हरिद्वार/लक्सर: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस जे परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है. जिसमें लक्सर की एक बेटी ने जज बनकर अपने अधिवक्ता पिता का सपना पूरा किया है. कई बार प्रयासों के बावजूद पिता तो जज नहीं बन सके, लेकिन उनकी बेटी ने पहले ही प्रयास में उनके सपने को पूरा कर दिखाया. अब बेटी काजल के जज बनने पर उनके परिवार और गांव में जश्न का माहौल है. वहीं, हरिद्वार में परितोष जज बन गए हैं.
बेटी बनी जज तो अधिवक्ता पिता का गर्व से फूला सीना: लक्सर तहसील क्षेत्र के गनोली गांव निवासी चौधरी महक सिंह अधिवक्ता हैं. वो लक्सर कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. उन्होंने वकालत करने के बाद जज बनने के प्रयास तो कई बार किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए. तब उन्होंने बेटी को जज बनने का सपना संजोया. उनकी बेटी काजल ने पीसीएस जे की परीक्षा की तैयारी की और पहले प्रयास में ही उसकी मेहनत रंग लाई. अब वो जज बन गई हैं.
काजल ने बताया कि उसने इंटर तक की पढ़ाई लक्सर के आईपी इंटर कॉलेज और राजकीय डिग्री कॉलेज से बीए पास किया. इसके बाद डीएवी कॉलेज देहरादून से साल 2022 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. काजल का कहना है कि गुरुजनों, माता पिता और बड़ों के आशीर्वाद से वो पहले ही प्रयास में सफल रहीं. काजल ने बताया कि उसके पिता ने उसे जज बनने का जो सपना देखा था, वो आखिरकार पूरा हो गया.
हरिद्वार में परितोष के जज बनने पर पिता ने बजवाए ढोल, डांस भी किया: हरिद्वार के भगतोंवाली गांव निवासी परितोष भी 15वां स्थान हासिल कर जज बन गए हैं. बेटे के जज बनने की खुशी में पिता ने न सिर्फ ढोल बजवाए बल्कि, जमकर डांस भी किया. परितोष की मां, पत्नी और भाई भी ढोल की थाप पर थिरकते हुए नजर आए. परितोष ने इस उपलब्धि के लिए अपने पिता को श्रेय दिया है.
परितोष की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा दिल्ली में हुई और दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद परितोष का केनरा बैंक में मैनेजर लॉ के पद पर चयन हो गया. बैंक में नौकरी लगने के बावजूद उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी. परितोष ने बताया कि पीड़ितों को बेहतर न्याय दिलाना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी. उनके पिता दिल्ली रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर हैं. जबकि, उनका भाई हरिद्वार रेलवे अस्पताल में डॉक्टर हैं.
ये भी पढ़ें-