देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 12वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक की ली. बैठक में सीएस राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यधिक भवनों व इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के बजाय मेडिकल सेवाओं और मानव संसाधन के सुधार पर विशेष फोकस करने को कहा.
हाई एल्टीट्यूड एरिया में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखने के निर्देश: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश में ग्रासरूट लेवल पर हेल्थ लिटरेसी बढ़ाने के भी निर्देश दिए. इसके साथ ही कोरोना काल के दौरान बड़ी संख्या में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के बेहतर इस्तेमाल, सुरक्षित चारधाम यात्रा और पर्यटन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
इसके लिए कैलाश, केदारनाथ समेत सभी हाई एल्टीट्यूड वाले धामों, पर्यटक स्थलों, होटलों और धर्मशालाओं पर पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखने के निर्देश दिए. ताकि, आपात स्थिति में श्रद्धालुओं और यात्रियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा सके.
मातृ मृत्यु दर ऑडिट करने के निर्देश: उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर को कम करने की पहल के रूप में सीएस राधा रतूड़ी ने हरिद्वार में एक पायलट प्रोजेक्ट तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए मैटरनल डेथ ऑडिट को अनिवार्य करने को कहा.
साथ ही स्वास्थ्य विभाग और एनएचएम के बीच बेहतर समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए. वहीं, आगामी 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को समय से पूरा करने के लिए टीबी बाहुल्य वाले क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर विशेष अभियान चलाने को कहा.
एनएचएम के तहत कर्मचारियों के मानदेय के रेशनलाइजेशन को मंजूरी: इसके अलावा बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के तहत काम कर रहे कर्मचारियों के मानदेय के रेशनलाइजेशन (Rationalization) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.
इसके साथ ही उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सल्ट और चौखुटिया में सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन, मैनीफोल्ड ऑक्सीजन प्लांट के तमाम कार्यों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहसपुर और डोईवाला में ऑक्सीजन प्लांट एवं शेड के कार्यों की भी वित्तीय स्वीकृतियां दी.
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