लखनऊ: उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड इस समय कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. प्रदेश में 16,000 से अधिक मान्यता प्राप्त मदरसे और 560 अनुदानित मदरसे हैं. इन मदरसों में करीब 10,000 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं और लाखों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इसके बावजूद मदरसा बोर्ड के संचालन के लिए केवल सात कर्मचारी ही हैं, जबकि 34 पद सृजित हैं.
कर्मचारियों की कमी के कारण बोर्ड का प्रशासनिक कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. परीक्षा परिणामों की समय पर घोषणा और प्रमाणपत्र सत्यापन, लंबे समय से लंबित हैं. जिसकी वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक जाता है और वे विश्वविद्यालयों में समय पर प्रवेश लेने से चूक जाते हैं. यहां तक कि पासपोर्ट बनवाने में भी सत्यापन की प्रक्रिया में देरी होती है, जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है.
मदरसा बोर्ड में 26 पद खाली. (Photo Credit; ETV Bharat) बता दें कि उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड में रजिस्ट्रार 1, उप-रजिस्ट्रार/ निरीक्षक 2, सहायक लेखा अधिकारी 1, प्रशासनिक अधिकारी 1, आशुलिपिक 2, कनिष्ठ सहायक 8, स्टोर कीपर 1, टंकक 1, दफ्तरी 1, अर्दली /स्वीपर 6 पद खाली हैं. इस मदरसा बोर्ड में सिर्फ 6 वरिष्ठ सहायक और 1 कनिष्ठ सहायक पूरे मदरसा बोर्ड का कामकाज देख रहे हैं.
अल्पसंख्यक मंत्री दानिश आजाद अंसारी. (Video Credit; ETV Bharat) राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण, हज और वक्फ मंत्री, दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि बोर्ड में कर्मचारियों की कमी के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जल्द अवगत कराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. मदरसे के छात्र अब विज्ञान, टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर और अन्य क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश के अनुसार सुनिश्चित करेंगे कि मदरसा बोर्ड में कर्मचारियों की कमी जल्द पूरी हो.ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अर्बिय के जनरल सेक्रेटरी वहीदुल्ला खान सईदी ने बताया कि मदरसा बोर्ड में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर के कई बार राज्य सरकार को पत्र लिखकर मांग की गई है. कर्मचारियों की कमी से मदरसा कार्य प्रणाली पर काफी असर पड़ रहा है. इस स्थिति ने न केवल छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है, बल्कि मदरसा शिक्षा प्रणाली की कार्यक्षमता को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. राज्य सरकार को जल्द से जल्द इन पदों पर नियुक्तियां कर बोर्ड की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता है. ताकि मदरसों के छात्रों को समय पर शिक्षा और अन्य सुविधाएं मिल सकें.
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