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नीट परीक्षा 2024: चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट बोले - बच्चों के भविष्य का मामला है, दोबारा पारदर्शिता के साथ हो एग्जाम - NEET exam 2024

एनटीए ने नीट 2024 में दिए गए ग्रेस मार्क्स हटा लिए हैं. इसके साथ ही 1563 स्टूडेंट्स का नीट स्कोर (NEET EXAM 2024) कार्ड रद्द कर दिया है. आइए जानते हैं चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट का क्या कहना है?

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट
चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 7:48 PM IST

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट से बातचीत (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

लखनऊ : नीट (मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यूजी) 2024 में बड़ी धांधली के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जिन 1563 स्टूडेंट्स को समय के कारण ग्रेस मार्क्स प्राप्त हुआ था, उसे हटाने का फैसला सुनाया है. देशभर में नीट में हुई धांधली के आरोपों को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने बड़ा कदम उठाया है. परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने नीट यूजी 2024 ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए हैं. इसके साथ 1563 स्टूडेंट्स का नीट स्कोर कार्ड रद्द कर दिया है. फैसले के बाद इन बच्चों का नीट रिजल्ट कैंसिल कर दिया गया है. जो बच्चे असंतुष्ट हैं वह दोबारा से नीट 2024 की परीक्षा में बैठ सकते हैं.

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट शाकिब रजा ने बताया कि ग्रेस मार्क्स हटाने का निर्णय बहुत सही है. लेकिन, एक एक्सपर्ट होने के नाते मेरा यही मानना है कि इस परीक्षा में धांधली हुई है. इस बात को एनटीए को स्वीकार करना चाहिए. पूरी परीक्षा को रद्द करके दोबारा से नीट 2024 की परीक्षा करानी चाहिए और दोबारा जो परीक्षा हो उसमें इस बात को ध्यान देना चाहिए कि परीक्षा के प्रश्न पत्र का स्तर क्या हो, जिसमें कटऑफ निर्धारित हो सके. इस बार बहुत अधिक कट ऑफ गया है. बहुत सारे स्टूडेंट जिनका प्राप्तांक 640 या उससे अधिक आया है वह परेशान होकर इधर-उधर घूम रहे हैं कि उनका दाखिला एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में हो सकेगा या नहीं.

उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों से लगातार एनडीए परीक्षा पत्र का स्तर गिरता जा रहा है. स्टूडेंट को पता होना चाहिए कि उसे किस स्तर की पढ़ाई करनी है. इस बार जिस तरह से धांधली हुई है. उसको देखते हुए स्टूडेंट घबराहट में हैं कि अपनी पढ़ाई का क्या स्तर रखें और क्या टारगेट लेकर चलें, कितना अंक लाने पर एक अच्छा मेडिकल कॉलेज में दाखिला हो सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला लिया वह काफी सराहनीय है. लेकिन, बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस परीक्षा को दोबारा से कराना चाहिए.

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट शाहनवाज खान ने कहा कि नीट 2024 में एक बड़ी धांधली हुई. देश भर में हो रहे विरोध के बाद एनटीए ने खुद यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा कि जिन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिया गया है, उसे हटा दिया जाए. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया. यानी कि एक तरफ से एनटीए इस बात को मान रहा है कि नीट 2024 की परीक्षा में उनकी तरफ से खामियां हुईं. जिसकी वजह से देश भर में उनकी किरकरी हुई है. जिस तरह से परीक्षा में धांधली हुई 67 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए हैं और स्टूडेंट को ग्रेस मार्क्स बांटा गया. उन्होंने कहा कि बतौर एक्सपर्ट मैं यही कहूंगा कि इस पूरी परीक्षा प्रक्रिया को रद्द करके नीट 2024 की दोबारा से पारदर्शिता के साथ एनटीए को यह परीक्षा करानी चाहिए. यह बच्चों के भविष्य का मामला है और यही बच्चे भविष्य में आगे चलकर एक अच्छे चिकित्सक बनेंगे. इस परीक्षा में पारदर्शिता होना बहुत जरूरी है ताकि पढ़ने वाले बच्चों को अच्छा मेडिकल कॉलेज मिले और वह भविष्य में बेहतर चिकित्सक बनकर अपनी सेवा दे सकें.

