पटनाः 2014 के एक केस में कैमूर के तत्कालीन एसपी पुष्कर आनंद को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने पुष्कर आनंद के खिलाफ रेप और अन्य धाराओं में लिए गये संज्ञान आदेश को निरस्त कर दिया है. जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने एसपी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद संज्ञान आदेश को निरस्त किया.
तत्कालीन एसडीपीओ ने दर्ज कराया था केसः बता दें कि 2014 में कैमूर के तत्कालीन एसपी पुष्कर आनंद के खिलाफ वहां की तत्कालीन एसडीपीओ ने महिला थाने में कांड संख्या 47/2014 दर्ज करा आरोप लगाया कि जब उनकी पदस्थापना कैमूर में थी, तो एसपी के साथ उनकी नजदीकियां हो गई थीं.
शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार का आरोपः एसडीपीओ ने ये आरोप लगाया था कि नजदीकियां बढ़ने के बाद बात शादी तक पहुंच गयी थी. शादी के लिए जन्मपत्री मिलान के लिए उनसे जन्म तिथि और समय मांगा गय. बाद में बताया गया कि जन्मपत्री का मिलान नहीं हो सका है. ऐसे में शादी संभव नहीं है. इस बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो गये थे. एसडीपीओ का आरोप था कि शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ बलात्कार किया गया.
कैमूर एसडीजेएम ने लिया संज्ञानः दर्ज प्राथमिकी पर कैमूर के एसडीजेएम ने 1 अप्रैल, 2019 को रेप सहित कई अन्य धाराओं में संज्ञान लिया. इस आदेश को एसपी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. इसमें कहा गया कि जब एसपी ने सूचक के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने के लिए पत्र एडीजी, मुख्यालय को भेजा, इसके बाद सूचक एसडीपीओ ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी.
एसडीपीओ ने जांच के लिए नहीं दिया मोबाइल फोनः याचिका में ये भी कहा गया था कि जब अनुसन्धानकर्ता ने फॉरेंसिक जांच के लिए एसडीपीओ से उनका मोबाइल फोन की मांग की तो उन्होंने जांच के लिए फोन नहीं दिया. याचिका पर सुनवाई के बाद पटना हाई कोर्ट ने एसडीजेएम के रेप और अन्य धाराओं में लिए गये संज्ञान आदेश को निरस्त कर दिया.
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