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एम्स में मरीजों को मिलेगी AI तकनीक से ईसीजी की सुविधा, तकनीशियन की नहीं होगी जरूरत - AIIMS AI TECHNOLOGY ECG SERVICES

दिल्ली एम्स में भर्ती मरीजों को उनके बिस्तर पर ही एआई तकनीक से ईसीजी की सुविधा मिलेगी. इसके लिए तकनीशियन की जरूरत नहीं होगी.

दिल्ली एम्स
दिल्ली एम्स (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 7, 2024, 9:45 PM IST

Updated : Oct 7, 2024, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एम्स बहुत जल्द अपने यहां भर्ती मरीजों को उनके बिस्तर पर ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से ईसीजी(ECG) की सुविधा उपलब्ध कराएगा. इससे मरीजों का ECG करने के लिए टेक्नीशियन को एक विभाग से दूसरे विभाग में नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही कुछ मरीजों को इसी के लिए केंद्रीय यूनिट में ले जाने की जरूरत भी खत्म हो जाएगी. मरीजों को इधर से उधर ले जाने में होने वाली परेशानी से भी निजात मिल सकेगी.

फिलहाल तकनीशियन विभिन्न विभागों में जाकर करते हैं भर्ती मरीजों की ECG

वर्तमान में, ईसीजी तकनीशियनों द्वारा की जाती है. जिसके लिए उनको भर्ती मरीजों की ईसीजी करने के लिए विभिन्न विभागों में जाना पड़ता है. इसके साथ ही कुछ रोगियों को ईसीजी के लिए केंद्रीकृत ईसीजी सुविधा में भेजा जाता है. एम्स, दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा कि हम रोगी देखभाल और परिचालन प्रभावशीलता दोनों को बेहतर बनाने के प्रयास में भर्ती मरीजों के लिए ईसीजी सेवाओं को सुव्यवस्थित करने की योजना बना रहे हैं.

31 दिसंबर तक हर भर्ती वार्ड डिजिटल ईसीजी उपकरण स्थापित करने की है योजना

निदेशक ने बताया कि 31 दिसंबर, 2024 तक एम्स, दिल्ली की योजना प्रत्येक इनपेशेंट क्षेत्र (भर्ती वार्ड) में एआई-आधारित क्षमताओं के साथ डिजिटल ईसीजी उपकरण स्थापित करने की है. नर्सिंग अधिकारियों, रेजिडेंट डॉक्टरों और फैकल्टी मेंबर्स जैसे हेल्थ प्रोफेशनल द्वारा भर्ती मरीजों के लिए बिस्तर के पास ईसीजी करने की सुविधा विकसित होने से मरीजों को ईसीजी के लिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की आवश्यकता में काफी कमी आएगी.

जटिल ईसीजी की समझ को और बेहतर बनाने के लिए कार्डियोलॉजी विभाग 24-घंटे कमांड सेंटर भी बनेगा

इसके साथ ही जटिल ईसीजी की समझ को और बेहतर बनाने के लिए एम्स कार्डियोलॉजी विभाग एक 24-घंटे कमांड सेंटर भी स्थापित करेगा. मरीजों की भर्ती वाले सभी क्षेत्रों (वार्ड और आईसीयू) में कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा ईसीजी की रिपोर्ट तैयार करने के लिए टेलीमेट्री द्वारा जटिल ईसीजी भेजने की सुविधा होगी. प्रो.एम. श्रीनिवास ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली एम्स में हम स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें: दो टुकड़े हुए हाथ को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने फिर से जोड़ा

हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे मरीज़ समय पर और प्रभावी नैदानिक सेवाएँ प्राप्त करें, जिससे उनके संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा अनुभव में सुधार हो. इसके लिए हम एआई-आधारित डिजिटल ईसीजी उपकरणों को एकीकृत कर 24 घंटे कमांड सेंटर स्थापित करने की तैयारी में लगे हैं. एम्स में मीडिया सेल की प्रभारी प्रोफेसर रीमा दादा ने कहा कि यह पहल रोगी देखभाल वितरण को बढ़ाने के प्रयासों में एक बड़ी प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है. हमारा लक्ष्य अत्याधुनिक तकनीक को अपनाकर और ईसीजी सेवाओं को विकेंद्रीकृत करके बिस्तर पर ही त्वरित और सटीक नैदानिक सहायता प्रदान करना है.

