ष
अहम विधेयकों पर भी चर्चा से दूर रहा विपक्ष (ETV BHARAT)

'पक्षपात कर रहे हैं विधानसभा अध्यक्ष': हालांकि विपक्ष अपना राग अलाप रहा है और विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगा रहा है. आरजेडी विधायक मुकेश रोशन का कहना है कि विपक्ष को बोलते नहीं दिया जाता है. माइक बंद कर दिया जाता है. एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है यह. रोशन ने कहा कि तेजस्वी यादव के सभी विधायक जनता के मुद्दे को लेकर आते हैं और उनकी आवाज को उठाने की कोशिश करते हैं.

"तेजस्वी यादव फॉरेन गए हुए थे. बात नेता प्रतिपक्ष की नहीं है, बात बिहार की जनता की है. हम सभी जनता की आवाज को उठा रहे हैं तो क्या हम लोगों की आवाज इन्हें सुनाई नहीं देती है, क्या ये लोग कान में तेल डालकर बैठे हुए हैं . बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. आरा में सवा लाख करोड़ की पैकेज देने की घोषणा की थी, क्या हुआ धरातल पर तो वो उतरा नहीं अब 59000 करोड़ का झुनझुना मोदी जी बजवा रहे हैं. यह भी कहां उतरेगा भगवान ही मालिक हैं."- आनंद शंकर, कांग्रेस विधायक

एक दिन भी ढंग से नहीं चला प्रश्नकाल
एक दिन भी ढंग से नहीं चला प्रश्नकाल (ETV BHARAT)

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक ?: तेजस्वी की सदन में अनुपस्थिति और विपक्ष के रवैये को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ प्रियरंजन भारती का कहना है तेजस्वी यादव विपक्षी दलों के नेता हैं. स्वाभाविक है उनके बिना विपक्ष की आक्रामकता समाप्त हो गई है और वो दिशाहीन नजर आ रहा है.

"तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष हैं. उन्हें विशेष अधिकार मिला हुआ है. इसके साथ ही तेजस्वी यादव आक्रामक ढंग से मुद्दों को रखते रहे हैं, जिसमें सत्ता पक्ष के लिए भी जवाब देना मुश्किल होता रहा है. अब उनके बिना विपक्ष रणनीति नहीं बना पा रहा है और यही कारण है कि छोटे से सत्र में भी सरकार को घेरने के लिए कई मौके थे लेकिन विपक्ष अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से नहीं निभा पा रहा है,"- प्रियरंजन भारती, राजनीतिक विश्लेषक

प्रदर्शन और नारेबाजी को बनाया हथियार
प्रदर्शन और नारेबाजी को बनाया हथियार (ETV BHARAT)

चौथे दिन विपक्ष ने चलाया समानांतर सदनः मॉनसून सत्र के चौथे दिन भी विधानसभा में अराजक माहौल दिखा जब विपक्ष के सदस्य सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करने लगे. विपक्षी सदस्यों ने तो पहले वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी की और फिर सदन में समानांतर सदन चलाया. इस दौरान सीपीआईएमएल के विधायक महबूब आलम को स्पीकर बनाया गया. इस दौरान कई सदस्यों ने सीएम नीतीश की नकल भी की.

क्या पांचवें दिन सदन में रहेंगे तेजस्वी ? : विधानमंडल का मॉनसून सत्र सिर्फ 5 दिनों का है जिसमें 4 दिन बीत चुके हैं और चार दिनों में प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ चुका है. शुक्रवार को मॉनसून सत्र का अंतिम दिन है. अब सबकी नजर इस बात पर है कि मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में आते हैं या नहीं.

