रायपुर: 15 नवंबर से धान खरीदी की जाएगी. खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिमंडलीय उप समिति की अहम बैठक हुई. बैठक में धान खरीदी पर चर्चा हुई. सरकार की ओर से खरीफ विपणन वर्ष में इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान किया गया है. इस बार व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन का इस्तेमाल खरीदी केंद्रों पर हो सकता है.
मक्का खरीदी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा: एनसीसीएफ और नेफेड जैसी एजेंसियों के माध्यम से मक्का खरीदी का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. जूट कमिश्ननर और जेम के जरिए बारदानों की खरीदी का फैसला किया गया है. धान खरीदी की तारीख पर अंतिम मुहर कैबिनेट की बैठक में लगेगी.
धान खरीदी 15 नवंबर से होगा शुरु: खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में आज महानदी भवन में बड़ी बैठक हुई. बैठक में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई, बैठक में मंत्रीमंडलीय उप समिति के सदस्य, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा 20 सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंक राम वर्मा शामिल हुए.
दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित: खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में चालू खरीफ विपणन वर्ष में 160 लाख मीट्रिक धान खरीदने का अनुमान रखा गया है. इस साल दीपावली का पर्व और राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी 15 नवम्बर से शुरू किए जाने के संबंध में भी चर्चा हुई. धान खरीदी की तारीख को लेकर राज्य मंत्री परिषद की बैठक में इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. प्रदेश के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन के माध्यम से प्रदेश के किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी का निर्णय लिया गया है
बैठक में इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा: बैठक में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान खरीदने के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर भी व्यापक रूप से चर्चा की गई. बैठक में धान खरीदी सुव्यस्थित हो तथा किसानों को सरलता के साथ बारदाना उपलब्ध हो सकें इसके लिए जूट कमिश्नर और जेम के माध्यम से बारदाना खरीदी का निर्णय लिया गया है.
धान उठाव और कस्टम मिलिंग पर चर्चा: बैठक में धान उठाव और कस्टम मिलिंग, केन्द्रीय पूल और छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा कराने तथा परिवहन के संबंध में भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई. चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि पिछले साल की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव किया जाएगा। 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से धान उठाव का निर्णय लिया गया है.
समर्थन मूल्य पर हुई थी धान खरीदी: गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. वर्तमान में राज्य में 2058 सहकारी समितियां तथा 2739 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से आगामी खरीफ विपणन वर्ष में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया है. धान खरीदी व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए कम्प्यूटर, इंटरनेट के साथ ही उपार्जन केन्द्र आने वाले किसानों के लिए बैठक और पेयजल सुविधा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है.
पिछली बार धान खरीदी का बना था कीर्तिमान: विष्णु देव साय सरकार ने सत्ता में आते ही धान खरीदी शुरु की और खरीदी का नया कीर्तिमान बनाया. पिछली बार साय सरकार ने 144.67 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित कर सर्वाधिक धान खरीदी का रिकॉर्ड बनाया. यह पिछले खरीफ सीज़न की तुलना में लगभग 26% अधिक था. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 24 लाख 72 हजार 310 किसानों से समर्थन मूल्य पर 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान का उपार्जन कर यह लक्ष्य हासिल किया था.