पलामूः जिले में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. लगातार दूसरे दिन भी पलामू का तापमान रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया. मंगलवार को पलामू में 47.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया था, जबकि बुधवार को पलामू का तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. 1978 के बाद 28 और 29 मई 2024 को पलामू सबसे अधिक तापमान के आंकड़े के रिकॉर्ड पर पहुंच गया. पूरे झारखंड में बुधवार को पलामू में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया है.
गढ़वा में सैकड़ों चमगादड़ मरे
भीषण गर्मी से पलामू और गढ़वा के इलाके में जनजीवन प्रभावित हुआ है. गढ़वा के कांडी के इलाके में गर्मी के कारण सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हो गई है. वहीं पलामू के इलाके में कई घरों के एक्वेरियम की मछलियां मर गई हैं. कई इलाकों में अन्य पक्षियों के भी मरने की सूचना है.
सुबह नौ बजे से ही गर्मी का दिखने लगता है असर
भीषण गर्मी ने पलामू में जनजीवन पर भी असर डाला है. सुबह के नौ बजे से ही गर्मी का प्रभाव नजर आने लगता है. 10 बजे के बाद पलामू की सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है. लोग बेवजह सड़कों पर नहीं निकल रहे हैं. गर्मी का असर बाजार पर भी पड़ा है. लोग खरीदारी करने के लिए बाहर नहीं निकल रहे हैं. बढ़ते तापमान ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. वहीं कई लोगों ने गर्मी को देखते हुए निर्माण कार्य को भी रुकवा दिया है.
पर्यावरणविद ने बढ़ते तापमान का बताया ये कारण
इस संबंध में पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने बताया कि जंगल में पेड़-पौधों का कम होना बढ़ते तापमान का सबसे बड़ा कारण है. लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. साथ ही साथ रिकॉर्ड तापमान से लोगों को सीख लेना चाहिए और पर्यावरण को बचाने के लिए पौधे लगाने चाहिए. उन्होंने बताया कि अभी नहीं सचेत हुए तो आने वाले वक्त में स्थिति और भयावह होगी.
पीटीआर के इलाके में जारी किया गया है हाई अलर्ट
भीषण गर्मी को देखते हुए पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है. जल स्रोत और उसके आसपास निगरानी रखी जा रही है. वन्य जीव और उनके मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. पलामू टाइगर रिजर्व के कुमार आशुतोष ने बताया कि सोलर सिस्टम से वन्य जीवों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है और इलाके में निगरानी रखी जा रही है.
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