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पंचकूला के फूड डिलीवरी बॉय की प्रेरक कहानी, हादसे में बेजान हुआ शरीर, 4 साल बाद परिवार का कर्ज उतारने के लिए व्हीलचेयर को बनाया ढाल - Handicapped Food Delivery Boy

Handicapped Food Delivery Boy: पंचकूला के फूड डिलीवरी ब्वॉय टेक चंद की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है. हादसे के बाद उनके शरीर का आधा हिस्सा बेजान हो गया. हादसे के बाद टेकचंद चार साल तक बिस्तर पर रहे. उनकी सरकार ने भी कोई मदद नहीं की. दोनों पैर गंवाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. टेक चंद व्हीलचेयर पर फूड डिलीवरी करते हैं.

Handicapped Food Delivery Boy
Handicapped Food Delivery Boy (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 10, 2024, 3:51 PM IST

Handicapped Food Delivery Boy (Etv Bharat)

पंचकूला: पंचकूला का मानक टबरा के रहने वाला टेकचंद दोनों पैरों से अपाहिज होने के बावजूद भी खुद अपने परिवार का पालन पोषण और कर्ज उतारने के लिए दिन-रात फूड डिलीवरी का काम कर रहे हैं. टेक चंद का कुछ समय पहले बिजली का काम करते हुए खंभे से गिरने से दोनों पर टूट गए थे. जिसके बाद चलने फिरने से भी असमर्थ हो गए. साढ़े 4 साल तक बेड पर रहने के बाद टेकचंद की ना तो सरकार ने मदद की और ना ही उसे कंपनी ने इसके लिए यह काम करते थे. उसके बाद अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए और अपने परिवार पर चढ़े कर्ज को उतारने के लिए उसने फूड डिलीवरी का काम शुरू किया.

मेहनत के हाथ भीख के लिए नहीं उठते: दोनों पैर से अपाहिज टेकचंद ने कहा कि वह अपाहिज होने के बावजूद भी मेहनत कर अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहता है. इसके लिए वह रोजाना फूड डिलीवरी का काम करता है. उसने बताया कि उसे काम में कई प्रकार की दिक्कतें आती हैं. क्योंकि उसके दोनों पैर काम नहीं करते. लेकिन उसके बावजूद भी उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी और आज फूड डिलीवरी का काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है.

हादसे में कट गए दोनों पैर: टेक चंद ने बताया कि बिजली का काम करते हुए वह खंभे से गिर गया था. जिसके चलते दोनों पर टूट गए थे. ऐसे में वह लंबा समय बेड पर पड़ा रहा. उन्होंने कहा कि वह व्हीलचेयर पर ही फूड डिलीवरी का काम करते हैं. पंचकूला के विभिन्न स्थानों पर खाना सप्लाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग दिव्यांग होने पर दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं. लेकिन वह किसी पर निर्भर नहीं होना चाहता. इसलिए उसने खुद ही अपने परिवार के लिए पैसा कमाने की सोच और करीब डेढ़ 2 महीने से पंचकूला में फूड डिलीवरी का काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें: सिंगल स्विगी यूजर ने एक साल में इडली पर खर्च किए 7.3 लाख रुपये - World Idli Day

ये भी पढ़ें: फूड डिलीवरी बॉय ने की खुदकुशी, पत्नी से अलग होने के बाद दिल्ली की लड़की से चल रहा था प्रेम-प्रसंग

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पंचकूला: पंचकूला का मानक टबरा के रहने वाला टेकचंद दोनों पैरों से अपाहिज होने के बावजूद भी खुद अपने परिवार का पालन पोषण और कर्ज उतारने के लिए दिन-रात फूड डिलीवरी का काम कर रहे हैं. टेक चंद का कुछ समय पहले बिजली का काम करते हुए खंभे से गिरने से दोनों पर टूट गए थे. जिसके बाद चलने फिरने से भी असमर्थ हो गए. साढ़े 4 साल तक बेड पर रहने के बाद टेकचंद की ना तो सरकार ने मदद की और ना ही उसे कंपनी ने इसके लिए यह काम करते थे. उसके बाद अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए और अपने परिवार पर चढ़े कर्ज को उतारने के लिए उसने फूड डिलीवरी का काम शुरू किया.

मेहनत के हाथ भीख के लिए नहीं उठते: दोनों पैर से अपाहिज टेकचंद ने कहा कि वह अपाहिज होने के बावजूद भी मेहनत कर अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहता है. इसके लिए वह रोजाना फूड डिलीवरी का काम करता है. उसने बताया कि उसे काम में कई प्रकार की दिक्कतें आती हैं. क्योंकि उसके दोनों पैर काम नहीं करते. लेकिन उसके बावजूद भी उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी और आज फूड डिलीवरी का काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है.

हादसे में कट गए दोनों पैर: टेक चंद ने बताया कि बिजली का काम करते हुए वह खंभे से गिर गया था. जिसके चलते दोनों पर टूट गए थे. ऐसे में वह लंबा समय बेड पर पड़ा रहा. उन्होंने कहा कि वह व्हीलचेयर पर ही फूड डिलीवरी का काम करते हैं. पंचकूला के विभिन्न स्थानों पर खाना सप्लाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग दिव्यांग होने पर दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं. लेकिन वह किसी पर निर्भर नहीं होना चाहता. इसलिए उसने खुद ही अपने परिवार के लिए पैसा कमाने की सोच और करीब डेढ़ 2 महीने से पंचकूला में फूड डिलीवरी का काम कर रहा है.

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