पटना: राजधानी पटना में इन दिनों खांसी, बुखार, टाइफाइड, डेंगू और वायरल फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है. पटना के अधिकांश मोहल्ले के सभी घर में लगभग एक- दो वायरल फ्लू के मरीज हैं. वायरल फ्लू के मामले को लेकर लोग जब अस्पताल में जा रहे हैं तो लगभग 10% मामले डेंगू के निकल रहे हैं और 10 से 15% मामले टाइफाइड के निकल रहे हैं.
20 फीसद बढ़े डेंगू का मामला: पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज सिन्हा ने बताया कि अभी के समय सामान्य फ्लू के मामले भी सामान्य दिनों की तुलना में 20% तक बढ़े हुए हैं. इसके अलावा बरसात का मौसम होने के कारण डेंगू का भी मामला बढ़ा हुआ है. उनकी केंद्र पर डेंगू के एलाइजा जांच की सुविधा उपलब्ध है. इसी बीच चौंकाने वाला यह तथ्य सामने आया है कि डेंगू के जिन मामलों से लोगों की मौत हो रही है और स्थिति गंभीर हो रही है वह डेंगू के टाइप 2 के कारण हो रही है.
ब्लड प्रेशर कम होने से जान को खतरा: उन्होंने बताया कि सामान्य फ्लू के लगभग 5 से 10% मामले में डेंगू डिटेक्ट हो रहा है. इसमें टाइप वन में स्थिति गंभीर नहीं हो रही है लेकिन टाइप टू से जो संक्रमित हो रहे हैं, उनकी स्थिति गंभीर हो जा रही है. अचानक से प्लेटलेट्स बहुत नीचे चला जा रहा है और ब्लड प्रेशर कम हो जा रहा है. टाइप 2 में मरीज की जान पर खतरा होता है.
वायरल फ्लू में टाइफाइड के भी मामले: डॉ मनोज सिन्हा ने बताया कि वायरल फ्लू और डेंगू के साथ-साथ टाइफाइड की भी मामले इन दोनों बढ़े हुए हैं और लगभग 10 से 15 प्रतिशत मामले प्रतिदिन उनके यहां टाइफाइड के मिल रहे हैं. प्रतिदिन ओपीडी में 130 से 160 की संख्या में फ्लू की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं. जिसमें डेंगू और टाइफाइड डिटेक्ट हो रहे हैं.
"अभी अगले एक से डेढ़ महीने तक डेंगू की स्थिति बनी रहेगी. अभी बरसात का मौसम चल रहा है और ह्यूमिड कंडीशन बना हुआ है, जो डेंगू के मच्छर के पनपने के लिए अनुकूल समय होता है. जब ठंड के मौसम की शुरुआत होगी और टेंपरेचर कम होगा तब डेंगू नियंत्रण में आएगा क्योंकि ठंड के मौसम में डेंगू मच्छर के ब्रीडिंग कैपेसिटी कमजोर हो जाती है." - डॉ मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल
प्रदेश में अब तक डेंगू के 1123 मामले: प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में 45 से अधिक डेंगू मरीज एडमिट है, जिनका इलाज चल रहा है. प्रदेश में अब तक डेंगू के 1123 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं अगर पटना की बात करें तो पटना में अब तक 523 डेंगू के मामले मिल हैं. बीते 24 घंटे में प्रदेश में मिले 55 डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट में पांच मामले समस्तीपुर में मिले हैं और चार मामले सारण में मिले हैं.
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— Bihar Health Dept (@BiharHealthDept) September 9, 2024
इन जिलों में भी जारी है डेंगू का कहर: बता दें कि मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सिवान, पश्चिमी चंपारण जैसे जिले भी डेंगू की चपेट में है. पटना में अभी के समय वायरल फ्लू के मामले काफी बढ़े हुए हैं. इनमें से जांच में 10-15% मामले में डेंगू निकल रहे हैं. हालांकि पटना नगर निगम डेंगू की रोकथाम के लिए एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग के दावे कर रहा है, लेकिन लोगों को कहना है कि यह सिर्फ दिखावा है और इसमें उदासीनता बरती जा रही है.
कब कराएं डेंगू जांच: यदि दो दिनों तक लगातार बुखार बना रह रहा है. इसके साथ ही उल्टी या दस्त हुई है. शरीर में बहुत अधिक कमजोरी लग रहा है और बदन दर्द कर रहा है तो डेंगू का तुरंत जांच कराएं. यदि डेंगू पॉजीटिव आने पर लगातार सर में दर्द, बदन दर्द, उल्टी आने, बेचैनी महसूस होने, जी मचलने, पेट दर्द की शिकायत महसूस हो रही है तो तुरंत अस्पताल में एडमिट हो.
सोते समय मच्छरदानी लगाए: डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है कि घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें. जहां पानी जमा हो रहा है वहां की किरासन तेल और अन्य केमिकल का छिड़काव करें. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और घर में मच्छर भगाने के लिए उपाय करें.
खूब पानी पिए: डेंगू मरीज प्रचुर मात्रा में पानी पिए. शरीर में पानी की कमी नहीं होने दे क्योंकि डेंगू में शरीर में पानी की कमी होने पर प्लेटलेट्स गिरने लगता है. डेंगू मरीज जिनका प्लेटलेट्स कम हो रहा है उनकी बीपी की भी मॉनिटरिंग करें और उन्हें अस्पताल में चिकित्सकों की देखरेख में रखें.
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