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10 दिन बाद भी पेंथर वन विभाग की पकड़ से बाहर, घना जंगल बढ़ा रहा मुश्किलें - पैंथर का मूवमेंट

अलवर में पैंथर को पकड़ने के लिए कोशिशे की जा रही हैं, लेकिन 10 दिन बाद भी पेंथर वन विभाग की पकड़ से दूर है.

लेपर्ड वन विभाग की पकड़ से दूर
लेपर्ड वन विभाग की पकड़ से दूर (ETV Bharat (Symbolic))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 11, 2024, 11:21 AM IST

अलवर : शहर के बीचों बीच बने आरआर कॉलेज में 10 दिन से पैंथर का मूवमेंट जारी है. वनकर्मियों की टीम लगातार पैंथर की मॉनिटरिंग में जुटी है, लेकिन घना जंगल होने के चलते अभी पैंथर वन कर्मियों की पकड़ से दूर है. वन विभाग की ओर से सर्च अभियान चलाकर भी पैंथर की लोकेशन ढूंढने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाई. हालांकि, पैंथर लगातार पिंजरे के पास आ रहा है, लेकिन शिकार के लिए अंदर नहीं जा रहा. 10 दिन बाद भी पैंथर का रेस्क्यू नहीं होने से आसपास के आबादी क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल है.

पिंजरे को भी चेंज किया गया: अलवर वन मंडल के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि पैंथर की मूवमेंट लगातार पिंजरे के पास हो रही है. पैंथर को शिकार के लिए पिंजरे में बकरा, मुर्गा व मेमना बांधा गया, लेकिन जंगल में पर्याप्त मात्रा में शिकार की व्यवस्था होने के चलते पैंथर पिंजरे में शिकार के लिए नहीं पहुंच रहा. हालांकि, दो से तीन बार पिंजरे के अंदर भी पैंथर के पगमार्क मिले हैं. उन्होंने कहा कि पैंथर की पगमार्क की लोकेशन को देखते हुए पिंजरे को भी चेंज किया गया है. हमारी प्राथमिकता है कि पैंथर को नेचुरल तरीके से पकड़ा जाए. इसके लिए लगातार वन विभाग की टीम मॉनिटरिंग कर रही है. स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने को कहा गया है. कारण है कि पैंथर का मूवमेंट कुछ समय पहले आर आर कॉलेज के आपस आवासीय क्षेत्र में भी मिले.

पढ़ें. लेपर्ड के हमले से दहशत का माहौल, रेस्क्यू करने में जुटी वन विभाग की टीम

घना जंगल आ रहा पैंथर की तलाश में आड़े : भीम सिंह ने बताया कि आरआर कॉलेज में 50 हेक्टेयर के घने जंगल में बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं. इसके चलते पैंथर की लोकेशन ट्रेस करना आसान नहीं है. पैंथर रात के अंधेरे में मूवमेंट करता है, इसके लिए जगह-जगह पर कैमरा भी लगाए गए हैं. बड़ी-बड़ी झाड़ियां पैंथर की लोकेशन को ट्रेस करने में कई बार परेशानियां उत्पन्न करती हैं.

आक्रामक होकर भाग सकता है पैंथर : भीम सिंह ने बताया कि पैंथर की मॉनिटरिंग के लिए लगातार टीम प्रयास कर रही है. पैंथर एक शर्मिला वन्य जीव है, जो की खुद पर खतरा होने की आशंका के चलते एग्रेसिव होकर इधर-उधर निकल सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग कदम उठा रहा है कि किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो.

पढ़ें. जयपुर के विद्याधर नगर इलाके में घुसा लेपर्ड, मचा हड़कंप, 2 लोगों को किया जख्मी

ट्रेंकुलाइज के लिए ही अलर्ट मोड पर : वन विभाग की टीम लगातार नेचुरल तरीके से पैंथर को पकड़ने के प्रयास कर रही है. वहीं, सरिस्का से आई ट्रेंकुलाइज टीम भी अलर्ट मोड पर है. पैंथर की लोकेशन पता लगाने के लिए वनकर्मियों की टीम लगातार पगमार्क के अनुसार जगह जगह पर तलाश कर रहे, लेकिन अभी तक पैंथर की लोकेशन का पता नहीं लग पाया.