ये भी पढ़ें: 26 वर्षीय अनीश दुनिया से जाते-जाते 4 लोगों को दे गया नई जिंदगी, AIIMS में ऐसे हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट

नई दिल्ली: दिल्ली एम्स बहुत जल्द अपने यहां भर्ती मरीजों को उनके बिस्तर पर ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से ईसीजी(ECG) की सुविधा उपलब्ध कराएगा. इससे मरीजों का ECG करने के लिए टेक्नीशियन को एक विभाग से दूसरे विभाग में नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही कुछ मरीजों को इसी के लिए केंद्रीय यूनिट में ले जाने की जरूरत भी खत्म हो जाएगी. मरीजों को इधर से उधर ले जाने में होने वाली परेशानी से भी निजात मिल सकेगी.

फिलहाल तकनीशियन विभिन्न विभागों में जाकर करते हैं भर्ती मरीजों की ECG

वर्तमान में, ईसीजी तकनीशियनों द्वारा की जाती है. जिसके लिए उनको भर्ती मरीजों की ईसीजी करने के लिए विभिन्न विभागों में जाना पड़ता है. इसके साथ ही कुछ रोगियों को ईसीजी के लिए केंद्रीकृत ईसीजी सुविधा में भेजा जाता है. एम्स, दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा कि हम रोगी देखभाल और परिचालन प्रभावशीलता दोनों को बेहतर बनाने के प्रयास में भर्ती मरीजों के लिए ईसीजी सेवाओं को सुव्यवस्थित करने की योजना बना रहे हैं.

31 दिसंबर तक हर भर्ती वार्ड डिजिटल ईसीजी उपकरण स्थापित करने की है योजना

निदेशक ने बताया कि 31 दिसंबर, 2024 तक एम्स, दिल्ली की योजना प्रत्येक इनपेशेंट क्षेत्र (भर्ती वार्ड) में एआई-आधारित क्षमताओं के साथ डिजिटल ईसीजी उपकरण स्थापित करने की है. नर्सिंग अधिकारियों, रेजिडेंट डॉक्टरों और फैकल्टी मेंबर्स जैसे हेल्थ प्रोफेशनल द्वारा भर्ती मरीजों के लिए बिस्तर के पास ईसीजी करने की सुविधा विकसित होने से मरीजों को ईसीजी के लिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की आवश्यकता में काफी कमी आएगी.

जटिल ईसीजी की समझ को और बेहतर बनाने के लिए कार्डियोलॉजी विभाग 24-घंटे कमांड सेंटर भी बनेगा

इसके साथ ही जटिल ईसीजी की समझ को और बेहतर बनाने के लिए एम्स कार्डियोलॉजी विभाग एक 24-घंटे कमांड सेंटर भी स्थापित करेगा. मरीजों की भर्ती वाले सभी क्षेत्रों (वार्ड और आईसीयू) में कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा ईसीजी की रिपोर्ट तैयार करने के लिए टेलीमेट्री द्वारा जटिल ईसीजी भेजने की सुविधा होगी. प्रो.एम. श्रीनिवास ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली एम्स में हम स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहते हैं.

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हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे मरीज़ समय पर और प्रभावी नैदानिक सेवाएँ प्राप्त करें, जिससे उनके संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा अनुभव में सुधार हो. इसके लिए हम एआई-आधारित डिजिटल ईसीजी उपकरणों को एकीकृत कर 24 घंटे कमांड सेंटर स्थापित करने की तैयारी में लगे हैं. एम्स में मीडिया सेल की प्रभारी प्रोफेसर रीमा दादा ने कहा कि यह पहल रोगी देखभाल वितरण को बढ़ाने के प्रयासों में एक बड़ी प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है. हमारा लक्ष्य अत्याधुनिक तकनीक को अपनाकर और ईसीजी सेवाओं को विकेंद्रीकृत करके बिस्तर पर ही त्वरित और सटीक नैदानिक सहायता प्रदान करना है.

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Last Updated : Oct 7, 2024, 10:35 PM IST
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