धनबादः जिले में सीडब्ल्यूसी इन दिनों बेहतर कार्य कर रही है. जिले के रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, बाजार आदि स्थानों से लावरिस, भटके बच्चों की जिंदगी को संवारने में अहम भूमिका निभा रही है. आयोग के अध्यक्ष से लेकर सभी सदस्य पूरी ईमानदारी से अपने कार्य का निर्वहन कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि देश ही नहीं बल्कि विदेश के परिवार भी यहां के बच्चों को अपना रहे है.
बता दें कि लावारिस हालत में मिली एक बच्ची को अमेरिका के दंपती ने अपनाया है. वहीं केरल राज्य के शिक्षक दंपती ने भी एक बच्चे को अपनाया है. जिसकी पूरी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है. जुलाई 2023 में एक बच्चा में बंद बोरे में धनबाद स्टेशन में पाया गया था. बच्चा गम्भीर रूप से घायल था. उसके हाथ पैर तक तोड़ दिए गए थे.
सीडब्ल्यूसी को जब इसकी सूचना मिली तो बच्चे को रेसक्यू किया गया. निजी अस्पताल में बेहतर इलाज के लिये भर्ती कराया गया. बच्चे को दुलार प्यार करते हुए उसके डर को खत्म किया गया. उसका नाम सीडब्ल्यूसी ने सिकंदर रखा था. सिकंदर की किस्मत बदल गई. अब एक शिक्षक परिवार उसे अपनाने जा रहा है. कारा पोर्टल में इन बच्चों का पूरू डिटेल लोड किया गया है. जिसका बड़ा लाभ बच्चों को हुआ है. अमेरिका की एलजोला शहर के एक दंपती ने घायल बच्चों को एडॉप्ट किया है. वहीं एक अन्य बच्ची को केरल के शिक्षक दंपती ने अपनाया है. जिसकी पूरी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है.
वहीं सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने कहा कि साल 2022 में उन्होंने कार्यभार संभाला था. तब से लेकर अब तक अनेकों बच्चों की जिंदगी को अपनी पूरी टीम के साथ संवारने, बेहतर नागरिक बनाने के लिए कार्य ईमानदारी से कर रहे हैं. अमेरिका के एक परिवार ने एक बच्चे को एडॉप्ट किया है. जबकि केरल के शिक्षक दंपती ने एक बच्ची को अपनाया है. पूरी प्रकिया के बाद बच्चों को सौपा जाएगा. जिला प्रशासन का पूरा सहयोग इसमें उनलोगों को मिल रहा है.
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