कवर्धा: बारदाने की समस्या से जूझ रहे खरीदी केंद्रों को बड़ा झटका कवर्धा में लग सकता है. दरअसल उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी तो जोर शोर से जारी है. पर उसी अनुपात में धान का उठाव केंद्रों से नहीं किया जा रहा है. अब सोयासटी प्रबंधकों ने चेतावनी दी है कि उठाव नहीं हुआ तो वो धान खरीदी बंद कर देंगे. धान का परिवहन नहीं किए जाने से ये समस्या बढ़ी है. धान खरीदी के शुरु हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है. किसान इन खबरों से परेशान है.
उपार्जन केंद्रों पर धान जाम: शनिवार को जिले के सभी सोसायटी प्रबंधकों की तालपुर कृषि उपज मंडी में बड़ी बैठक हुई. बैठक में सोसायटी प्रबंधकों के संघ ने खरीदी बंद करने का फैसला लिया. संघ ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि धान का परिवहन जल्द से जल्द किया जाए. संघ ने कहा कि धान का परिवहन जल्द शुरु नहीं किया गया तो वो खरीदी बंद करने के लिए बाध्य होंगे.
सोयासटी प्रबंधकों की चेतावनी: सोसायटी प्रबंधकों का आरोप है कि जिले के 98 समितियों के 108 उपार्जन केन्द्रों में 14 नवंबर से धान खरीदी की जा रही है. सही परिवहन नहीं किए जाने के चलते सोसायटियों में धान जाम हो गया है. किसानों से खरीदे गए धान को रखने तक की जगह नहीं बची. धान ज्यादा होने के चलते सोसायटी प्रबंधक परेशान हैं. प्रशासन की ओर से धान परिवहन को लेकर गंभीर उपाए नहीं किए जाने का भी आरोप संघ ने लगाया है.
मिलर्स क्यों नहीं उठा रहे धान: दरअसल, सरकार से अनुबंध के बाद मिलर्स उपार्जन केन्द्रों से धान का परिवहन कर सिद्धा राइस मिल ले जाते हैं. इस प्रक्रिया से शासन का संग्रहण केन्द्र तक धान ले जाने का परिवहन खर्च बच जाता है. पर छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलर्स को मिलने वाले कस्टम मिलिंग के अनुदान रेट को तय नहीं किया है अबतक. इस वजह से मलर्स और सरकार के बीच धान उठाव को लेकर अनुबंध नहीं हो पाया. धान जाम होने की यहीं असली वजह है.