बेमेतरा: छत्तीसगढ़ खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के गृह जिला बेमेतरा में धान परिवहन की गति धीमी चल रही है. इसे लेकर बेमेतरा जिला के सेवा सहकारी समिति के कर्मचारी परेशान हैं. ये कर्मचारी लगातार बेमेतरा कलेक्ट्रेट और खाद विभाग पहुंचकर धान परिवहन कराने की गुहार लगा रहे हैं. वहीं, सेवा सहकारी समितियों में बफर लिमिट से डबल धान अब भी डंप पड़ा हुआ है. ऐसे में अगर बारिश होती है तो समिति को धान खराब होने से नुकसान उठाना पड़ सकता है.
72 घंटे का वादा 25 दिनों में भी नहीं हुआ पूरा: बेमेतरा जिला सहकारी समिति कर्मचारियों ने बेमेतरा कलेक्टर पहुंच कर अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय को ज्ञापन सौपा है. साथ ही धान उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक डंप धान जल्द परिवहन कराने को लेकर ज्ञापन सौंपा है. वहीं, धान परिवहन को लेकर समिति कर्मचारियों ने खाद्य अधिकारी, जिला नोडल अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी को भी ज्ञापन की कॉपी दी है.
धान खराब होने का सता रहा डर: दरअसल, बेमेतरा में धान खरीदी को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से तय किए गए मापदंडों के अनुसार समिति ने सुगमता से खरीदी की है. वहीं, धान परिवहन को लेकर शासन प्रशासन की उदासीनता से सेवा सहकारी समिति के कर्मचारी परेशान हो रहे हैं. वहीं, समिति कर्मचारियों को धान के बारिश में खराब होने के साथ ही चूहों का डर सता रहा है.
जिले में 2 लाख 28 हजार टन धान का उठाव बचा है. 61700 टन का डीओ कट चुका है. जैसे ही अलॉटमेंट आएगा, धान परिवहन पूरा करा लिया जाएगा. -सीएल मार्कण्डेय, अपर कलेक्टर
धान परिवहन को लेकर समिति कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन: सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की ओर से सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार समिति की ओर से किए गए अनुबंध के आधार पर धान खरीदी के 72 घंटे बाद धान परिवहन कराना जरूरी होता है. हालांकि महीनों बीत जाने के बाद भी धान परिवहन की गति सुस्त पड़ी हुई है, इसका सीधा नुकसान समिति को हो सकता है. समिति कर्मचारियों की मानें तो धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू होती है, जिस समय नमी 14 से 17 प्रतिशत रहता है, लेकिन धान उठाव के समय नमी 10 से 12 प्रतिशत रहता है. 2 से 4 प्रतिशत धान में सुखत स्वाभाविक है, जिसे शासन स्तर पर मान्य किया जाना चाहिए. धान उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे डंप धान में बेमौसम बारिश, तेज धूप से धान को नुकसान हो रहा है. ऐसे में जल्द धान परिवहन करने की मांग हम कर रहे हैं.