ये भी पढ़ेंः बिहार विधानसभा में विपक्ष का शैडो सदन, महबूब आलम बने स्पीकर, जमीन पर बैठे विधायक, नीतीश की नकल की - BIHAR VIDHAN SABHA

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'कहां हैं नेता प्रतिपक्ष? सरकार हर सवाल का जवाब देने को है तैयार', संजय सरावगी का तेजस्वी पर हमला - Monsoon Session

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चर्चा की बजाय विपक्ष का हंगामे पर जोर (ETV BHARAT)

पटनाः बिहार विधानसभा के 5 दिवसीय मॉनसून सत्र के 4 दिन बीत चुके हैं और इन 4 दिनों में सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून पास करा लिया तो सदन ने अनुपूरक बजट भी पास कर दिया, लेकिन 4 दिनों की कार्यवाही के दौरान विपक्ष किसी मुद्दे पर चर्चा और सरकार को घेरने की बजाय बहिष्कार और हंगामे में व्यस्त रहा है. विपक्ष ने 4 दिनों के दौरान जैसा सदन में व्यवहार किया है उससे साफ है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की गैरमौजूदगी में विपक्ष सरकार को घेरने में नाकाम रहा है.

नारेबाजी और हंगामे को विपक्ष ने बनाया एजेंडाः बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के चार दिनों में एक दिन भी प्रश्नकाल सही ढंग से नहीं चला है.सदन की कार्यवाही शुरू होते हैं विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगते हैं . हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रहती है. विपक्ष न तो जनता के सवाल को सही ढंग से रख पा रहा है और न ही सरकार की ओर से लाए गये अहम विधेयकों पर अपनी बात रख पा रहा है.

चर्चा की बजाय बहिष्कार पर जोरः सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए महत्वपूर्ण विधेयक विधानसभा और विधान परिषद् से पास करा लिया है. विधानसभा में जब ये अहम विधेयक पेश हुआ तो विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया. विपक्ष की अनुपस्थिति में ही विधेयक पास हो गया. माना जा रहा है कि यदि तेजस्वी यादव सदन में रहते तो संभवतः महत्वपूर्ण विधेयक पर वो अपनी बात रखते.

तेजस्वी के बिना विपक्ष की धार कुंद
तेजस्वी के बिना विपक्ष की धार कुंद (ETV BHARAT)

दिशाहीन नजर आ रहा है विपक्षः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब तक मॉनसून सत्र की कार्यवाही में भाग नहीं लिया है और उनकी गैरमौजूदगी में पूरा विपक्ष नेतृत्व विहीन दिखाई दे रहा है.यहां तक कि विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर भी विपक्ष सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी को घेरने में नाकाम रहा है, जबकि सत्ता पक्ष केंद्र से मिले विशेष पैकेज को भुना रहा है.

"जनता के सवाल प्रश्नकाल में लाए जाते हैं. उसके माध्यम से विपक्ष सरकार को घेर सकता है, लेकिन विपक्ष को जनता से कोई लेना-देना नहीं है, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मॉनसून सत्र में भाग लेने की जगह पर्यटन कर रहे हैं."- तारकिशोर प्रसाद, बीजेपी विधायक

सदन में सरकार को घेरने में नाकाम
सदन में सरकार को घेरने में नाकाम (ETV BHARAT)

'समय-समय पर दिखता है गुंडा-तत्त्व': जेडीयू के विधायक विनय चौधरी ने भी तेजस्वी की अनुपस्थिति पर तंज कसा और कहा कि तेजस्वी यादव लंदन-अमेरिका घूम रहे हैं और यहां विपक्ष को सदन से कोई लेना-देना नहीं है. इनमें जो गुंडा तत्व है समय-समय पर दिखने लगता है. इसलिए ही विधानसभा में कभी टेबल उलटने लगते हैं तो कभी हो-हल्ला करते हैं.

