पलामू: वल्नरेबल मतदान केंद्रों पर वोट का प्रतिशत बढ़ाना बड़ी चुनौती है. इस चुनौती से पार पाने के लिए पलामू पुलिस ने एक योजना तैयार की है. दरअसल, पलामू के 23 क्षेत्रों के 30 मतदान केंद्रों को वल्नरेबल चिन्हित किया गया है. वैसे मतदान केंद्र, जिन पर वोटिंग के दौरान किसी तरह का विवाद या हिंसक घटना हुई है उन्हें वल्नरेबल की श्रेणी में रखा गया है.
पलामू पुलिस ने सीआरपीएफ के सहयोग से वल्नरेबल मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए योजना तैयार की है. पलामू एसपी रिष्मा रमेशन के नेतृत्व में पुलिस और सीआरपीएफ की टीम गांव-गांव जाकर एक-एक मतदाता से संपर्क कर रही है. एसपी के नेतृत्व में पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने छतरपुर, नौडीहा बाजार, पाटन, पड़वा, चैनपुर समेत पलामू के कई इलाकों में ऑपरेशन चलाया है.
सुनी जा रही वोटरों की समस्याएं
पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी दो-दो वल्नरेबल मतदान केंद्रों पर एक-एक वोटर से बात कर रहे हैं. इस दौरान मतदाताओं का विश्वास बढ़ाया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा वोट करने की अपील की जा रही है.
"टीम चिन्हित वल्नरेबल मतदान केंद्रों पर जाकर मतदाताओं से बात कर रही है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा वोट कर सकें. इस दौरान मतदाताओं से कई बिंदुओं पर जानकारी ली जा रही है. नक्सल प्रभावित इलाकों में भी मतदाताओं का उत्साह बढ़ाया जा रहा है." - रिष्मा रमेशन, एसपी, पलामू
80 प्रतिशत से अधिक मतदान का लक्ष्य
पलामू लोकसभा क्षेत्र में 80 प्रतिशत से अधिक मतदान का लक्ष्य रखा गया है. पलामू लोकसभा क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां मतदान कर्मी पहली बार सड़कों का उपयोग करेंगे, ऐसे इलाकों में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है.