रांची: झारखंड स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्र अंदोलन कर रहे हैं. छात्रों पर हुई पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष ने जहां सरकार के ऊपर छात्रों पर ज्यादती करने का आरोप लगाया है, तो वहीं सत्तारुढ़ दल जेएमएम-कांग्रेस ने युवाओं को संयम बरतने की सलाह देते हुए बचाव में उतर आए हैं.
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने सोमवार को जेएसएससी कार्यालय घेराव करने जा रहे छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सरकार का दिवालियापन है जो कभी पारा शिक्षकों पर तो कभी सहायक पुलिस कर्मियों पर लाठियां बरसाती है. छात्रों की मांग को सही बताते हुए राकेश प्रसाद ने कहा कि सरकार को चाहिए कि इस परीक्षा की सीबीआई से जांच करा कर दोषी कर्मियों पर कार्रवाई करें.
विपक्ष का हमला तेज होता देख सत्ता पक्ष बचाव में उतर आया है. सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने छात्रों से संयम बरतने की अपील की है. सत्तापक्ष ने कहा कि अब तो हाईकोर्ट ने भी फाइनल रिजल्ट पर रोक लगा दी है. साथ ही अगर इस परीक्षा को लेकर किसी भी तरह की शिकायत है तो छात्रों को सरकार और आयोग के पास जरूर रखना चाहिए.
विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि उनके राज में क्या फूल बरसाए जाते थे. 2014 से यह परीक्षा आयोजित की जा रही है और अब तक यह पूरी नहीं हुई है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने छात्रों से धैर्य नहीं खोने की अपील करते हुए कहा है कि 22 जनवरी को अगली सुनवाई हाईकोर्ट ने निर्धारित की है, इससे पहले जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उसके तहत सरकार काम करेगी.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भाजपा द्वारा उठाए जा रहे सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि राज्य के भोले भाले छात्र को वो (बीजेपी) बहकाने का काम कर रहे हैं. जिन्होंने राज्य में हाथी उड़ाकर महज 5 हजार की नौकरी के लिए युवाओं को बाहर भेज रहे थे. राकेश सिन्हा ने कहा कि जो न्यायालय का आदेश आया है इसका अध्ययन किया जाएगा, लेकिन छात्र संयम बरतें और किसी भी तरह की शिकायत है तो वह उचित फोरम पर जरूर रखें.
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