जैसलमेर: जिले के बईया गांव में चल रहे सरकार ओरण भूमि बचाओ आंदोलन के प्रकरण में अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने स्वत:प्रसंज्ञान लिया है. प्राधिकरण ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर संपूर्ण प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
बता दें कि बईयां गांव में निजी कम्पनी को सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए आवंटित जमीन का ग्रामीणों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रविंद्र सिंह भाटी इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो जगह आवंटित की गई है, वह ओरण भूमि है. यहां सोलर प्लांट लगने से क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र गड़बड़ा सकता है.
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शिव विधायक कर रहे आंदोलन का नेतृत्व: इस मामले में निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह भाटी ग्रामीणों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. गत दिनों उनकी पुलिस के साथ हल्की बहसबाजी हुई. पुलिस की तरफ से विधायक भाटी पर राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस बीच जैसलमेर के विधायक भी धरनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों की मांगों को कलेक्टर तक पहुंचाया.
विधिक प्राधिकरण ने कलेक्टर को लिखा पत्र: अब ओरण बचाओ आंदोलन और निजी कंपनी के सोलर प्रोजेक्ट के विरोध मामले में नया मोड़ आया है. इस मामले में जैसलमेर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश किशोर कुमार तालेपा ने स्वत:प्रसंज्ञान लेते हुए जैसलमेर जिला कलेक्टर प्रताप सिंह को पत्र लिखा है. एडवोकेट मदन सिंह सोढ़ा ने बताया कि प्राधिकरण सचिव ने बईया गांव में ओरण की जमीन को लेकर ग्रामीणों के साथ चल रहे विवाद की जिला कलेक्टर से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. एडीजे तालेपा ने कलेक्टर प्रताप सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि विगत दिनों में समाचार पत्रों के माध्यम से यह ज्ञात हुआ है कि जैसलमेर के बईया गांव में निजी कंपनी ग्रिड सब स्टेशन का निर्माण करने जा रही है. ग्रामीण ओरण बचाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. इस भूमि पर सोलर प्लांट लगने से गर्मी बढ़ने, सांस्कृतिक धरोहर तथा पर्यावरण को क्षति पहुंचने की भी आशंका है.