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कॉलेज कैंपस में नष्ट किया था शराब, अब जुर्माना देना होगा 1 लाख - Patna High Court - PATNA HIGH COURT

Destroyed Alcohol At College Campus : पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में लगातार शराब पकड़ी जाती है. इसे नष्ट भी किया जाता है. इसी कड़ी में एक मामले में पटना उच्च न्यायालय नें बड़ा फैसला सुनाया है. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 18, 2024, 9:05 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने कॉलेज की भूमि पर प्रशासन द्वारा शराब नष्ट किए जाने के मामले पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है. जस्टिस पीबी बजनथ्री एवं जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया.

HC ने जतायी हैरानी : कोर्ट ने मामले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन मनमाने तरीके से कॉलेज की भूमि को शराब नष्ट करने के लिए कैसे उपयोग में ला सकती है? याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि साल 1986 में इस कॉलेज का निर्माण अधिवक्ता शशि भूषण तिवारी ने करवाया था. बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल ने कॉलेज को 05.03.1990 को संबद्धता प्रदान की थी लेकिन दिनांक 30.07.2004 को बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल की शर्त पूरी न करने पर इस कॉलेज की संबद्धता वापस ले ली गई थी.

थक हारकर पहुंचे कोर्ट : शशि भूषण तिवारी के पुत्र एवं पेशे से वकील विजय शंकर तिवारी ने जब 13.11.2021 को कॉलेज का निरीक्षण किया, तो पाया कि कॉलेज की जमीन को खोद कर शराब नष्ट करने के उपयोग में लाया गया है. जब उन्होंने इस संबंध में मैरवा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया, तो एसएचओ ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने एक्साइज सुपरिंटेंडेंट, सिवान के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन समस्या का निवारण नहीं होने पर उन्हें हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी : बता दें कि बिहार में साल 2016 से शराबबंदी है. इसके बावजूद धड़ल्ले से इसी सप्लाई होती है. हालांकि पुलिस कई बार कार्रवाई भी करती है. जब्त शराब को प्रशासन द्वारा नष्ट किया जाता है. वैसे इस दौरान पूरी एहतियात बरती जाती है.

पटना : पटना हाईकोर्ट ने कॉलेज की भूमि पर प्रशासन द्वारा शराब नष्ट किए जाने के मामले पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है. जस्टिस पीबी बजनथ्री एवं जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया.

HC ने जतायी हैरानी : कोर्ट ने मामले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन मनमाने तरीके से कॉलेज की भूमि को शराब नष्ट करने के लिए कैसे उपयोग में ला सकती है? याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि साल 1986 में इस कॉलेज का निर्माण अधिवक्ता शशि भूषण तिवारी ने करवाया था. बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल ने कॉलेज को 05.03.1990 को संबद्धता प्रदान की थी लेकिन दिनांक 30.07.2004 को बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल की शर्त पूरी न करने पर इस कॉलेज की संबद्धता वापस ले ली गई थी.

थक हारकर पहुंचे कोर्ट : शशि भूषण तिवारी के पुत्र एवं पेशे से वकील विजय शंकर तिवारी ने जब 13.11.2021 को कॉलेज का निरीक्षण किया, तो पाया कि कॉलेज की जमीन को खोद कर शराब नष्ट करने के उपयोग में लाया गया है. जब उन्होंने इस संबंध में मैरवा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया, तो एसएचओ ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने एक्साइज सुपरिंटेंडेंट, सिवान के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन समस्या का निवारण नहीं होने पर उन्हें हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी : बता दें कि बिहार में साल 2016 से शराबबंदी है. इसके बावजूद धड़ल्ले से इसी सप्लाई होती है. हालांकि पुलिस कई बार कार्रवाई भी करती है. जब्त शराब को प्रशासन द्वारा नष्ट किया जाता है. वैसे इस दौरान पूरी एहतियात बरती जाती है.

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