बीकानेर. हिंदू धर्म में पंचक को लेकर सख्त नियम बता गए हैं. इन पांच दिनों में किसी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है. किसी बड़े लेन-देन से लेकर यात्रा तक की मनाही होती है. दिसंबर महीने में भी पंचक लगने जा रहे हैं.
पंचक क्या होते हैं? : प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास बताते है कि हर 27 दिन बाद ग्रहों की दशा के कारण पंचक लगते हैं. जब चंद्र देव, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करते हैं, तब इस स्थिति को ज्योतिष विज्ञान में पंचक कहा जाता है.
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सात दिसंबर से पंचक : दिसंबर महीने की पंचक की शुरुआत 7 तारीख से हो रही है और 11 दिसंबर को समाप्ति हो रही है. साल का अंतिम पंचक बेहद अशुभ है, क्योंकि यह शनिवार के दिन शुरु हो रहा है और जो भी पंचक शनिवार के दिन शुरू होता है उसे मृत्यु पंचक कहते हैं. दुर्घटनाओं की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं. वहीं इन पांच दिनों में कई ऐसे काम हैं, जिन्हें वर्जित माना जाता है. इन्हें करने से नकारात्मक शक्तियों के पीछे लगने की संभावना है.
क्या नहीं करें : वास्तुविद राजेश व्यास बताते हैं कि पंचक के दिनों में कोई भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. अगर घर की छत डालनी हो तो भी पंचक के दिनों में ना डालें. इससे घर में वास्तु दोष लगा सकता है.
दक्षिण दिशा में यात्रा न करें : पंचक के दिनों में दक्षिण की दिशा में यात्रा बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि दक्षिण की दिशा यम की दिशा होती है. दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती है. इसलिए पंचक के दिनों में भूलकर भी दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए.
नई चीजों की खरीददारी नहीं : पंचक दिनों में किसी भी नई चीजों की खरीदारी बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए. नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ जाता है.