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IGMC अस्पताल के मैनेजमेंट पर फूटा सफाई कर्मचारियों का गुस्सा, MS ऑफिस का किया घेराव - IGMC CLEANING STAFF SALARY DELAY

आईजीएमसी अस्पताल शिमला में आउटसोर्स के सफाई कर्मचारियों ने सैलरी न मिलने को लेकर हंगामा किया और अस्पताल का घेराव किया.

Cleaning Staff Protest in IGMC
आईजीएमसी सफाई कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 8, 2024, 7:34 AM IST

Updated : Dec 8, 2024, 11:34 AM IST

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल शिमला के कर्मचारियों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया. अस्पताल में सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को हंगामा किया. दरअसल सफाई कर्मचारी वेतन न मिलने को लेकर परेशान हैं. ऐसे में सीटू के बैनर तले सफाई कर्मियों ने आईजीएमसी अस्पताल में एमएस ऑफिस का घेराव किया. इस दौरान करीब दो घंटे तक सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बंद रही. इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने काम को ठप करने की चेतावनी दी है.

आईजीएमसी सफाई यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र ने कहा, "अगर अस्पताल मैनेजमेंट का रवैया इसी तरह का रहता है तो सभी एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे. सैलरी के लिए हम कई बार एमएस से बात कर चुके हैं, फिर भी पैसा नहीं मिला."

आईजीएमसी सफाई कर्मचारियों की चेतावनी (ETV Bharat)

उग्र आंदोलन की चेतावनी

वहीं, सीटू के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि ठेकेदार न्यूनतम वेतन लागू करने, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घंटे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं कर रहे हैं. ठेकेदार श्रम कानूनों की खुलकर अवहेलना कर रहे हैं. उन्होंने चेताया कि अगर श्रम कानून लागू नहीं किए तो आंदोलन उग्र किया जाएगा.

वहीं, आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर राहुल राव का कहना है, "जल्द कर्मियों की सैलरी जारी कर दी जाएगी."

Cleaning Staff Protest in IGMC
सफाई कर्मचारियों ने एमएस ऑफिस का किया घेराव (ETV Bharat)

दिवाली पर भी नहीं मिली सैलरी

आईजीएमसी अस्पताल शिमला के सफाई कर्मी और वार्ड अटेंडेंट को दो कंपनियां सैलरी देती हैं. अस्पताल में 80 वार्ड अटेंडेंट और 60 सफाई कर्मी हैं. ये आउटसोर्स कर्मी कंपनी से जब भी सैलरी मांगते हैं तो दोनों कंपनियों का एक ही जवाब आता है कि अभी मैनेजमेंट द्वारा सैलरी जारी नहीं की गई है. लिहाजा स्थिति ये हो गई है कि इन सफाई कर्मचारियों को घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. कर्मचारियों का कहना है कि दिवाली पर सभी को सैलरी मिली थी, लेकिन हम लोगों ने उधार लेकर त्यौहार मनाया. जब सभी कर्मी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं तो अस्पताल मैनेजमेंट को देखना चाहिए कि पैसा हर महीने समय से दिया जाए. उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन के इस रवैये की वजह से नौकरी छोड़ने तक की नौबत आ गई है.

ये भी पढ़ें: शिमला में कलयुगी मामा ने 7 वर्षीय भांजी का किया रेप, पीड़िता की मां ने करवाया मामला दर्ज

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 14 प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त, इन राज्यों में कहीं बेहतर हैं स्थिति

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल शिमला के कर्मचारियों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया. अस्पताल में सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को हंगामा किया. दरअसल सफाई कर्मचारी वेतन न मिलने को लेकर परेशान हैं. ऐसे में सीटू के बैनर तले सफाई कर्मियों ने आईजीएमसी अस्पताल में एमएस ऑफिस का घेराव किया. इस दौरान करीब दो घंटे तक सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बंद रही. इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने काम को ठप करने की चेतावनी दी है.

आईजीएमसी सफाई यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र ने कहा, "अगर अस्पताल मैनेजमेंट का रवैया इसी तरह का रहता है तो सभी एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे. सैलरी के लिए हम कई बार एमएस से बात कर चुके हैं, फिर भी पैसा नहीं मिला."

आईजीएमसी सफाई कर्मचारियों की चेतावनी (ETV Bharat)

उग्र आंदोलन की चेतावनी

वहीं, सीटू के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि ठेकेदार न्यूनतम वेतन लागू करने, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घंटे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं कर रहे हैं. ठेकेदार श्रम कानूनों की खुलकर अवहेलना कर रहे हैं. उन्होंने चेताया कि अगर श्रम कानून लागू नहीं किए तो आंदोलन उग्र किया जाएगा.

वहीं, आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर राहुल राव का कहना है, "जल्द कर्मियों की सैलरी जारी कर दी जाएगी."

Cleaning Staff Protest in IGMC
सफाई कर्मचारियों ने एमएस ऑफिस का किया घेराव (ETV Bharat)

दिवाली पर भी नहीं मिली सैलरी

आईजीएमसी अस्पताल शिमला के सफाई कर्मी और वार्ड अटेंडेंट को दो कंपनियां सैलरी देती हैं. अस्पताल में 80 वार्ड अटेंडेंट और 60 सफाई कर्मी हैं. ये आउटसोर्स कर्मी कंपनी से जब भी सैलरी मांगते हैं तो दोनों कंपनियों का एक ही जवाब आता है कि अभी मैनेजमेंट द्वारा सैलरी जारी नहीं की गई है. लिहाजा स्थिति ये हो गई है कि इन सफाई कर्मचारियों को घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. कर्मचारियों का कहना है कि दिवाली पर सभी को सैलरी मिली थी, लेकिन हम लोगों ने उधार लेकर त्यौहार मनाया. जब सभी कर्मी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं तो अस्पताल मैनेजमेंट को देखना चाहिए कि पैसा हर महीने समय से दिया जाए. उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन के इस रवैये की वजह से नौकरी छोड़ने तक की नौबत आ गई है.

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Last Updated : Dec 8, 2024, 11:34 AM IST
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