जयपुर. CAA की अधिसूचना जारी होने के साथ ही पाक विस्थापितों में खुशी की लहर है. जयपुर में मंगलवार को पाकिस्तानी विस्थापितों की बस्ती में इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया गया. इस दौरान बस्ती के लोगों ने आतिशबाजी भी की और मिठाई खिलाकर खुशी को साझा किया. इन लोगों का कहना था कि प्रधानमंत्री ने जो वादा किया, उसको पूरा किया है. नागरिकता नहीं मिलने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, यहां तक की बच्चों को स्कूली शिक्षा नहीं मिल पाती थी. साथ ही बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से भी उन्हें महरूम रखा जा रहा है, लेकिन अब जब नागरिकता आसानी से मिलेगी, तो इन सुविधाओं का फायदा भी होगा. इस जश्न के बीच पाकिस्तानी विस्थापित लोगों और उनके लिए काम करने वाले संगठनों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत भी की.
दिवाली जैसा माहौल है: जयपुर के मानसरोवर इलाके के स्वर्ण पथ पर पाकिस्तान विस्थापित परिवारों के 150 कुनबे बसते हैं. इनमें से ज्यादातक लोग पाकिस्तान के रहीमयारखान जिले से आए हैं. साल 2012 में पाकिस्तान से आए गोवर्धनराम मेघवाल को जब नागरिकता लेने में परेशानी आई, तो उन्हें इन विस्थापित परिवारों के लिए काम करने वाली संस्था निमेत्तकम का साथ मिला. गोवर्धन अब निमेत्तम के साथ जुड़कर अपने जैसे अन्य लोगों के लिए काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि CAA के आने से नागरिकता मिलने में आने वाली देरी खत्म होगी. साथ ही उन गरीब परिवारों को फायदा मिलेगा, जो पैसे की कमी में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाते थे.
गोवर्धन मेघवाल ने बताया कि आज का दिन सभी पाकिस्तानी विस्थापितों के लिए खुशी का लम्हा है. यहां तक की पाकिस्तान में उनके रिश्तेदार भी खुश हैं, क्योकि इस दिन का यह लोग लंबे अरसे से इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज का दिन उनके लिए किसी दिवाली से कम नहीं है. इस दौरान जश्न मना रहे एक पाक विस्थापित ने बताया कि उनके परिवार के लोग पांच साल से ज्यादा वक्त से भारत में हैं, पर उन्हें नागरिकता नहीं मिली. सिंध से आए विक्रम बताते हैं कि आज जश्न का दिन है. वहीं, विस्थापित राजकुमार ने बताया कि सीएए लागू होने के बाद काफी खुश हैं.
CAA सम्मान और खुशी की गारंटी वाला कानून : जयपुर ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्नावट ने इस खुशी को साझा किया. वे पाकिस्तानी विस्थापितों के जश्न के बीच उनसे मिलने पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सीएए का कानून सम्मान और सुरक्षा की गारंटी देने वाला है. पड़ोसी मुल्क से भारत आने वाले लोग अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए पाकिस्तान से आए थे. अब इस एक्ट के आने से इनके बच्चे अच्छी शिक्षा हासिल कर सकेंगे. कर्नावट ने पाकिस्तानी विस्थापित परिवारों को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसका प्रयास करेंगे. इस कार्य में नगर निगम उत्प्रेरक की तरह काम करेगा. पुनीत कर्नावट ने स्वर्ण पथ पर बने सामुदायिक केन्द्र को पाकिस्तान विस्थापितों के ट्रांजिट हॉस्टल के रूप में उपलब्ध करवाने का भी भरोसा दिया.
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20 हजार विस्थापित खड़े हैं इंतजार में : पाकिस्तानी विस्थापितों के लिए काम करने वाली संस्था निमेत्तमक के संयोजक जय आहूजा ने ईटीवी भारत को बताया कि साल 2019 में जब सीएए पर चर्चा हो रही थी, उस वक्त प्रदेश में 16 हजार लोग नागरिकता का इंतजार कर रहे थे. आज यह संख्या बढ़कर 20 हजार के पार जा पहुंची है. जय आहूजा के मुताबिक 31 दिसंबर 2014 से पहले एक्सपायर पासपोर्ट वाले आज आसानी से भारत का नागरिक बन सकते हैं. वहीं, 1 जनवरी 2015 से वैलिड पासपोर्ट वालों को ही सीएए का लाभ मिलेगा. इस बातचीत में जय आहूजा ने पाकिस्तानी विस्थापितों के बच्चों से जुड़ी एक समस्या की ओर ध्यान दिलाया. उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में इन विस्थापित परिवारों के बच्चों को सीआईडी में रिजिस्ट्र्र्रेशन के बाद ही मामूली सी कागजी कार्रवाई के आधार पर स्कूलों में दाखिला मिल जाता था. पर बीते कुछ सालों में यह प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल हो गई. इसमें आधार कार्ड की अनिवार्यता के कारण एक से दो साल तक यह विस्थापित बच्चे स्कूलों में दाखिला नहीं ले पाते हैं. ऐसे में अब उनकी संस्था राज्य सरकार से बात कर इनके लिए विशेष अनुमित का प्रयास करेगी.