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CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी, पाक विस्थापितों को मिलेगी राहत, लेकिन खत्म नहीं होगा दर्द

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 9, 2024, 5:10 PM IST

Updated : Mar 11, 2024, 6:12 PM IST

देश में सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो गया है. इसके तहत 2014 के पहले भारत आए कई पाक विस्थापितों को नागरिकता मिल जाएगी. हालांकि, कई विस्थापित ऐसे भी हैं, जिन्हें नागरिकता की लंबी प्रक्रिया में उलझने का दर्द खत्म नहीं होगा. पढ़िए ये रिपोर्ट..

CAA for Pakistani Refugees
CAA for Pakistani Refugees
CAA से पाक विस्थापितों को मिलेगी राहत

जोधपुर. संसद में पांच साल पहले पारित हुए सीएए को लेकर सोमवार को नोटिफिकेशन जारी हो गया है. ऐसे में अब देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव से पहले देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने की बात कही थी. इस कानून से पड़ोसी देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम या जिन्हें भारत में रहते हुए 6 साल हो गए हैं, उनको आसानी से नागरिकता मिलेगी. इसका फायदा पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए विस्थापित हिंदू, जो जोधपुर सहित पूरे पश्चिमी राजस्थान में रह रहे हैं, उनको भी मिलेगा. उन्हें नागरिकता के लिए पाक दूतावास जाकर पासपोर्ट नवीनीकरण सहित अन्य प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना होगा.

पाक विस्थापितों के लिए काम करने वाले सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा का कहना है कि इस प्रावधान से 7 साल की जगह 6 साल में नागरिकता मिल जाएगी. इसका हम स्वागत करते हैं. हमने सरकार के मांगने पर सुझाव दिया था कि इसमें समय की बाध्यता नहीं रखें, क्योंकि 31 दिसंबर 2014 के बाद भी हजारों लोग पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हैं और यह क्रम लगातार जारी भी है. ऐसे में 1 जनवरी 2015 से अभी तक आने वालों के लिए भी जल्द नागरिकता देने के प्रावधान करने होंगे. ऐसे लोगों के लिए नागरिकता की लंबी प्रक्रिया में उलझने का दर्द खत्म नहीं होगा. इसे खत्म करने के लिए स्थाई मैकेनिज्म बनाना जरूरी है. सरकार चाहे तो लागू करते समय इसके नियमों में प्रावधान कर सकती है.

पढ़ें. पाक विस्थापित हिन्दुओं को नागरिकता का इंतजार, सरकारी नियमों में उलझी जिंदगी

35 हजार से अधिक कतार में : वर्तमान में जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर क्षेत्र में ही करीब 35 हजार पाक विस्थापित हिंदू बिना नागरिकता के रह रहे हैं. संगठन के अनुसार इनमें 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हुए लोगों की संख्या करीब 15 हजार है, जिनको सीधा फायदा पहुंचेगा. हालांकि, इससे ज्यादा लोग वंचित रह जाएंगे, जिनको आए हुए 6 साल से भी ज्यादा समय हो गया है. सोढा बताते हैं कि नागरिकता की प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है. ऐसे विस्थापित जिनके पुरखे भारत में जन्में थे और वो पाकिस्तान चले गए, उनके लिए भी 7 साल का प्रावधान है. इसके अलावा 12 साल इंतजार करना पड़ता है, जबकि सच तो ये है कि भारत आने के बाद लंबी कानूनी और कागजी प्रक्रिया के चलते नागरिकता मिलने में 15 से 20 साल लग रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे जीवन बसर : पाकिस्तान से इन दिनों वाघा बॉर्डर के रास्ते धार्मिक यात्रा पर आ रहे हिंदू हरिद्वार जाने के बाद सीधे जोधपुर या जैसलमेर आते हैं. जोधपुर में चौखा और काली बैरी के आस-पास पथरीली जमीन पर झोपड़ियां बनाकर रहते हैं. दैनिक कमठा मजदूरी से इनका काम चलता है और समय गुजरने के बाद दूसरी बस्तियों में चले जाते हैं. राजीव गांधी नगर के पास ऐसे सैंकड़ों परिवार झोंपड़ियों में रहते हुए देखे जा सकते हैं. पाकिस्तान में अपना घर बार छोड़कर आने वालों को सिर्फ इतना ही सुकून होता है कि वे यहां सुरक्षित हैं.

पढ़ें. इंतजार ख्त्म, भारतीय नागरिकता मिलने के बाद खुश नजर आए पाक विस्थापित

ज्यादातर आदिवासी व दलित, मिलेगा आरक्षण : भारत से लगते पाकिस्तान के सिंध के इलाके में ज्यादातर हिंदू भील और मेघवाल समाज के हैं. उनको वहां किसी तरह की सुविधाएं नहीं मिलती हैं. नागरिकता मिलने के बाद इनको भारत के कानून के अनुसार एससी व एसटी होने से आरक्षित वर्ग की सुविधाएं मिल सकेंगी. नागरिकता के बाद जाति प्रमाण पत्र जारी होता है, जिसके माध्यम से इनके बच्चे भी आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे. यही व्यवस्था ओबीसी में भी लागू होती है.

अभी क्या हैं हालात : गृह मंत्रालय के एक नोटिफिकेशन के बाद एलटीवी लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे ऐसे हिंदुओं के आधार कार्ड बनने लगे हैं, जिससे उनके बच्चों के स्कूलों में दाखिले हो रहे हैं. वे बैंक खाता खुलवा सकते हैं, काम कर सकते हैं, लेकिन उनको लोन नहीं मिल रहे हैं. केंद्र व राज्य की योजनाओं के लाभ अभी पूरी तरह से नहीं मिल रहे हैं. अस्पतालों में निशुल्क उपचार से भी वंचित होना पड़ रहा है. उच्च शिक्षा में परेशानी आ रही है. नागरिकता मिलने पर वे सभी के हकदार हो जाएंगे.

