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राजस्थान के लक्ष्मण भट्ट तैलंग, माया टंडन, अली-गनी मोहम्मद और जानकीलाल को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 26, 2024, 6:34 AM IST

Updated : Jan 26, 2024, 10:14 AM IST

देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार में शामिल पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री की घोषणा गुरुवार को की गई है. जयपुर के लक्ष्मण भट्ट तैलंग, डॉ. माया टंडन, मांड गायक अली व गनी मोहम्मद और भीलवाड़ा के बहरूपिया कलाकार जानकीलाल को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा.

Padma Shri 2024
लक्ष्मण भट्ट तैलंग, माया टंडन और अली-गनी मोहम्मद और जानकीलाल

जयपुर. दुनिया भर में ध्रुपद गायन की कला से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाले पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग की साधना को सम्मान दिया जा रहा है. जयपुर के लक्ष्मण भट्ट तैलंग को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में शामिल पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. इनके अलावा राजस्थान के ही मांड गायक अली मोहम्मद व गनी मोहम्मद की जोड़ी, सोशल वर्कर डॉ. माया टंडन और भीलवाड़ा के बहरूपिया कलाकार जानकीलाल को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा.

देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार में शामिल पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री की घोषणा गुरुवार को की गई है. कला, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा में असाधारण सेवा के लिए पद्म विभूषण, उच्च कोटि सेवा के लिए पद्म भूषण और विशिष्ट सेवा के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाता है. हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है. ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति की ओर से प्रदान किए जाते हैं, जो अमूमन मार्च या अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में दिए जाते हैं. इस वर्ष 132 पद्म पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें 5 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं. इस बार राजस्थान के भी 4 विद्वतजनों को पद्मश्री सम्मान मिल रहा है, इनमें शामिल हैं वर्ष 1928 में जन्मे लक्ष्मण भट्ट तैलंग, जिन्हें ध्रुपद संगीत की शिक्षा विरासत में मिली और इसी विरासत को उन्होंने अपने बच्चों को भी दी. उनकी बेटी मधु भट्ट तैलंग राजस्थान की पहली महिला ध्रुपद गायिका है. उन्हें भी पद्मश्री सम्मान मिल चुका है.

इसे भी पढ़ें- भीलवाड़ा के जानकीलाल को मिलेगा पद्म श्री पुरस्कार, बहरूपिया बाबा के नाम से हैं प्रसिद्ध

पिता की लिखित पुस्तक बेचते थे तैलंग : मधु भट्ट तैलंग से मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपने पिता गोकुल चंद्र भट्ट की लिखित पुस्तक बेचने का काम शुरू कर दिया था. संघर्ष करते हुए उन्होंने संगीत महाविद्यालय तक अपनी पढ़ाई पूरी की. आगे चलकर उन्होंने रसमंजरी संगीतोपासना केंद्र और इंटरनेशनल ध्रुपद धाम ट्रस्ट नामक संस्थाएं भी शुरू की. भारतीय शास्त्रीय संगीत की ध्रुपद शैली के गायकों में आज पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग का नाम सबसे पहले लिया जाता है. लक्ष्मण भट्ट तैलंग के अलावा राजस्थान की ही डॉ. माया टंडन को भी पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा. 85 वर्षीय माया टंडन जेके लोन अस्पताल की पूर्व अधीक्षक रही हैं और सड़क सुरक्षा के लिए काम करती हैं. वर्तमान में वो सहायता संस्था की भी अध्यक्ष हैं.

मांड गायकी के बादशाह है अली-गनी : वहीं, प्रसिद्ध मांड कलाकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद दोनों का संयुक्त चयन पद्मश्री सम्मान के लिए हुआ है. बीकानेर के तेजरासर गांव के रहने वाले इन भाइयों की जोड़ी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांड गायकी को सम्मानजनक स्थान दिलाया है. उन्होंने गजल गायकों के लिए यादगार संगीत देने के साथ-साथ फिल्मों में भी संगीत दिया है. बता दें कि इस बार पद्म पुरस्कार विजेताओं में से 30 महिलाएं हैं. वहीं विदेशी/ एनआरआई/ पीआईओ/ ओसीआई श्रेणी के 8 विद्वतजन को सम्मानित किया जाएगा. इस सूची में 9 नाम ऐसे भी हैं, जिन्हें मरणोपरांत ये सम्मान मिल रहा है.

डॉ. माया ने शुरू किया था NGO : डॉ. माया एनेस्थिसिया विभाग की एचओडी के पद पर भी रह चुकी है. उन्होंने करीब 28 साल पहले सहायता एनजीओ शुरू करते हुए आमजन को रोड सेफ्टी के प्रति जागरुक करने का काम शुरू किया. डॉ. टंडन खुद इमरजेंसी मेडिकल केयर को लेकर लोगों को ट्रेनिंग देती हैं. उन्हें एसएमएस लाइफटाइम अचीवमेंट समेत कई अवॉर्ड मिल चुके हैं.

भीलवाड़ा के जानकीलाल को भी पद्म श्री : भीलवाड़ा के रावला चौक में रहने वाले प्रसिद्ध बहरूपिया कलाकार जानकीलाल को भी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाता है. जानकीलाल बहरूपिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं. जानकीलाल को पद्म पुरस्कार की घोषणा से भीलवाड़ा शहर सहित पूरे जिले में खुशी की लहर है. जानकी लाल मूलत: भीलवाड़ा शहर की गुलमंडी भौमियो का रावला चौक में रहने वाले हैं. 84 वर्षीय जानकीलाल बहरूपिया कला में माहिर हैं और अपनी बहरूपिया कला से देश-विदेश में जाने जाते हैं.

