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टेरर फंडिंग के आरोपी राशिद इंजीनियर को सांसद के रूप में शपथ लेने की नहीं मिली इजाजत - Engineer Rashid

Patiala House Court: दिल्ली की एक अदालत ने टेरर फंडिंग के आरोपी राशिद इंजीनियर को सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति संबंधी याचिका खारिज कर दी है.

राशिद के सांसद की शपथ लेने की अनुमति के मामले पर सुनवाई
राशिद के सांसद की शपथ लेने की अनुमति के मामले पर सुनवाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 18, 2024, 8:12 AM IST

Updated : Jun 18, 2024, 9:10 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित सांसद राशिद इंजीनियर की अंतरिम जमानत खारिज कर दी. राशिद इंजीनियर ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने ले लिए अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. बता दें कि 10 जून को सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा था कि सांसदों के शपथ लेने का नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं किया गया है. कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था.

इंजीनियर रशीद ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

इन कामों में सहयोग देने का आरोप
एनआईए के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

2008 में शुरू किया सियासी सफर
रशीद ने अपना राजनीतिक करियर वर्ष 2008 में शुरू किया था. एक निर्माण इंजीनियर के रूप में अपनी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सियासत शुरू की. महज 17 दिनों के अभियान के बाद उन्होंने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा शहर में लंगेट की निर्वाचन सीट जीत ली थी.

यह भी पढ़ेंः सौरभ भारद्वाज बोले- बिना नेटवर्क के भी छेड़छाड़ संभव, संजय सिंह ने NDA की 80 सीटों पर जताया संदेह

यह भी पढ़ेंः द‍िल्‍लीवालों के स‍िर चढ़ा फैंसी नंबर का खुमार! लाखों की बोली लगाकर खूब खरीद रहे गाड़ी का VIP नंबर

नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित सांसद राशिद इंजीनियर की अंतरिम जमानत खारिज कर दी. राशिद इंजीनियर ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने ले लिए अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. बता दें कि 10 जून को सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा था कि सांसदों के शपथ लेने का नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं किया गया है. कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था.

इंजीनियर रशीद ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

इन कामों में सहयोग देने का आरोप
एनआईए के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

2008 में शुरू किया सियासी सफर
रशीद ने अपना राजनीतिक करियर वर्ष 2008 में शुरू किया था. एक निर्माण इंजीनियर के रूप में अपनी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सियासत शुरू की. महज 17 दिनों के अभियान के बाद उन्होंने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा शहर में लंगेट की निर्वाचन सीट जीत ली थी.

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Last Updated : Jun 18, 2024, 9:10 PM IST
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