नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले के छह आरोपियों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को 30 दिनों का समय और दें दिया है. स्पेशल जज हरदीप कौर ने ये आदेश दिया. दिल्ली पुलिस ने याचिका दायर कर इस मामले की जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने के लिए 45 दिनों का और समय देने की मांग की थी.
दिल्ली पुलिस ने मांगा था समय: दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी कुछ गवाहों से पूछताछ करनी है और अभी कुछ जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है. आज इस मामले के सभी आरोपियों को भी कोर्ट में पेश किया गया. इसके पहले 11 मार्च को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जांच के लिए 45 दिनों का अतिरिक्त समय दिया था. बता दें कि 5 जनवरी को कोर्ट ने आरोपियों का पॉलीग्राफ, नार्को और ब्रेन मैपिंग करने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16ए के तहत आरोप लगाए हैं.
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इस दिन हुई थी सुरक्षा में चूक: 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की.
कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे. पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं. पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 22 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था.
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