पन्ना। मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में मंगलवार को हनुमान जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई. ठीक इसी तरह पन्ना जिले के शाहनगर में स्थित सिद्ध कुंड गंगा झिरिया में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां सुंदरकांड पाठ व हनुमान चालीसा के उपरांत प्रभु श्री हनुमान लला को 56 प्रकार का भोग लगाया गया और साथ ही कन्या भोज का भी आयोजन किया गया. यहां ग्रामीण क्षेत्रों से दर्शनों के लिए आए हुए श्रद्धालुओं को भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया. यहां का पवित्र जल अपने चमत्कारिक गुणों के लिए भी जाना जाता है.
कहां है गंगा झिरिया धार्मिक स्थल?
गंगा झिरिया नाम का यह धार्मिक स्थान पन्ना जिले के कटनी-पन्ना मार्ग पर टिकरिया के निकट वन प्रांत में मौजूद है. ऐसी मान्यता है कि इसका जल पीने से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं. भीषण गर्मी के बावजूद गोमुख से निकलता पानी कभी नहीं बंद होता. लोग यहां दूर-दूर से स्नान करने और जल पीने व लेने के लिए पहुंचते हैं.
क्या है इस स्थान की मान्यता
सिद्धेश्वर गंगा झिरिया धाम के पुजारी ने बताया कि ''यहां की पूजा करते हुऐ हमारी चार पीढ़ियां गुजर गई है. यहां गोमुख से निकलने वाली जलधारा से लोगों के रोग एवं कष्ट दूर होते हैं. यहां पर 12 ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं. गोमुखी जलधारा से 12 महीने जल प्रवाहित होता रहता है. यह पानी कभी भी सूखता नहीं है. साथ ही यहां जनवरी महीने में मकर संक्रांति के पर्व पर 10 दिन के विशाल मेले का आयोजन होता है. इस दिव्य स्थान में भगवान राम के भक्त हनुमान विराजमान हैं''. लोगों का मानना है कि यहां पर गोमुख से निकलने वाली जलधारा से लोगों के कष्ट एवं रोग दूर होते हैं जो जलधारा निरंतर सदियों से बारह माह गोमुख से बहती रहती है .