मधुबनी: मधुबनी पेंटिंग की प्रख्यात कलाकार पद्मश्री गोदावरी दत्त का बुधवार 14 अगस्त को मधुबनी के राजनगर प्रखंड स्थित रांटी गांव में निधन हो गया. वो 93 वर्ष की थीं. वो पिछ्ले कुछ दिनों से बीमार थीं. गोदावरी दत्त ने मिथिला पेंटिग को घर से निकालकर देश दुनिया में पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उनके निधन की खबर से इलाके के लोग गमगीन हैं. गोदावरी दत्त ने अपनी कला से इलाके को पहचान दिलायी थी.
गोदावरी दत्त का जीवन परिचयः गोदावरी दत्त का जन्म वर्ष 1930 में दरभंगा जिला के लहेरियासराय में एक निम्न मध्यम वर्गीय कायस्थ परिवार में हुआ था. इनका विवाह मधुबनी जिले के रांटी गांव में उपेन्द्र दत्त से हुआ. जहां से उनकी पेंटिंग्स की यात्रा शुरू हुई. उन्हें कई राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका था. इनके द्वारा बनायी गयी मिथिला पेंटिंग जापान में बहुत पसंद की गयी थी. 16 मार्च 2019 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया था.
लंबे समय थी बीमारः परिजनों ने बताया कि पद्मश्री गोदावरी दत्त बीते एक हफ्ते से कोमा में थीं. उनकी किडनी खराब हो गई थी. डॉक्टरों ने उनके सेहत में सुधार होने की उम्मीद से इंकार कर दिया था. इस शोक की घड़ी में अनुमंडल पदाधिकारी मधुबनी सदर अश्वनी कुमार एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजीव कुमार मधुबनी सदर ने उनके शव पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. मिथिला पेंटिंग से जुड़े कलाकार खरसीनाथ झा, रश्मि झा, समाजसेवी उदय कुमार झा, अजय धारी सिंह ने शोक व्यक्त किया है.
इलाके में शोक की लहरः गोदावरी दत्त के निधन होने से मिथिलांचल ने एक मधुबनी पेंटिंग के महान हस्ती को खो दिया है.गोदावरी दत्त ने मधुबनी पेंटिंग को देश-विदेश में पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उनके निधन से कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. उनके निधन से संपूर्ण कला जगह आहत है. इलाके के कलाकारों, अधिकारियों और आम लोगों ने उन्हें अपनी संवेदना व्यक्त की है. मधुबनी के सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्रों के लोगों में शोक व्याप्त है.
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