कोटा: 2008 के निर्वाचन में लाइट का काम करने वाली फर्म का कोटा कलेक्ट्रेट ने अभी तक भुगतान नहीं किया. इस पर वाणिज्य कोर्ट का फर्म के पक्ष में फैसला भी आ चुका है जिसके तहत कलेक्ट्रेट कार्यालय की कुर्की जब्ती के आदेश न्यायालय ने दिए हैं. 7 अगस्त को इस संबंध में वारंट जारी हुआ, जिसके बाद शुक्रवार को इसकी तामील कराने कलेक्ट्रेट गए स्पेशल सेल अमीन और पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि कलेक्ट्रेट में उनको घुसने नहीं दिया गया, और स्टाफ ने उनको बाहर निकाल दिया गया. पूरा मामला 57 लाख 60 हजार रुपए के बकाया भुगतान का है.
स्पेशल सेल अमीन सत्यनारायण पनवाड़ ने बताया कि कमर्शियल कोर्ट में नलिनी राठी बनाम स्टेट जरिए जिला कलेक्टर मामला चल रहा था. इसमें जिला कलेक्टर व अतिरिक्त जिला कलेक्टर से फर्म को पैसा दिलाना था. इस मामले में राशि के भुगतान के लिए अगस्त 2024 को कलेक्ट्रेट कार्यालय की कुर्की और वाहन जब्ती का कोर्ट की ओर से आदेश निकला था. इस वारंट को लेकर वो जब कलेक्ट्रेट कार्यालय गए तो अधिकारियों ने वारंट लेने से इनकार कर दिया और हमें बाहर भेज दिया. उन्होंने बताया कि इस संबंध में हमने वापस रिपोर्ट कमर्शियल कोर्ट को सौंप दी है.
इसे भी पढ़ें : ठेकेदार के 1.52 करोड़ बकाया, PHED के एडिशनल चीफ इंजीनियर का ऑफिस कुर्क... पहले बाहर निकाला फिर किया सीज - office of PHED seized
इधर, फर्म की मालकिन नलिनी राठी के बेटे महिमन राठी ने बताया कि उनके पिता की फर्म डागा एंड सन ने साल 2008 के चुनाव में लाइटिंग का काम किया था. इसका पैसा जिला कलेक्ट्रेट से रुका हुआ था. उसके पिता की डेथ के बाद उनकी फर्म मां नलिनी राठी के नाम हो गई. इसका केस कमर्शियल कोर्ट में चल रहा था. जिस पर फैसला आने के बाद 57 लाख 60 हजार रुपए कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर से फर्म को देने थे. यह पैसा जमा नहीं कराने पर कुर्की वारंट निकला था.