पटनाः लोकसभा चुनाव आते ही दलबदल का खेल शुरू हो गया है. जेडीयू ने तो NDA के घटक उपेंद्र कुशवाहा को ही उस समय बड़ा झटका दे दिया जब आरएलएम के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा ने अपनी पत्नी विजय लक्ष्मी के साथ पटना में जेडीयू का दामन थाम लिया. हालांकि रमेश कुशवाहा ने कहा कि उनके जेडीयू जॉइन करने में उपेंद्र कुशवाहा की कोई असहमति नहीं है.
'जेडीयू में शामिल होने पर असहमति नहीं': जेडीयू जॉइन करने के बाद रमेश कुशवाहा ने कहा कि "ये उपेंद्र कुशवाहा के लिए कोई झटका नहीं हैं. उपेंद्र कुशवाहा भी NDA में ही हैं और मेरे जेडीयू जॉइन पर किसी की असहमति नहीं है. हमलोग बिहार में मिलकर NDA को मजबूत करने की हरसंभव कोशिशों में जुटे हुए हैं और इसमें सबकी सहमति है."
"रमेश कुशवाहा के आने से मजबूत होगा NDA": मिलन समारोह में मौजूद जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ने कहा कि गठबंधन की मजबूती के लिए फैसला लिया गया है. रमेश कुशवाहा भले ही दूसरी पार्टी में थे लेकिन उनके आने से NDA मजबूत होगा और इससे किसी को कोई नाराजगी नहीं है.ये तकनीकी रूप से एक परिवर्तन है."
सिवान से चुनाव लड़ सकती हैं विजय लक्ष्मीः माना जा रहा है कि जीरादेई से विधायक रहे रमेश कुशवाहा की पत्नी विजय लक्ष्मी कुशवाहा सिवान लोकसभा सीट से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं. इसको लेकर सवाल पूछने पर विजय लक्ष्मी ने अपनी सहमति भी जताई, हालांकि तभी रमेश कुशवाहा सामने आ गये और कहा कि "कौन चुनाव लड़ेगा इसका फैसला पार्टी करेगी और पार्टी का हर फैसला हमें स्वीकार है."
सिवान से कट सकता है कविता सिंह का टिकटः मिल रही जानकारी के मुताबिक सिवान लोकसभा सीट से इस बार जेडीयू की वर्तमान सांसद कविता सिंह का टिकट कटना तय माना जा रहा है और कविता सिंह की जगह जेडीयू विजय लक्ष्मी कुशवाहा को ही सिवान से टिकट दे सकता है. बता दें कि रमेश कुशवाहा ने 2015 में जीरादेई से जेडीयू के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव जीता था.
2019 में कविता सिंह ने जीता था चुनावः 2019 में टिकट बंटवारे के बाद सिवान सीट जेडीयू के हिस्से में आई थी, तब बाहुबली अजय सिंह की पत्नी ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था और आरजेडी की हिना शहाब को परास्त किया था. इससे पहले ओमप्रकाश यादव ने 2014 में बीजेपी के टिकट पर और 2009 में निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में सिवान लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी.