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पटना हाई कोर्ट से नहीं मिली दुष्कर्म के आरोपी को राहत, खारिज हुई याचिका - Patna High Court

No Relief For Rape Accused: पटना हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी की अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने निचली अदालत के फैसला को सही करार देते हुए नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को राहत नही दी है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

PATNA HIGH COURT
पटना हाई कोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 5, 2024, 1:25 PM IST

पटना: पटना हाई कोर्ट ने नाबालिग के साथ किए गए दुष्कर्म के आरोपी को किसी प्रकार की राहत नहीं दी है. कोर्ट ने निचली अदालत के फैसला को सही करार देते हुए दायर अपील को खारिज कर दिया है. जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई की. कोर्ट को बताया गया कि 24 वर्षीय आरोपी ने आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था.

शादी करने के लिए किया दुष्कर्म: आरोपी ने नाबालिग से घटना की जानकारी किसी को नहीं देने की चेतावनी दी. उसने धमकी देते हुए कहा कि सूचना देने और केस दर्ज कराने पर नतीजा भुगतना होगा. उसके बाद छात्रा ने आंगनबाड़ी सेविका मां को घटना की पूरी जानकारी दी. मां ने अपने पति को यह बात बताई. जिसके बाद पति ने आरोपी के घर जाकर घटना के बारे में पूछताछ की. आरोपी के परिजन ने घटना की पुष्टि की और कहा कि लड़की की शादी लड़के से करने के लिए घटना को अंजाम दिया गया है.

पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा: वहीं इस बात को लेकर पंचायत बुलाई गई लेकिन आरोपी पंचायत में नहीं आया. जिसके बाद भागलपुर के स्नोखर थाना में कांड संख्या 132/22 दर्ज की गई. पॉक्सो कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया. इस सजा को हाई कोर्ट में आपराधिक अपील दायर कर चुनौती दी गई. कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में किसी प्रकार का त्रुटि नहीं पाते हुये हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और अपील को खारिज कर दिया है.

पढ़ें- Patna High Court: आनुवंशिक रोग डीएमडी के खर्चीले इलाज और महंगी दवाओं पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने मांगा ब्यौरा

पटना: पटना हाई कोर्ट ने नाबालिग के साथ किए गए दुष्कर्म के आरोपी को किसी प्रकार की राहत नहीं दी है. कोर्ट ने निचली अदालत के फैसला को सही करार देते हुए दायर अपील को खारिज कर दिया है. जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई की. कोर्ट को बताया गया कि 24 वर्षीय आरोपी ने आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था.

शादी करने के लिए किया दुष्कर्म: आरोपी ने नाबालिग से घटना की जानकारी किसी को नहीं देने की चेतावनी दी. उसने धमकी देते हुए कहा कि सूचना देने और केस दर्ज कराने पर नतीजा भुगतना होगा. उसके बाद छात्रा ने आंगनबाड़ी सेविका मां को घटना की पूरी जानकारी दी. मां ने अपने पति को यह बात बताई. जिसके बाद पति ने आरोपी के घर जाकर घटना के बारे में पूछताछ की. आरोपी के परिजन ने घटना की पुष्टि की और कहा कि लड़की की शादी लड़के से करने के लिए घटना को अंजाम दिया गया है.

पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा: वहीं इस बात को लेकर पंचायत बुलाई गई लेकिन आरोपी पंचायत में नहीं आया. जिसके बाद भागलपुर के स्नोखर थाना में कांड संख्या 132/22 दर्ज की गई. पॉक्सो कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया. इस सजा को हाई कोर्ट में आपराधिक अपील दायर कर चुनौती दी गई. कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में किसी प्रकार का त्रुटि नहीं पाते हुये हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और अपील को खारिज कर दिया है.

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