नई दिल्ली: इकोनॉमी खाने के नाम पर आईआरसीटीसी के काउंटर पर रेल यात्रियों से वसूली की जा रही है. दरअसल सात पूड़ी, आलू की सब्जी और अचार रेलवे के काउंटर पर मात्र 15 रुपये में मिलती है, लेकिन यही क्वालिटी और क्वांटिटी का खाना आईआरसीटीसी के काउंटर पर रेलवे स्टेशनों पर 20 रुपये में बेचा जा रहा है. हाल में ETV भारत ने इस खबर को प्रकाशित किया था, जिसके बाद मामले में रेलवे ने दिल्ली डिवीजन के डीआरएम को जांच के आदेश दिए हैं. वहीं डीआरएम ने मामले में जांच कमेटी बनाई है, लेकिन यह मामला पॉलिसी से जुड़ा हुआ है.
रेलवे की खानपान संगठन व सूत्रों का कहना है कि, आईआरसीटीसी को फायदा पहुंचाने के लिए रेलवे बोर्ड ने इकोनॉमी खाना के नाम से पूरी सब्जी को 20 रुपये में बेचने का काम दे दिया, जबकि यही खाना रेलवे के काउंटर पर मात्र 15 रुपये में उपलब्ध है. सवाल यह खड़ा होता है कि जब यही खाना रेलवे के काउंटर पर 15 रुपये में उपलब्ध है तो इस खाने को आईआरसीटीसी को 20 रुपये में बेचने का काम क्यों दिया गया. रेलवे की खानपान संगठन के पदाधिकारी ने इसे एक तरीके से रेल यात्रियों से वसूली करार दिया है. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि आईआरसीटीसी को फायदा पहुंचाने के लिए यह काम उन्हें दिया गया.
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मामले में रेलवे द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद जांच शुरू कर दी गई है.रेलवे के वेंडर बहुत जल्द ही इसकी उच्च अधिकारियों से मिलकर शिकायत करेंगे. रेलवे के वेंडरों की मानें तो रेलवे का काउंटर पर जो भी खाना बेचा जाता है उसकी जांच होती है, लेकिन आईआरसीटीसी के खाने के जांच पर रेलवे के अधिकारियों का कंट्रोल नहीं है. बीते माह उदयपुर में आईआरसीटीसी के खाने के संबंध में 139 पर 300 से ज्यादा शिकायतें आई थी. आरोप है कि आईआरसीटीसी लोकल ढाबे से खाना लेकर रेल यात्रियों को परोस रहा था. इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है.
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