ईटीवी भारत से तैयारी कर रहे विद्यार्थियों ने की बातचीत (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स ने कहीं यह बड़ी बात : नीट 2024 में हुई धांधली को लेकर विद्यार्थियों में काफी आक्रोश है और साथ ही साथ भविष्य को लेकर चिंता भी है. स्टूडेंट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बहुत सही है. ग्रेस मार्क्स हटाने का निर्णय अच्छा है. इससे स्टूडेंट्स में एक सकारात्मक विचार आया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नीट की तैयारी कर रहे हैं स्टूडेंट्स ने कहा कि एक साथ 67 स्टूडेंट के 720 में से 720 अंक आना कोई आम बात नहीं है. एग्जाम का पैटर्न इतना कमजोर रखने के कारण ही इस तरह की धांधली हुई है. पिछले 10 वर्षों से लगातार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) नीट परीक्षा का पैटर्न आसान करता जा रहा है.

यह भी पढ़ें : NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने NTA से कहा, शुचिता प्रभावित हुई, इसलिए हमें जवाब चाहिए - NEET UG 2024

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स्टूडेंट्स ने कहा कि इतनी मेहनत से वर्षों तैयारी करके एग्जाम में अच्छा नंबर लाते हैं, लेकिन इतनी पढ़ाई करने के बाद भी और 710 नंबर लाने के बाद भी अगर एम्स दिल्ली में दाखिला नहीं हो पता है तो यह हमारे लिए बहुत ही दुखद बात है. साथ ही कहीं न कहीं जिस तरह से नेशनल टेस्ट एजेंसी ने परीक्षा का स्तर गिराया है. उसकी वजह से भी इन दिनों दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमें भविष्य को लेकर चिंता सता रही है. हम कितने मार्क्स लाने का टारगेट रखें ताकि हमें एम्स दिल्ली में दाखिला मिल सके.

यह भी पढ़ें : NEET में ग्रेस अंक पाने वालों की 23 को दोबारा होगी परीक्षा - neet ug 2024 result hearing sc

यह भी पढ़ें : NEET-UG एग्जाम : 1500 छात्रों को ग्रेस नंबर दिए जाने के खिलाफ लगी याचिका, अब क्या करेंगे छात्र, जानें - Physics Wallah Alakh Pandey

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट से बातचीत (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

लखनऊ : नीट (मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यूजी) 2024 में बड़ी धांधली के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जिन 1563 स्टूडेंट्स को समय के कारण ग्रेस मार्क्स प्राप्त हुआ था, उसे हटाने का फैसला सुनाया है. देशभर में नीट में हुई धांधली के आरोपों को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने बड़ा कदम उठाया है. परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने नीट यूजी 2024 ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए हैं. इसके साथ 1563 स्टूडेंट्स का नीट स्कोर कार्ड रद्द कर दिया है. फैसले के बाद इन बच्चों का नीट रिजल्ट कैंसिल कर दिया गया है. जो बच्चे असंतुष्ट हैं वह दोबारा से नीट 2024 की परीक्षा में बैठ सकते हैं.

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट शाकिब रजा ने बताया कि ग्रेस मार्क्स हटाने का निर्णय बहुत सही है. लेकिन, एक एक्सपर्ट होने के नाते मेरा यही मानना है कि इस परीक्षा में धांधली हुई है. इस बात को एनटीए को स्वीकार करना चाहिए. पूरी परीक्षा को रद्द करके दोबारा से नीट 2024 की परीक्षा करानी चाहिए और दोबारा जो परीक्षा हो उसमें इस बात को ध्यान देना चाहिए कि परीक्षा के प्रश्न पत्र का स्तर क्या हो, जिसमें कटऑफ निर्धारित हो सके. इस बार बहुत अधिक कट ऑफ गया है. बहुत सारे स्टूडेंट जिनका प्राप्तांक 640 या उससे अधिक आया है वह परेशान होकर इधर-उधर घूम रहे हैं कि उनका दाखिला एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में हो सकेगा या नहीं.

उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों से लगातार एनडीए परीक्षा पत्र का स्तर गिरता जा रहा है. स्टूडेंट को पता होना चाहिए कि उसे किस स्तर की पढ़ाई करनी है. इस बार जिस तरह से धांधली हुई है. उसको देखते हुए स्टूडेंट घबराहट में हैं कि अपनी पढ़ाई का क्या स्तर रखें और क्या टारगेट लेकर चलें, कितना अंक लाने पर एक अच्छा मेडिकल कॉलेज में दाखिला हो सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला लिया वह काफी सराहनीय है. लेकिन, बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस परीक्षा को दोबारा से कराना चाहिए.

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट शाहनवाज खान ने कहा कि नीट 2024 में एक बड़ी धांधली हुई. देश भर में हो रहे विरोध के बाद एनटीए ने खुद यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा कि जिन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिया गया है, उसे हटा दिया जाए. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया. यानी कि एक तरफ से एनटीए इस बात को मान रहा है कि नीट 2024 की परीक्षा में उनकी तरफ से खामियां हुईं. जिसकी वजह से देश भर में उनकी किरकरी हुई है. जिस तरह से परीक्षा में धांधली हुई 67 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए हैं और स्टूडेंट को ग्रेस मार्क्स बांटा गया. उन्होंने कहा कि बतौर एक्सपर्ट मैं यही कहूंगा कि इस पूरी परीक्षा प्रक्रिया को रद्द करके नीट 2024 की दोबारा से पारदर्शिता के साथ एनटीए को यह परीक्षा करानी चाहिए. यह बच्चों के भविष्य का मामला है और यही बच्चे भविष्य में आगे चलकर एक अच्छे चिकित्सक बनेंगे. इस परीक्षा में पारदर्शिता होना बहुत जरूरी है ताकि पढ़ने वाले बच्चों को अच्छा मेडिकल कॉलेज मिले और वह भविष्य में बेहतर चिकित्सक बनकर अपनी सेवा दे सकें.

ईटीवी भारत से तैयारी कर रहे विद्यार्थियों ने की बातचीत (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स ने कहीं यह बड़ी बात : नीट 2024 में हुई धांधली को लेकर विद्यार्थियों में काफी आक्रोश है और साथ ही साथ भविष्य को लेकर चिंता भी है. स्टूडेंट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बहुत सही है. ग्रेस मार्क्स हटाने का निर्णय अच्छा है. इससे स्टूडेंट्स में एक सकारात्मक विचार आया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नीट की तैयारी कर रहे हैं स्टूडेंट्स ने कहा कि एक साथ 67 स्टूडेंट के 720 में से 720 अंक आना कोई आम बात नहीं है. एग्जाम का पैटर्न इतना कमजोर रखने के कारण ही इस तरह की धांधली हुई है. पिछले 10 वर्षों से लगातार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) नीट परीक्षा का पैटर्न आसान करता जा रहा है.

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स्टूडेंट्स ने कहा कि इतनी मेहनत से वर्षों तैयारी करके एग्जाम में अच्छा नंबर लाते हैं, लेकिन इतनी पढ़ाई करने के बाद भी और 710 नंबर लाने के बाद भी अगर एम्स दिल्ली में दाखिला नहीं हो पता है तो यह हमारे लिए बहुत ही दुखद बात है. साथ ही कहीं न कहीं जिस तरह से नेशनल टेस्ट एजेंसी ने परीक्षा का स्तर गिराया है. उसकी वजह से भी इन दिनों दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमें भविष्य को लेकर चिंता सता रही है. हम कितने मार्क्स लाने का टारगेट रखें ताकि हमें एम्स दिल्ली में दाखिला मिल सके.

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