CAA से पाक विस्थापितों को मिलेगी राहत

जोधपुर. संसद में पांच साल पहले पारित हुए सीएए को लेकर सोमवार को नोटिफिकेशन जारी हो गया है. ऐसे में अब देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव से पहले देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने की बात कही थी. इस कानून से पड़ोसी देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम या जिन्हें भारत में रहते हुए 6 साल हो गए हैं, उनको आसानी से नागरिकता मिलेगी. इसका फायदा पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए विस्थापित हिंदू, जो जोधपुर सहित पूरे पश्चिमी राजस्थान में रह रहे हैं, उनको भी मिलेगा. उन्हें नागरिकता के लिए पाक दूतावास जाकर पासपोर्ट नवीनीकरण सहित अन्य प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना होगा.

पाक विस्थापितों के लिए काम करने वाले सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा का कहना है कि इस प्रावधान से 7 साल की जगह 6 साल में नागरिकता मिल जाएगी. इसका हम स्वागत करते हैं. हमने सरकार के मांगने पर सुझाव दिया था कि इसमें समय की बाध्यता नहीं रखें, क्योंकि 31 दिसंबर 2014 के बाद भी हजारों लोग पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हैं और यह क्रम लगातार जारी भी है. ऐसे में 1 जनवरी 2015 से अभी तक आने वालों के लिए भी जल्द नागरिकता देने के प्रावधान करने होंगे. ऐसे लोगों के लिए नागरिकता की लंबी प्रक्रिया में उलझने का दर्द खत्म नहीं होगा. इसे खत्म करने के लिए स्थाई मैकेनिज्म बनाना जरूरी है. सरकार चाहे तो लागू करते समय इसके नियमों में प्रावधान कर सकती है.

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35 हजार से अधिक कतार में : वर्तमान में जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर क्षेत्र में ही करीब 35 हजार पाक विस्थापित हिंदू बिना नागरिकता के रह रहे हैं. संगठन के अनुसार इनमें 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हुए लोगों की संख्या करीब 15 हजार है, जिनको सीधा फायदा पहुंचेगा. हालांकि, इससे ज्यादा लोग वंचित रह जाएंगे, जिनको आए हुए 6 साल से भी ज्यादा समय हो गया है. सोढा बताते हैं कि नागरिकता की प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है. ऐसे विस्थापित जिनके पुरखे भारत में जन्में थे और वो पाकिस्तान चले गए, उनके लिए भी 7 साल का प्रावधान है. इसके अलावा 12 साल इंतजार करना पड़ता है, जबकि सच तो ये है कि भारत आने के बाद लंबी कानूनी और कागजी प्रक्रिया के चलते नागरिकता मिलने में 15 से 20 साल लग रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे जीवन बसर : पाकिस्तान से इन दिनों वाघा बॉर्डर के रास्ते धार्मिक यात्रा पर आ रहे हिंदू हरिद्वार जाने के बाद सीधे जोधपुर या जैसलमेर आते हैं. जोधपुर में चौखा और काली बैरी के आस-पास पथरीली जमीन पर झोपड़ियां बनाकर रहते हैं. दैनिक कमठा मजदूरी से इनका काम चलता है और समय गुजरने के बाद दूसरी बस्तियों में चले जाते हैं. राजीव गांधी नगर के पास ऐसे सैंकड़ों परिवार झोंपड़ियों में रहते हुए देखे जा सकते हैं. पाकिस्तान में अपना घर बार छोड़कर आने वालों को सिर्फ इतना ही सुकून होता है कि वे यहां सुरक्षित हैं.

पढ़ें. इंतजार ख्त्म, भारतीय नागरिकता मिलने के बाद खुश नजर आए पाक विस्थापित

ज्यादातर आदिवासी व दलित, मिलेगा आरक्षण : भारत से लगते पाकिस्तान के सिंध के इलाके में ज्यादातर हिंदू भील और मेघवाल समाज के हैं. उनको वहां किसी तरह की सुविधाएं नहीं मिलती हैं. नागरिकता मिलने के बाद इनको भारत के कानून के अनुसार एससी व एसटी होने से आरक्षित वर्ग की सुविधाएं मिल सकेंगी. नागरिकता के बाद जाति प्रमाण पत्र जारी होता है, जिसके माध्यम से इनके बच्चे भी आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे. यही व्यवस्था ओबीसी में भी लागू होती है.

अभी क्या हैं हालात : गृह मंत्रालय के एक नोटिफिकेशन के बाद एलटीवी लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे ऐसे हिंदुओं के आधार कार्ड बनने लगे हैं, जिससे उनके बच्चों के स्कूलों में दाखिले हो रहे हैं. वे बैंक खाता खुलवा सकते हैं, काम कर सकते हैं, लेकिन उनको लोन नहीं मिल रहे हैं. केंद्र व राज्य की योजनाओं के लाभ अभी पूरी तरह से नहीं मिल रहे हैं. अस्पतालों में निशुल्क उपचार से भी वंचित होना पड़ रहा है. उच्च शिक्षा में परेशानी आ रही है. नागरिकता मिलने पर वे सभी के हकदार हो जाएंगे.

Last Updated : Mar 11, 2024, 6:12 PM IST
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