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पेपर लीक से जुड़े ईडी प्रकरण में आरोपी रामकृपाल मीणा की जमानत खारिज - रामकृपाल मीणा की जमानत खारिज

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रामकृपाल मीणा की जमानत याचिका राजस्थान हाईकोर्ट ने खा​रिज कर दी है. आरोपी की ओर से याचिका में कहा गया कि ईडी के पास उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.

paper leak accused bail rejected
रामकृपाल मीणा की जमानत खारिज
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 16, 2024, 8:53 PM IST

रामकृपाल मीणा की जमानत खारिज

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट पेपर लीक से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रामकृपाल मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

जमानत याचिका में आरोपी की ओर से कहा गया कि एसओजी की ओर से दर्ज मूल प्रकरण में उसे जमानत मिल चुकी है. इसके अलावा ईडी के पास याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने कहा कि याचिकाकर्ता पर एक करोड़ 6 लाख रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. यह राशि 8 लोगों को रखने के लिए दी गई और बाद में इन लोगों ने इस रकम को उधारी दिखा दी.

पढ़ें: भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक मामले को लेकर एसओजी का एक्शन मोड़, शिक्षा संकुल में दी दबिश

ईडी इस राशि को जब्त भी कर चुकी है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अदालत को जमानत देते समय यह देखना होता है कि संबंधित व्यक्ति ने प्राथमिक रूप से भी यह अपराध नहीं किया है. इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग का विशेष कानून है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि मूल केस में मिली जमानत से मनी लॉन्ड्रिंग का केस प्रभावित नहीं होगा. याचिकाकर्ता ने शिक्षा संकुल के सुरक्षित चेस्ट से पेपर चोरी कर उसे करोड़ों रुपए में बेचा. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

रामकृपाल मीणा की जमानत खारिज

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट पेपर लीक से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रामकृपाल मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

जमानत याचिका में आरोपी की ओर से कहा गया कि एसओजी की ओर से दर्ज मूल प्रकरण में उसे जमानत मिल चुकी है. इसके अलावा ईडी के पास याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने कहा कि याचिकाकर्ता पर एक करोड़ 6 लाख रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. यह राशि 8 लोगों को रखने के लिए दी गई और बाद में इन लोगों ने इस रकम को उधारी दिखा दी.

पढ़ें: भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक मामले को लेकर एसओजी का एक्शन मोड़, शिक्षा संकुल में दी दबिश

ईडी इस राशि को जब्त भी कर चुकी है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अदालत को जमानत देते समय यह देखना होता है कि संबंधित व्यक्ति ने प्राथमिक रूप से भी यह अपराध नहीं किया है. इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग का विशेष कानून है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि मूल केस में मिली जमानत से मनी लॉन्ड्रिंग का केस प्रभावित नहीं होगा. याचिकाकर्ता ने शिक्षा संकुल के सुरक्षित चेस्ट से पेपर चोरी कर उसे करोड़ों रुपए में बेचा. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

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