पलामू: झारखंड बिहार सीमा पर पहली बार दशकों बाद मतदानकर्मी रोड से सफर तय कर वोटिंग करवाने के लिए पहुंचे है. पलामू के मनातू के चक के इलाके में पिछले तीन दशक से मतदान के दौरान कर्मी हेलीकॉप्टर से जाते थे. 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान कर्मी इलाके में पैदल सफर तय कर पहुंचे हैं.
यह इलाका बिहार की सीमा से सटा हुआ है और अतिनक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है. मनातू चक का इलाका पांकी विधानसभा एवं चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. सोमवार को इलाके में अहले सुबह से ही मतदान करने वालों की लंबी कतार दिखी. मनातू के इलाके का एसपी रीष्मा रमेशन ने कई मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया.
एसपी रीष्मा रमेशन के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. एसपी नक्सल इलाके के कई मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर रही थीं. एसपी ने बताया कि इलाके का माहौल बदल रहा है, पिकेट बनने के बाद इलाके का माहौल बदला है. लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव को लेकर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
मनातू के इलाके में चुनाव करवाना रही है चुनौती, नक्सल हिंसा के लिए चर्चित रहा है इलाका
मनातू के इलाके में चुनाव करवाना हमेशा से ही प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती रही है. चुनाव के दौरान कई बड़े नक्सल हमले हुए हैं. मनातू के चक, मिटार, मंसुरिया समेत कई इलाकों में हेलीकॉप्टर से मतदान कर्मी जाते थे. 2024 में तीन दशक के बाद मतदान करने पैदल वोटिंग के लिए गए है. यह इलाका बिहार सीमा से सटा हुआ है. मनातू के इलाके में छह कैम्प स्थापित हैं.
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