कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जहां कोरोना काल में पूरी तैयारी की गई तो वहीं, मरीजों में ऑक्सीजन की कमी न हो सके. इसके लिए भी विभिन्न क्षेत्रीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए, लेकिन जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली में कोरोना काल खत्म होने के बाद भी ऑक्सीजन प्लांट शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि अब अस्पताल प्रशासन के द्वारा मनाली में शेड तो तैयार कर दिया गया है, लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी स्थापित नहीं हो पाई है. ऐसे में अभी तक ऑक्सीजन प्लांट शुरू नहीं हो पाया है और मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था भी निजी कंपनी से आ रही सप्लाई पर निर्भर है.
ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी स्थापित नहीं हो पाई: पर्यटन नगरी मनाली में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कवायद शुरू की गई थी और मनाली में एक निजी संस्था के द्वारा ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी स्वास्थ्य विभाग को दान के रूप में दी गई थी. ऐसे में डेढ़ साल तक यह मशीनरी अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण संस्थान के स्टोर में बंद रही. जब स्थानीय लोगों के द्वारा इस बारे चर्चा की गई तो स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शेड बनाने का काम शुरू कर दिया गया. अब मनाली में ऑक्सीजन प्लांट के लिए शेड तो बना दिया गया है, लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी स्थापित नहीं हो पाई है. आलम यह है कि अगर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी स्थापित की जाती है तो न ही इसके लिए बिजली का प्रावधान है और न ही बिजली बिल भरने की व्यवस्था अभी तक की गई है. इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण ऑपरेटर की भी जो जरूरत है वह भी स्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अगर ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करना होगा तो उसे किस तरह से चलाया जाएगा. इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग और सरकार के द्वारा भी कोई फैसला नहीं लिया गया है.
2 ऑक्सीजन प्लांट, दोनों बंद: ऑक्सीजन प्लांट बंद होने से जिला कुल्लू व मनाली के लिए मंडी से निजी कंपनी से ऑक्सीजन की सप्लाई ली जा रही है. मंडी से ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से सप्लाई कुल्लू अस्पताल पहुंचती है और उसके बाद कुल्लू से विभिन्न अस्पतालों के लिए यह सप्लाई भेजी जाती है. ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में अभी दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं, लेकिन वह दोनों भी बंद पड़े हुए हैं. ढालपुर अस्पताल में भी एक हजार एलपीएस का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है.
ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने पर आता है 13 लाख रुपए का खर्चा: इसके अलावा दूसरा ऑक्सीजन प्लांट 500 एलपीएस का है, लेकिन रखरखाव का बजट न होने के चलते यह दोनों ऑक्सीजन प्लांट भी बंद पड़े हुए हैं. अस्पताल प्रबंधन के पास 450 ऑक्सीजन के सिलेंडर उपलब्ध हैं. ऑक्सीजन प्लांट की हर 8 महीने के बाद सर्विस की जाती है जिस पर ढाई लाख रुपए का खर्चा आता है. अभी तक ढालपुर अस्पताल में भी दोनों प्लांट सर्विस ना होने के चलते बंद पड़े हुए हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक मंडी से ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने पर 13 लाख रुपए खर्च किए गए है. पर्यटन नगरी मनाली में ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी 75 लाख रुपए की लागत से खरीदी गई है और यहां पर 1 मिनट में 500 लीटर ऑक्सीजन बनाने की व्यवस्था है. लेकिन करीब 2 सालों से यह प्लांट की मशीनरी शेड में रखने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है.
मनाली में भी ऑक्सीजन प्लांट को करें शुरू: कुल्लू के स्थानीय निवासी राकेश गौतम, राहुल कुमार, अमित सूद का कहना है कि कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान दें, क्योंकि अस्पतालों में ऑक्सीजन की भी मरीज को जरूरत रहती है. सरकार को चाहिए कि वह ढालपुर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की जल्द से सर्विस करवाए और मनाली में भी ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करें, ताकि मरीजों को ऑक्सीजन के साथ-साथ सरकार का भी खर्च बच सके.
मशीन कर दी स्थापित, लेकिन ऑपरेटर नहीं: वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनाली के प्रभारी डॉक्टर राजेंद्र कोहली का कहना है कि मनाली में ऑक्सीजन प्लांट के लिए शेड बना दिया गया. मशीन भी स्टोर से निकलकर स्थापित कर दी गई है, लेकिन अभी तक ऑपरेटर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते इसका संचालन नहीं हो रहा है. इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और अस्पताल में भी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन के सिलेंडर उपलब्ध है. मरीजों को ऑक्सीजन की कमी पेश नहीं आने दी जा रही है.
ये भी पढ़ें- मणिकर्ण के कसोल से लापता हुआ आगरा का युवक, जांच में जुटी पुलिस