पटनाः हाई कोर्ट ने स्कॉर्पियो गाड़ी से 600 मिलीलीटर शराब जब्ती एक केस में जुर्माने की रकम घटाने का फैसला सुनाया. दरअसल इस मामले में उत्पाद विभाग ने साढ़े 8 लाख रुपये से भी अधिक का फाइन किया था, जिसे हाई कोर्ट ने बेहद सख्त करार दिया और उसे घटाकर जुर्माने की रकम 25 हजार तय की.
जमुई से जुड़ा है केसः ये अहम फैसला जस्टिस पी बी बजनथरी की खंडपीठ ने अनिल यादव की रिट याचिका को निष्पादित करते सुनाया. जानकारी के मुताबिक मामला जमुई जिले के अंतर्गत चकाई थाने का है. बताया जाता है कि 5 जुलाई, 2022 को याचिकाकर्ता की स्कॉर्पियो गाड़ी से 600 मिली लीटर शराब बरामद हुई थी, जिसके बाद चकाई थाने में शराबबंदी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.
उत्पाद आयुक्त ने किया था जुर्माना: जिस स्कॉर्पियो से शराब बरामद हुई थी उस स्कॉर्पियो को जब्त करने का आदेश जमुई के जिलाधिकारी ने दिया था. इसको लेकर गाड़ी के मालिक अनिल ने राज्य के उत्पाद आयुक्त के समक्ष अपील की. अपील पर सुनवाई करते हुए उत्पाद आयुक्त ने जब्त स्कॉर्पियो को छुड़ाने हेतु शराबबंदी कानून के नियम 12(ए) के तहत जुर्माना भरने का आदेश दिया. 16 जून 2023 के आदेश के अनुसार उक्त गाड़ी की बीमा मूल्य की तात्कालिक राशि का 50 फीसदी जुर्माना भरने का आदेश दिया. इस हिसाब से साढ़े सतरह लाख के 50 फीसदी यानी 8,78,000 रुपये बतौर जुर्माना अदायगी का आदेश दिया.
रिवीजन याचिका खारिज होने के बाद पहुंचा हाई कोर्टः इतने भारी भरकम जुर्माना थोपे जाने पर याचिकाकर्ता ने उत्पाद , मद्यनिषेध एवम् निबंधन विभाग के सचिव के पास रिवीजन केस दायर किया,जो खारिज हो गया. जिसके बाद अनिल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने अपने फैसले में उसे बड़ी राहत प्रदान की.
'जुर्माना अत्यधिक सख्त'-हाई कोर्टः आज के फैसले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने ये कहा कि "महज 600 मिलीलीटर की बरामदगी किसी गाड़ी से होने पर उसको छुड़वाने हेतु साढ़े आठ लाख रुपए से अधिक का जुर्माना न ही केवल अत्यधिक सख्त है, बल्कि घटित अपराध की तुलना में असमानुपातिक सजा है . फिर कोर्ट ने जुर्माने की राशि को घटा कर 25 हजार कर दिया."