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पटना डीएम ने 15 लखपति जीविका दीदियों को किया सम्मानित, हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 11, 2024, 9:04 PM IST

Patna DM honored Jeevika Didi: पटना में डीएम द्वारा 15 लखपति जीविका दीदियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान उन्हें सम्मान पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया. साथ ही प्रशासन द्वारा हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया.

पटना डीएम ने 15 लखपति जीविका दीदियों को किया सम्मानित
पटना डीएम ने 15 लखपति जीविका दीदियों को किया सम्मानित

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजधानी दिल्ली के पूसा स्थित राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान से 'सशक्त नारी-विकसित भारत' कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का सम्बोधन सुनने के लिए बिहार के अलग-अलग जिलों से जीविका दीदियों को आमंत्रित किया गया था. इस कार्यक्रम का लाइव स्ट्रीम पटना जिला समाहरणालय स्थित हिन्दी भवन में एनआईसी के माध्यम से हुआ था.

स्वयं सहायता समूह से मिल रही मदद: इस दौरान जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका दीदियां, जीविका कर्मी तथा अन्य अधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री का अभिभाषण को सुना और महिलाएं किस तरह से पिछले कुछ सालों में स्वयं सहायता समूह की मदद से प्रगति पथ पर अग्रसर है, इन बातों को भी जाना.

सहयोग करने का भरोसा दिलाया: इस दौरान समाहरणालय में जीविका के 15 लखपति दीदियों को पटना जिलाधिकारी कपिल अशोक द्वारा सम्मान पत्र देकर उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया. इस दौरान अनुभव साझा करते हुए दीदियों ने कहा कि उनकी महीने की औसत आमदनी 15 से 20 हजार रुपये हो जाती है. इस दौरान जिलाधिकारी ने जीविका दीदियों के साथ संवाद किया एवं सरकारी विभागों के माध्यम से हर संभव सहयोग करने का भी भरोसा दिलाया.

सरकारी कार्यक्रमों का मिले टेंडर: वहीं, उन्होंने फुलवारी प्रखण्ड में टेंट हाउस की व्यवसाय करने वाली सीता दीदी को सरकारी कार्यक्रमों में एक लाख रुपये का टेंट का व्यवसाय सीधे रूप से देने के लिए संबन्धित अधिकारी को निर्देशित किया. साथ ही सीता दीदी द्वारा इस व्यवसाय को संतोषजनक तरीके से करने के उपरांत नियमानुसार इसी तरह के व्यवसाय को दूसरों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कहा.

"मैंने आटा-सत्तू पीसने की मशीन बैठाई है और 'जीवक मसाले' के नाम से पैकिंग करती हूं. मेरी मासिक आमदनी 35 से 40 हजार रुपये तक हो जाती है. साथ ही मुझे पीएमएफएमई के माध्यम से आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई है." - मनीषा दीदी, मसाला की व्यवसाय

"यहां पर बेउर कारा में भी मसाला का निर्माण होता है. उसे जीविका दीदियों के माध्यम से बेचकर आमदनी की जा सकती है. समाहरणालय परिसर में उपस्थित 15 लखपति दीदियों में से कोई कपड़े का व्यवसाय करती है, कोई टेंट हाउस चलाती हैं तो कोई मसाला का व्यवसाय कर रही हैं. हमारा उद्देश्य है कि इन्हें हर संभव सहयोग करें." - कपिल अशोक, जिलाधिकारी

इसे भी पढ़े- 'रघुपति राघव राजा राम' से गुंजायमान हुई महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण, DM ने दी श्रद्धांजलि

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजधानी दिल्ली के पूसा स्थित राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान से 'सशक्त नारी-विकसित भारत' कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का सम्बोधन सुनने के लिए बिहार के अलग-अलग जिलों से जीविका दीदियों को आमंत्रित किया गया था. इस कार्यक्रम का लाइव स्ट्रीम पटना जिला समाहरणालय स्थित हिन्दी भवन में एनआईसी के माध्यम से हुआ था.

स्वयं सहायता समूह से मिल रही मदद: इस दौरान जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका दीदियां, जीविका कर्मी तथा अन्य अधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री का अभिभाषण को सुना और महिलाएं किस तरह से पिछले कुछ सालों में स्वयं सहायता समूह की मदद से प्रगति पथ पर अग्रसर है, इन बातों को भी जाना.

सहयोग करने का भरोसा दिलाया: इस दौरान समाहरणालय में जीविका के 15 लखपति दीदियों को पटना जिलाधिकारी कपिल अशोक द्वारा सम्मान पत्र देकर उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया. इस दौरान अनुभव साझा करते हुए दीदियों ने कहा कि उनकी महीने की औसत आमदनी 15 से 20 हजार रुपये हो जाती है. इस दौरान जिलाधिकारी ने जीविका दीदियों के साथ संवाद किया एवं सरकारी विभागों के माध्यम से हर संभव सहयोग करने का भी भरोसा दिलाया.

सरकारी कार्यक्रमों का मिले टेंडर: वहीं, उन्होंने फुलवारी प्रखण्ड में टेंट हाउस की व्यवसाय करने वाली सीता दीदी को सरकारी कार्यक्रमों में एक लाख रुपये का टेंट का व्यवसाय सीधे रूप से देने के लिए संबन्धित अधिकारी को निर्देशित किया. साथ ही सीता दीदी द्वारा इस व्यवसाय को संतोषजनक तरीके से करने के उपरांत नियमानुसार इसी तरह के व्यवसाय को दूसरों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कहा.

"मैंने आटा-सत्तू पीसने की मशीन बैठाई है और 'जीवक मसाले' के नाम से पैकिंग करती हूं. मेरी मासिक आमदनी 35 से 40 हजार रुपये तक हो जाती है. साथ ही मुझे पीएमएफएमई के माध्यम से आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई है." - मनीषा दीदी, मसाला की व्यवसाय

"यहां पर बेउर कारा में भी मसाला का निर्माण होता है. उसे जीविका दीदियों के माध्यम से बेचकर आमदनी की जा सकती है. समाहरणालय परिसर में उपस्थित 15 लखपति दीदियों में से कोई कपड़े का व्यवसाय करती है, कोई टेंट हाउस चलाती हैं तो कोई मसाला का व्यवसाय कर रही हैं. हमारा उद्देश्य है कि इन्हें हर संभव सहयोग करें." - कपिल अशोक, जिलाधिकारी

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