पटना : मध्यान्ह भोजन को लेकर प्रतिदिन बनने वाली रिपोर्ट को लेकर फोन पर रिस्पॉन्ड नहीं करने वाले 1434 शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने चिन्हित किया है. साथ ही शिक्षा विभाग ने पूछा है कि क्यों ना इनके एक महीने की वेतन काटकर सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाए.
एक्शन में शिक्षा विभाग : दरअसल, शिक्षा विभाग के मध्यान भोजन योजना के निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने इस संबंध में पत्र जारी किया है. 1434 चिन्हित शिक्षकों के वेतन को रोकते हुए उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है. सबसे अधिक सिवान से ऐसे 175 प्रधानाध्यापक हैं, वहीं पटना से 61 प्रधानाध्यापक हैं और सबसे कम शेखपुरा से एक प्रधानाध्यापक है.
पत्र में क्या लिखा गया है? : मध्यान भोजन योजना के निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि, ''विद्यालयों से संबंधित मध्याह्न भोजन योजना का Mobile Phone से Automated Monitoring System दोपहर (IVRS) की समीक्षा की गयी है. समीक्षा के बाद पाया गया कि दोपहर (IVRS) में लगातार तीन माह से अर्थात दिनांक 01.11.2023 से 31.01.2024 तक सम्यक् रूप से प्रतिवेदन नहीं देने वाले प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक (Call Responded And No Answer एवं Not Responded No Answer) को चिन्हित कर ऐसे प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक की सूची तैयार की गई है. शिक्षकों की सूची को पत्र के साथ संलग्न कर भेजते हुए इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण की मांग की है.''
DEO को दिया गया निर्देश : शिक्षा विभाग ने सभी डीईओ को निर्देश दिया है कि वैसे प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक का वेतन अगले आदेश तक तत्काल बंद करते हुए उनसे स्पष्टीकरण करें कि क्यों नहीं इस लापरवाही के लिए उनके एक माह के वेतन को कटौती कर कोषागार में जमा कर दिया जाए? स्पष्टीकरण के प्रतिउत्तर पर अपने मंतव्य और उसके ऊपर किए गए कार्रवाई के साथ प्रतिवेदन निदेशालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
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