पंचकूला: पंचकूला का मानक टबरा के रहने वाला टेकचंद दोनों पैरों से अपाहिज होने के बावजूद भी खुद अपने परिवार का पालन पोषण और कर्ज उतारने के लिए दिन-रात फूड डिलीवरी का काम कर रहे हैं. टेक चंद का कुछ समय पहले बिजली का काम करते हुए खंभे से गिरने से दोनों पर टूट गए थे. जिसके बाद चलने फिरने से भी असमर्थ हो गए. साढ़े 4 साल तक बेड पर रहने के बाद टेकचंद की ना तो सरकार ने मदद की और ना ही उसे कंपनी ने इसके लिए यह काम करते थे. उसके बाद अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए और अपने परिवार पर चढ़े कर्ज को उतारने के लिए उसने फूड डिलीवरी का काम शुरू किया.
मेहनत के हाथ भीख के लिए नहीं उठते: दोनों पैर से अपाहिज टेकचंद ने कहा कि वह अपाहिज होने के बावजूद भी मेहनत कर अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहता है. इसके लिए वह रोजाना फूड डिलीवरी का काम करता है. उसने बताया कि उसे काम में कई प्रकार की दिक्कतें आती हैं. क्योंकि उसके दोनों पैर काम नहीं करते. लेकिन उसके बावजूद भी उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी और आज फूड डिलीवरी का काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है.
हादसे में कट गए दोनों पैर: टेक चंद ने बताया कि बिजली का काम करते हुए वह खंभे से गिर गया था. जिसके चलते दोनों पर टूट गए थे. ऐसे में वह लंबा समय बेड पर पड़ा रहा. उन्होंने कहा कि वह व्हीलचेयर पर ही फूड डिलीवरी का काम करते हैं. पंचकूला के विभिन्न स्थानों पर खाना सप्लाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग दिव्यांग होने पर दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं. लेकिन वह किसी पर निर्भर नहीं होना चाहता. इसलिए उसने खुद ही अपने परिवार के लिए पैसा कमाने की सोच और करीब डेढ़ 2 महीने से पंचकूला में फूड डिलीवरी का काम कर रहा है.
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