कॉलेज प्रशासन ने की सावधानी बरतने की अपील की : आरआर कॉलेज में पिछले 10 दिनों से पैंथर की मूवमेंट के चलते कॉलेज प्रशासन ने भी कॉलेज आने वाले स्टूडेंट से अपील की, कोई भी स्टूडेंट एकांत जगह पर न जाएं. वहीं, कॉलेज परिसर में घूमने आने वाले लोगों से भी अपील की गई है कि वे अंधेरे में कॉलेज की परिसर की तरफ न आएं.

अलवर : शहर के बीचों बीच बने आरआर कॉलेज में 10 दिन से पैंथर का मूवमेंट जारी है. वनकर्मियों की टीम लगातार पैंथर की मॉनिटरिंग में जुटी है, लेकिन घना जंगल होने के चलते अभी पैंथर वन कर्मियों की पकड़ से दूर है. वन विभाग की ओर से सर्च अभियान चलाकर भी पैंथर की लोकेशन ढूंढने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाई. हालांकि, पैंथर लगातार पिंजरे के पास आ रहा है, लेकिन शिकार के लिए अंदर नहीं जा रहा. 10 दिन बाद भी पैंथर का रेस्क्यू नहीं होने से आसपास के आबादी क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल है.

पिंजरे को भी चेंज किया गया: अलवर वन मंडल के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि पैंथर की मूवमेंट लगातार पिंजरे के पास हो रही है. पैंथर को शिकार के लिए पिंजरे में बकरा, मुर्गा व मेमना बांधा गया, लेकिन जंगल में पर्याप्त मात्रा में शिकार की व्यवस्था होने के चलते पैंथर पिंजरे में शिकार के लिए नहीं पहुंच रहा. हालांकि, दो से तीन बार पिंजरे के अंदर भी पैंथर के पगमार्क मिले हैं. उन्होंने कहा कि पैंथर की पगमार्क की लोकेशन को देखते हुए पिंजरे को भी चेंज किया गया है. हमारी प्राथमिकता है कि पैंथर को नेचुरल तरीके से पकड़ा जाए. इसके लिए लगातार वन विभाग की टीम मॉनिटरिंग कर रही है. स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने को कहा गया है. कारण है कि पैंथर का मूवमेंट कुछ समय पहले आर आर कॉलेज के आपस आवासीय क्षेत्र में भी मिले.

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घना जंगल आ रहा पैंथर की तलाश में आड़े : भीम सिंह ने बताया कि आरआर कॉलेज में 50 हेक्टेयर के घने जंगल में बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं. इसके चलते पैंथर की लोकेशन ट्रेस करना आसान नहीं है. पैंथर रात के अंधेरे में मूवमेंट करता है, इसके लिए जगह-जगह पर कैमरा भी लगाए गए हैं. बड़ी-बड़ी झाड़ियां पैंथर की लोकेशन को ट्रेस करने में कई बार परेशानियां उत्पन्न करती हैं.

आक्रामक होकर भाग सकता है पैंथर : भीम सिंह ने बताया कि पैंथर की मॉनिटरिंग के लिए लगातार टीम प्रयास कर रही है. पैंथर एक शर्मिला वन्य जीव है, जो की खुद पर खतरा होने की आशंका के चलते एग्रेसिव होकर इधर-उधर निकल सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग कदम उठा रहा है कि किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो.

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ट्रेंकुलाइज के लिए ही अलर्ट मोड पर : वन विभाग की टीम लगातार नेचुरल तरीके से पैंथर को पकड़ने के प्रयास कर रही है. वहीं, सरिस्का से आई ट्रेंकुलाइज टीम भी अलर्ट मोड पर है. पैंथर की लोकेशन पता लगाने के लिए वनकर्मियों की टीम लगातार पगमार्क के अनुसार जगह जगह पर तलाश कर रहे, लेकिन अभी तक पैंथर की लोकेशन का पता नहीं लग पाया.

कॉलेज प्रशासन ने की सावधानी बरतने की अपील की : आरआर कॉलेज में पिछले 10 दिनों से पैंथर की मूवमेंट के चलते कॉलेज प्रशासन ने भी कॉलेज आने वाले स्टूडेंट से अपील की, कोई भी स्टूडेंट एकांत जगह पर न जाएं. वहीं, कॉलेज परिसर में घूमने आने वाले लोगों से भी अपील की गई है कि वे अंधेरे में कॉलेज की परिसर की तरफ न आएं.

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