पलामूः मनरेगा के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले दो प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी समेत कई इंजीनियर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. सभी पर आरोप था कि आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान मनरेगा योजना की स्वीकृति दी गई थी और योजना का क्रियान्वयन जेसीबी के माध्यम से करवाया जा रहा था. पूरे मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी और प्रशासनिक स्तर पर जांच की गई थी. जांच के बाद सभी लापरवाह पदाधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है.
आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान डोभा निर्माण का मामला
दरअसल, 2019 में पलामू के मनातू के इलाके में आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान बीपीओ, असिस्टेंट इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, रोजगार सेवक, मुखिया और पंचायत सेवक ने डोभा की योजना स्वीकृति दी थी. योजना की स्वीकृति देने के बाद जेसीबी के माध्यम से योजना का कार्य करवाया जा रहा था.
डीडीसी से की गई थी मामले की शिकायत
मामले की शिकायत तत्कालीन उप विकास आयुक्त से की गई थी. तत्कालीन उप विकास आयुक्त ने प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत अन्य मनरेगा कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा था. प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखिया, पंचायत सचिव ने अपना-अपना जवाब दे दिया था. इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मनरेगा के बीपीओ, इंजीनियर समेत कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
पलामू डीसी ने की कार्रवाई
बीपीओ, इंजीनियर और रोजगार सेवक ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया था. पूरे मामले में पलामू डीसी शशिरंजन ने कार्रवाई करते हुए दो प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रविकांत, रंधीर, दो एसिस्टेंट इंजीनियर, एक जूनियर इंजीनियर अविनाश कुमार, रोजगार सेवक को बर्खास्त कर दिया है.
ये भी पढ़ें-
Action On Negligence In MGNREGA: मनरेगा में लापरवाही पर कार्रवाई, दो जूनियर इंजीनियर बर्खास्त
पलामूः मनरेगा योजनाओं में घोटाले पर बीडीओ को शोकॉज, कर्मचारियों से की गई वसूली
पलामू में मनरेगा में अनियमितता को लेकर बड़ी कार्रवाई, इंजीनियर, मुखिया, रोजगार सेवक पर दर्ज होगा FIR