"इस तरह से चलता है ? ये लोग पहले जो गुंडा थे ओरिजिनल वो गुंडागर्दी अंदर में अभी भी है. वो कभी-कभी निकल जाता है, जिसके कारण ये लोग तमाशा खड़ा करते हैं. तेजस्वी गंभीर नहीं हैं तो लंदन कभी घूमेंगे कभी अमेरिका घूमेंगे. वो बिहार की मिट्टी में रह सकते हैं बेचारे ? वो दया के पात्र हैं, उसके अतिरिक्त वो कुछ नहीं हैं."- विनय चौधरी, जेडीयू विधायक

अहम विधेयकों पर भी चर्चा से दूर रहा विपक्ष
अहम विधेयकों पर भी चर्चा से दूर रहा विपक्ष (ETV BHARAT)

'पक्षपात कर रहे हैं विधानसभा अध्यक्ष': हालांकि विपक्ष अपना राग अलाप रहा है और विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगा रहा है. आरजेडी विधायक मुकेश रोशन का कहना है कि विपक्ष को बोलते नहीं दिया जाता है. माइक बंद कर दिया जाता है. एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है यह. रोशन ने कहा कि तेजस्वी यादव के सभी विधायक जनता के मुद्दे को लेकर आते हैं और उनकी आवाज को उठाने की कोशिश करते हैं.

"तेजस्वी यादव फॉरेन गए हुए थे. बात नेता प्रतिपक्ष की नहीं है, बात बिहार की जनता की है. हम सभी जनता की आवाज को उठा रहे हैं तो क्या हम लोगों की आवाज इन्हें सुनाई नहीं देती है, क्या ये लोग कान में तेल डालकर बैठे हुए हैं . बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. आरा में सवा लाख करोड़ की पैकेज देने की घोषणा की थी, क्या हुआ धरातल पर तो वो उतरा नहीं अब 59000 करोड़ का झुनझुना मोदी जी बजवा रहे हैं. यह भी कहां उतरेगा भगवान ही मालिक हैं."- आनंद शंकर, कांग्रेस विधायक

एक दिन भी ढंग से नहीं चला प्रश्नकाल
एक दिन भी ढंग से नहीं चला प्रश्नकाल (ETV BHARAT)

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक ?: तेजस्वी की सदन में अनुपस्थिति और विपक्ष के रवैये को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ प्रियरंजन भारती का कहना है तेजस्वी यादव विपक्षी दलों के नेता हैं. स्वाभाविक है उनके बिना विपक्ष की आक्रामकता समाप्त हो गई है और वो दिशाहीन नजर आ रहा है.

"तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष हैं. उन्हें विशेष अधिकार मिला हुआ है. इसके साथ ही तेजस्वी यादव आक्रामक ढंग से मुद्दों को रखते रहे हैं, जिसमें सत्ता पक्ष के लिए भी जवाब देना मुश्किल होता रहा है. अब उनके बिना विपक्ष रणनीति नहीं बना पा रहा है और यही कारण है कि छोटे से सत्र में भी सरकार को घेरने के लिए कई मौके थे लेकिन विपक्ष अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से नहीं निभा पा रहा है,"- प्रियरंजन भारती, राजनीतिक विश्लेषक

प्रदर्शन और नारेबाजी को बनाया हथियार
प्रदर्शन और नारेबाजी को बनाया हथियार (ETV BHARAT)

चौथे दिन विपक्ष ने चलाया समानांतर सदनः मॉनसून सत्र के चौथे दिन भी विधानसभा में अराजक माहौल दिखा जब विपक्ष के सदस्य सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करने लगे. विपक्षी सदस्यों ने तो पहले वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी की और फिर सदन में समानांतर सदन चलाया. इस दौरान सीपीआईएमएल के विधायक महबूब आलम को स्पीकर बनाया गया. इस दौरान कई सदस्यों ने सीएम नीतीश की नकल भी की.

क्या पांचवें दिन सदन में रहेंगे तेजस्वी ? : विधानमंडल का मॉनसून सत्र सिर्फ 5 दिनों का है जिसमें 4 दिन बीत चुके हैं और चार दिनों में प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ चुका है. शुक्रवार को मॉनसून सत्र का अंतिम दिन है. अब सबकी नजर इस बात पर है कि मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में आते हैं या नहीं.

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