जयपुर. दुनिया भर में ध्रुपद गायन की कला से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाले पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग की साधना को सम्मान दिया जा रहा है. जयपुर के लक्ष्मण भट्ट तैलंग को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में शामिल पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. इनके अलावा राजस्थान के ही मांड गायक अली मोहम्मद व गनी मोहम्मद की जोड़ी, सोशल वर्कर डॉ. माया टंडन और भीलवाड़ा के बहरूपिया कलाकार जानकीलाल को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा.

देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार में शामिल पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री की घोषणा गुरुवार को की गई है. कला, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा में असाधारण सेवा के लिए पद्म विभूषण, उच्च कोटि सेवा के लिए पद्म भूषण और विशिष्ट सेवा के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाता है. हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है. ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति की ओर से प्रदान किए जाते हैं, जो अमूमन मार्च या अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में दिए जाते हैं. इस वर्ष 132 पद्म पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें 5 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं. इस बार राजस्थान के भी 4 विद्वतजनों को पद्मश्री सम्मान मिल रहा है, इनमें शामिल हैं वर्ष 1928 में जन्मे लक्ष्मण भट्ट तैलंग, जिन्हें ध्रुपद संगीत की शिक्षा विरासत में मिली और इसी विरासत को उन्होंने अपने बच्चों को भी दी. उनकी बेटी मधु भट्ट तैलंग राजस्थान की पहली महिला ध्रुपद गायिका है. उन्हें भी पद्मश्री सम्मान मिल चुका है.

इसे भी पढ़ें- भीलवाड़ा के जानकीलाल को मिलेगा पद्म श्री पुरस्कार, बहरूपिया बाबा के नाम से हैं प्रसिद्ध

पिता की लिखित पुस्तक बेचते थे तैलंग : मधु भट्ट तैलंग से मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपने पिता गोकुल चंद्र भट्ट की लिखित पुस्तक बेचने का काम शुरू कर दिया था. संघर्ष करते हुए उन्होंने संगीत महाविद्यालय तक अपनी पढ़ाई पूरी की. आगे चलकर उन्होंने रसमंजरी संगीतोपासना केंद्र और इंटरनेशनल ध्रुपद धाम ट्रस्ट नामक संस्थाएं भी शुरू की. भारतीय शास्त्रीय संगीत की ध्रुपद शैली के गायकों में आज पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग का नाम सबसे पहले लिया जाता है. लक्ष्मण भट्ट तैलंग के अलावा राजस्थान की ही डॉ. माया टंडन को भी पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा. 85 वर्षीय माया टंडन जेके लोन अस्पताल की पूर्व अधीक्षक रही हैं और सड़क सुरक्षा के लिए काम करती हैं. वर्तमान में वो सहायता संस्था की भी अध्यक्ष हैं.

मांड गायकी के बादशाह है अली-गनी : वहीं, प्रसिद्ध मांड कलाकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद दोनों का संयुक्त चयन पद्मश्री सम्मान के लिए हुआ है. बीकानेर के तेजरासर गांव के रहने वाले इन भाइयों की जोड़ी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांड गायकी को सम्मानजनक स्थान दिलाया है. उन्होंने गजल गायकों के लिए यादगार संगीत देने के साथ-साथ फिल्मों में भी संगीत दिया है. बता दें कि इस बार पद्म पुरस्कार विजेताओं में से 30 महिलाएं हैं. वहीं विदेशी/ एनआरआई/ पीआईओ/ ओसीआई श्रेणी के 8 विद्वतजन को सम्मानित किया जाएगा. इस सूची में 9 नाम ऐसे भी हैं, जिन्हें मरणोपरांत ये सम्मान मिल रहा है.

डॉ. माया ने शुरू किया था NGO : डॉ. माया एनेस्थिसिया विभाग की एचओडी के पद पर भी रह चुकी है. उन्होंने करीब 28 साल पहले सहायता एनजीओ शुरू करते हुए आमजन को रोड सेफ्टी के प्रति जागरुक करने का काम शुरू किया. डॉ. टंडन खुद इमरजेंसी मेडिकल केयर को लेकर लोगों को ट्रेनिंग देती हैं. उन्हें एसएमएस लाइफटाइम अचीवमेंट समेत कई अवॉर्ड मिल चुके हैं.

भीलवाड़ा के जानकीलाल को भी पद्म श्री : भीलवाड़ा के रावला चौक में रहने वाले प्रसिद्ध बहरूपिया कलाकार जानकीलाल को भी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाता है. जानकीलाल बहरूपिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं. जानकीलाल को पद्म पुरस्कार की घोषणा से भीलवाड़ा शहर सहित पूरे जिले में खुशी की लहर है. जानकी लाल मूलत: भीलवाड़ा शहर की गुलमंडी भौमियो का रावला चौक में रहने वाले हैं. 84 वर्षीय जानकीलाल बहरूपिया कला में माहिर हैं और अपनी बहरूपिया कला से देश-विदेश में जाने जाते हैं.

Last Updated : Jan 26, 2024, 10:14 AM IST
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