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बहादुरगढ़ में योगेश कथुनिया का भव्य स्वागत, पेरिस पैरालंपिक में सिल्वर मेडल पर किया कब्जा, गोल्ड लाना है सपना - Yogesh Kathuniya grand welcome

Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालिंपिक 2024 में डिस्कस थ्रो चक्का फेंक स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतने वाले योगेश कथुनिया का बहादुरगढ़ में जोरदार स्वागत किया गया. नायब तहसीलदार रविंद्र कुमार ने बहादुरगढ़ स्थित हनुमान मंदिर में फूल माला पहनाकर सिल्वर मेडल विजेता का स्वागत किया.

Paris Paralympics 2024
योगेश कथुनिया का बहादुरगढ़ में स्वागत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 15, 2024, 8:35 PM IST

Paris Paralympics 2024 (Etv Bharat)

बहादुरगढ़: हरियाणा के बेटे योगेश कथुनिया ने पेरिस पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. मैडल जीत कर पहली बार घर लौटे योगेश का परिजनों और खेल प्रेमियों ने जोरदार स्वागत किया. योगेश की जीत की खुशी में ढोल नगाड़े बजाए गए और शहर भर में एक रोड़ शो भी निकाला गया. इससे पहले योगेश ने भगवान के मंदिर में मत्था टेक आशीर्वाद भी लिया.

सिल्वर मेडल विजेता योगेश: योगेश कथुनिया ने पैरा ओलंपिक खेलों के डिस्कस थ्रो इवेंट में लगातार दूसरी बार सिल्वर पदक हासिल किया है. इससे पहले योगेश ने टोक्यो पैरा ओलंपिक गेम्स में भी सिल्वर पदक हासिल किया था. इस बार योगेश ने 42.22 मीटर दूरी के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया है. योगेश का कहना है कि परिजनों ने उसका हर कदम पर साथ दिया है.

'युवा मेहनत जारी रखें': युवाओं को संदेश देते हुए योगेश ने कहा कि युवा अपनी मेहनत जारी रखें, एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी. योगेश में बताया कि उसका अगला लक्ष्य वर्ल्ड गेम्स और एशियन गेम्स में पदक हासिल करना है. प्रधानमंत्री से मिलना भी योगेश के लिए मोटिवेशनल रहा है. योगेश का कहना है प्रधानमंत्री से मिलने के बाद नई ऊर्जा का संचार हो जाता है.

2016 में खेलना शुरू किया: हम आपको बता दें कि योगेश को 2006 में पैरालिसिस हो गया था. इसके बाद घर वालों ने योगेश के वापस उठ खड़े होने की उम्मीद छोड़ दी थी. मगर योगेश ने हिम्मत नहीं हारी और व्हीलचेयर पर रहते हुए भी पूरे हौसले के साथ 2016 में खेलना शुरू किया. इसी का नतीजा है कि योगेश कथुनिया ने लगातार दूसरी बार पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया है. योगेश के दादा और पिता सेना में रहकर देश सेवा कर चुके हैं और योगेश पदक पर पदक जीतकर देश का नाम विदेश में रोशन कर रहा है.

ये भी पढ़ें: पैरालंपिक में गोल्ड जीतने के बाद घर पहुंचे खिलाड़ी का जोरदार स्वागत, धर्मवीर नैन बोले- 'सालों की कड़ी मेहनत से मिली सफलता' - gold medalist Dharambir Nain

ये भी पढ़ें: पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नितेश कुमार का अकादमी में भव्य स्वागत, हादसा भी कम नहीं कर पाया हौसलों की उड़ान - Badminton player Nitesh Kumar

Paris Paralympics 2024 (Etv Bharat)

बहादुरगढ़: हरियाणा के बेटे योगेश कथुनिया ने पेरिस पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. मैडल जीत कर पहली बार घर लौटे योगेश का परिजनों और खेल प्रेमियों ने जोरदार स्वागत किया. योगेश की जीत की खुशी में ढोल नगाड़े बजाए गए और शहर भर में एक रोड़ शो भी निकाला गया. इससे पहले योगेश ने भगवान के मंदिर में मत्था टेक आशीर्वाद भी लिया.

सिल्वर मेडल विजेता योगेश: योगेश कथुनिया ने पैरा ओलंपिक खेलों के डिस्कस थ्रो इवेंट में लगातार दूसरी बार सिल्वर पदक हासिल किया है. इससे पहले योगेश ने टोक्यो पैरा ओलंपिक गेम्स में भी सिल्वर पदक हासिल किया था. इस बार योगेश ने 42.22 मीटर दूरी के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया है. योगेश का कहना है कि परिजनों ने उसका हर कदम पर साथ दिया है.

'युवा मेहनत जारी रखें': युवाओं को संदेश देते हुए योगेश ने कहा कि युवा अपनी मेहनत जारी रखें, एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी. योगेश में बताया कि उसका अगला लक्ष्य वर्ल्ड गेम्स और एशियन गेम्स में पदक हासिल करना है. प्रधानमंत्री से मिलना भी योगेश के लिए मोटिवेशनल रहा है. योगेश का कहना है प्रधानमंत्री से मिलने के बाद नई ऊर्जा का संचार हो जाता है.

2016 में खेलना शुरू किया: हम आपको बता दें कि योगेश को 2006 में पैरालिसिस हो गया था. इसके बाद घर वालों ने योगेश के वापस उठ खड़े होने की उम्मीद छोड़ दी थी. मगर योगेश ने हिम्मत नहीं हारी और व्हीलचेयर पर रहते हुए भी पूरे हौसले के साथ 2016 में खेलना शुरू किया. इसी का नतीजा है कि योगेश कथुनिया ने लगातार दूसरी बार पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया है. योगेश के दादा और पिता सेना में रहकर देश सेवा कर चुके हैं और योगेश पदक पर पदक जीतकर देश का नाम विदेश में रोशन कर रहा है.

ये भी पढ़ें: पैरालंपिक में गोल्ड जीतने के बाद घर पहुंचे खिलाड़ी का जोरदार स्वागत, धर्मवीर नैन बोले- 'सालों की कड़ी मेहनत से मिली सफलता' - gold medalist Dharambir Nain

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