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पचमढ़ी के सेब से बढ़ेगा चेहरे का नूर, विटामिन्स की है भरमार - Pachmarhi Apple Farming

मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में उद्यानिकी विभाग सेबों की बागवानी कर रहा है. इसके लिए विभाग ने हिमाचल प्रदेश से सेबों के 3 प्रजातियों के पौधे लाकर रोपे हैं. इन प्रजातियों के सेब कम ठंडे वाले स्थानों में भी अच्छी पैदावार देते हैं.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 7, 2024, 6:26 PM IST

Updated : Jul 7, 2024, 7:42 PM IST

PACHMARHI APPLE GARDENING STARTED
हिल स्टेशन पचमढ़ी में अब होगी सेबों की पैदावार (ETV Bharat)

नर्मदापुरम। यूं तो मध्य प्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी पूरे भारत में प्रसिद्ध है. हिल स्टेशन होने के कारण यहां की जलवायु में भी काफी अंतर है. इसी जलवायु के कारण अब पचमढ़ी में हिमाचल प्रदेश का अन्ना इजराइल, हरमन 99 और डोरसेट गोल्डन जैसी प्रजाति के सेबों की पैदावार होगी. उद्यानिकी विभाग पहली बार सेब की खेती में हाथ आजमा रहा है. पचमढ़ी के पोलो उद्यान में दो एकड़ भूमि में सेब के 500 पौधे लगाकर इसकी शुरुआत की गई है. जिससे आगामी समय में सेबों की पैदावार भी होगी और किसानों की आय बढ़ेगी.

दो एकड़ क्षेत्र में लगाए गए हैं 500 पौधे

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रामशंकर शर्मा ने बताया कि 'पचमढ़ी के पोलो उद्यान में सेब की तीन प्रजातियों का रोपण किया गया है. यहां पर जगह खाली थी, दो एकड़ क्षेत्र में 500 पौधों का रोपण किया गया है. हिमाचल प्रदेश की रिकॉग्नाइज नर्सियों से जो फसले यहां अच्छी पैदावार देने की संभावना है. उन तीन किस्म को यहां लाकर रोपण किया गया है. जिसमें प्रमुख हरमन 99 वैरायटी, अन्ना इजरायल, डोरसेट गोल्डन प्रजाति है. वह बताते है क्योंकि इनको ज्यादा ठंडे वातावरण की जरूरत नहीं होती है. कम ठंड में भी यह अच्छी पैदावार देते हैं, इसलिए इन वैरायटियों के सेबों का चुनाव किया गया है.

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दिसंबर 2023 में हिमाचल से लाया गया था

बता दें कि हरमन 99 वैरायटी, अन्ना इजरायल, डोरसेट गोल्डन प्रजाति के 500 पौधों का रोपण पोलो गार्डन में किया गया है. दिसंबर 2023 में इन पौधों को हिमाचल प्रदेश से यहां पर लाया था. जनवरी और फरवरी में पचमढ़ी में इनका पौधा रोपण किया गया था. सेबों की ये प्रजातियां कम ठंडक वाले क्षेत्र में भी अच्छी पैदावार देने में सक्षम होती है.

नर्मदापुरम। यूं तो मध्य प्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी पूरे भारत में प्रसिद्ध है. हिल स्टेशन होने के कारण यहां की जलवायु में भी काफी अंतर है. इसी जलवायु के कारण अब पचमढ़ी में हिमाचल प्रदेश का अन्ना इजराइल, हरमन 99 और डोरसेट गोल्डन जैसी प्रजाति के सेबों की पैदावार होगी. उद्यानिकी विभाग पहली बार सेब की खेती में हाथ आजमा रहा है. पचमढ़ी के पोलो उद्यान में दो एकड़ भूमि में सेब के 500 पौधे लगाकर इसकी शुरुआत की गई है. जिससे आगामी समय में सेबों की पैदावार भी होगी और किसानों की आय बढ़ेगी.

दो एकड़ क्षेत्र में लगाए गए हैं 500 पौधे

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रामशंकर शर्मा ने बताया कि 'पचमढ़ी के पोलो उद्यान में सेब की तीन प्रजातियों का रोपण किया गया है. यहां पर जगह खाली थी, दो एकड़ क्षेत्र में 500 पौधों का रोपण किया गया है. हिमाचल प्रदेश की रिकॉग्नाइज नर्सियों से जो फसले यहां अच्छी पैदावार देने की संभावना है. उन तीन किस्म को यहां लाकर रोपण किया गया है. जिसमें प्रमुख हरमन 99 वैरायटी, अन्ना इजरायल, डोरसेट गोल्डन प्रजाति है. वह बताते है क्योंकि इनको ज्यादा ठंडे वातावरण की जरूरत नहीं होती है. कम ठंड में भी यह अच्छी पैदावार देते हैं, इसलिए इन वैरायटियों के सेबों का चुनाव किया गया है.

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दिसंबर 2023 में हिमाचल से लाया गया था

बता दें कि हरमन 99 वैरायटी, अन्ना इजरायल, डोरसेट गोल्डन प्रजाति के 500 पौधों का रोपण पोलो गार्डन में किया गया है. दिसंबर 2023 में इन पौधों को हिमाचल प्रदेश से यहां पर लाया था. जनवरी और फरवरी में पचमढ़ी में इनका पौधा रोपण किया गया था. सेबों की ये प्रजातियां कम ठंडक वाले क्षेत्र में भी अच्छी पैदावार देने में सक्षम होती है.

Last Updated : Jul 7, 2024, 7:42 PM IST
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