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AIMSS चमियाणा तक सुधरेगी सड़क की हालत, हटाना होगा अतिक्रमण - AIMSS Chamiyana

चमियाणा में एआईएमएसएस तक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को 13 अक्टूबर तक हटाने के आदेश जारी किए हैं.

AIMSS चमियाणा
AIMSS चमियाणा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 4, 2024, 7:37 PM IST

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के समीप चमियाणा में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटी (एआईएमएसएस) तक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को 13 अक्टूबर तक हटाने के आदेश जारी किए हैं. इसके एक दिन बाद ही पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारियों और परियोजना निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने प्रदेश में विभाग और एनएचएआई की लंबित और जारी परियाजनाओं की जानकारी ली.

इस दौरान अधिकारियों को तय समय सीमा में परियोजनाओं का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.ताकि राज्य में सड़कों की कनेक्टिीविटी सुचारू किया जा सके. इस अवसर पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ने चमियाणा चिकित्सा संस्थान तक सड़क की स्थिति को भी सुधारने के निर्देश दिए. विक्रमादित्य सिंह ने मानसून सीजन में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और पुलों की भी तुरंत मरम्मत और रख-रखाव करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि, 'बहाली कार्य के लिए जरूरत के मुताबिक श्रमशक्ति और मशीनरी को तैनात किया जाए, ताकि क्षतिग्रस्त हुई आोसंरचना के कारण स्थानीय लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े.'

वहीं, उन्होंने शिमला में अटल सुपर स्पेशिएलिटी चिकित्सा संस्थान चमियाणा के लिए भट्ठाकुफर से सड़क कनेक्टिीविटी के कार्य की भी समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस परियोजना के कार्य को प्राथमिकता के अधार जल्द पूरा करें. उन्होंने कहा कि, 'अस्पताल के संचालन और लोगों को प्रभावी ढंग से सेवाएं देने के लिए सड़क सुविधा बेहद जरूरी है. यह सुपर स्पेशिएलिटी चिकित्सा संस्थान लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और बेहतर सड़क संपर्क होने से मरीजों को लाभ होगा.'

विक्रमादित्य सिंह ने सड़कों और पुलों के निर्माण के कार्य में गुणवत्ता लान के भी निर्देश दिए, जिससे बुनियादी ढांचे के टिकाऊपन और सुरक्षा के साथ-साथ लोगों को दीर्घकालिक लाभ मिले. इसके लिए उच्च निर्माण मानकों का अनुपालन किया जाना बहुत जरूरी है.उन्होंने निर्माण परियोजनाओं के दौरान नियमित निरीक्षण और गुणवत्ता आकलन का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कार्य आवश्यक विनिर्देशों को पूरा करते हैं और क्षेत्र की जलवायु चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 'सुक्खू सरकार की बुद्धि भ्रष्ट, टॉयलेट पर भी लगाया टैक्स'

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के समीप चमियाणा में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटी (एआईएमएसएस) तक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को 13 अक्टूबर तक हटाने के आदेश जारी किए हैं. इसके एक दिन बाद ही पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारियों और परियोजना निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने प्रदेश में विभाग और एनएचएआई की लंबित और जारी परियाजनाओं की जानकारी ली.

इस दौरान अधिकारियों को तय समय सीमा में परियोजनाओं का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.ताकि राज्य में सड़कों की कनेक्टिीविटी सुचारू किया जा सके. इस अवसर पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ने चमियाणा चिकित्सा संस्थान तक सड़क की स्थिति को भी सुधारने के निर्देश दिए. विक्रमादित्य सिंह ने मानसून सीजन में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और पुलों की भी तुरंत मरम्मत और रख-रखाव करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि, 'बहाली कार्य के लिए जरूरत के मुताबिक श्रमशक्ति और मशीनरी को तैनात किया जाए, ताकि क्षतिग्रस्त हुई आोसंरचना के कारण स्थानीय लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े.'

वहीं, उन्होंने शिमला में अटल सुपर स्पेशिएलिटी चिकित्सा संस्थान चमियाणा के लिए भट्ठाकुफर से सड़क कनेक्टिीविटी के कार्य की भी समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस परियोजना के कार्य को प्राथमिकता के अधार जल्द पूरा करें. उन्होंने कहा कि, 'अस्पताल के संचालन और लोगों को प्रभावी ढंग से सेवाएं देने के लिए सड़क सुविधा बेहद जरूरी है. यह सुपर स्पेशिएलिटी चिकित्सा संस्थान लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और बेहतर सड़क संपर्क होने से मरीजों को लाभ होगा.'

विक्रमादित्य सिंह ने सड़कों और पुलों के निर्माण के कार्य में गुणवत्ता लान के भी निर्देश दिए, जिससे बुनियादी ढांचे के टिकाऊपन और सुरक्षा के साथ-साथ लोगों को दीर्घकालिक लाभ मिले. इसके लिए उच्च निर्माण मानकों का अनुपालन किया जाना बहुत जरूरी है.उन्होंने निर्माण परियोजनाओं के दौरान नियमित निरीक्षण और गुणवत्ता आकलन का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कार्य आवश्यक विनिर्देशों को पूरा करते हैं और क्षेत्र की जलवायु चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.

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