कानपुर: सोच कर देखिए, क्या कोई उम्रदराज व्यक्ति शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार के लिए एक साल में 5000 कार्यक्रम आयोजित कर सकता है? शायद आपका जवाब होगा नहीं. लेकिन, जब आप पद्मश्री डॉ.किरण सेठ से मिलेंगे, तो आपको 75 साल की उम्र में उनका जज्बा हैरान कर देगा, वह खुद एक साल में 5000 कार्यक्रम करते हैं. इसमें 50 कार्यक्रम ऐसे होते हैं, जो विदेश में आयोजित किए जाते हैं. शुक्रवार को कानपुर में वार्ता कर यह जानकारी खुद पद्मश्री डॉ.किरण सेठ ने दी.
सिविल लाइंस स्थित स्व.डॉ.नागेंद्र स्वरुप के निवास पर आयोजित वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, कि वह मौजूदा समय में अखिल भारतीय एकल साइकिल यात्रा की मुहिम पूरे देश में चला रहे हैं. साइकिल से ही वह श्रीनगर से कन्याकुमारी तक सफर कर चुके हैं. इस यात्रा के दौरान वह लाखों बच्चों से संवाद भी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल चलाना बहुत जरूरी है.
पद्मश्री डॉ.किरण सेठ ने कहा कि अगर आप एकांत में साइकिल चलाते हैं, तो इसका लाभ आपको जरूर मिलेगा. वार्ता के दौरान डॉ.वीरेंद्र स्वरूप एजूकेशनल फाउंडेशन की सचिव कुमकुम स्वरुप, गौरवेंद्र स्वरुप समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे. डॉ.किरण सेठ की मौजूदगी में शहर के सिविल लाइंस स्थित दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया.
आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर रहे, स्पिक मैके संस्था की कर दी स्थापना : इंडियन क्लासिकल म्यूजिक के बच्चों, छात्रों और अन्य जनों तक पहुंचाने के लिए डॉ.किरण सेठ ने स्पिक मैके संस्था की स्थापना की. उन्होंने बताया, कि संस्था से देशभर के तमाम प्रतिष्ठित और नामचीन लोग जुड़े हैं. डॉ.किरण सेठ आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत रहे है. उन्होंने सभी से यह अपील भी कि, 13 मई को मतदान के दिन वह अपना वोट जरूर देंगे. इससे लोकतंत्र कायम रहेगा.
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