जयपुर : राजस्थान में ऑर्गन ट्रांसप्लांट से जुड़ा प्रकरण काफी चर्चित रहा था. ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रकरण को लेकर SMS अस्पताल में एक प्रशासनिक अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया था, जो फर्जी तरीके से ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी जारी कर रहा था. इसके बाद प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर चलाई जा रही मुहिम पटरी से उतर गई थी, जिसे एक बार फिर पर पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन द्वारा एक बार फिर से अंगदान को लेकर मुहिम शुरू की गई.
ऑर्गन ट्रांसप्लांट के नोडल अधिकारी डॉक्टर मनीष अग्रवाल का कहना है कि आज आम लोगों में अंग दान के प्रति और ब्रेन डेड पेशेंट के बारे में जानकारी नहीं होने की वजह से ऑर्गन डोनेशन से जुड़ी मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है. अंगदान के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए एसएमएस हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोर्डिनेर द्वारा सभी स्कूल कॉलेज में कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक ब्रेन डेड मरीज 8 लोगों को नया जीवनदान दे सकता है.
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अंगो की कमी : मौजूदा समय की बात करें तो ऐसे मरीज़ों की लंबी लिस्ट है, जिन्हें अपना जीवन बचाने के लिए अंगों की आवश्यकता है. डॉक्टर मनीष अग्रवाल का कहना है कि लोगों को इस बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. SMS मेडिकल कॉलेज की ओर से अंगदान सप्ताह मनाया जा रहा है. इसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. बता दें कि प्रदेश में करीब 1009 मरीज ऐसे हैं जो अंगदान का इंतजार कर रहे हैं. किसी को किडनी की आवश्यकता है, तो किसी को लिवर की.